उत्तर प्रदेश राजभवन में मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह का आयोजन
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के राजभवन में, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज के कलाकारों ने मध्य प्रदेश की संस्कृति को जीवंत प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों के सामने पेश किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण मध्य प्रदेश की समृद्ध लोक कलाओं, लोक गायन और नृत्य का प्रस्तुतीकरण रहा।
मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन स्थल पर राज्यपाल का विशेष संबोधन
समारोह के दौरान, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन स्थलों पर गहरी चर्चा की। उन्होंने मध्य प्रदेश के धार्मिक स्थल जैसे पंचमढ़ी और उज्जैन के महाकालेश्वर का विशेष उल्लेख किया। राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि मध्य प्रदेश में कई ऐसे स्थल हैं जहाँ लोक कलाओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने के कार्य हो रहे हैं। इन स्थलों का सांस्कृतिक महत्व समृद्धि के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटन केंद्र
राज्यपाल ने अपनी बातों में मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटन केंद्रों का भी उल्लेख किया। पंचमढ़ी, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, धार्मिक आस्थाओं का केंद्र है। इसके अलावा, उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, जो भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, भी धार्मिक पर्यटन के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थल है।
भोपाल के जनजाति म्यूजियम की भी सराहना करते हुए राज्यपाल ने इसे आदिवासी संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बांधवगढ़ एवं कान्हा टाइगर रिजर्व जैसे वन्यजीव अभ्यारण्य बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन स्थलों पर न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा होती है, बल्कि ये स्थान पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।
मध्य प्रदेश की महान नदियाँ और प्राकृतिक संसाधन
मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी को विशेष मान्यता प्राप्त है, जिसे यहाँ “माता” का दर्जा दिया गया है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में बताया कि नर्मदा नदी चार राज्यों को पेयजल के साथ-साथ बिजली, पर्यटन और रोजगार उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी का महत्व सिर्फ जल आपूर्ति तक ही सीमित नहीं है; यह मध्य प्रदेश की संस्कृति और परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई है।
मध्य प्रदेश की वन और जल संसाधनों की समृद्धि को राज्य के विकास का आधार बताया गया। यहाँ के जंगल, नदियाँ और पहाड़ियां राज्य के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखते हैं और पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र बने हुए हैं।
मध्य प्रदेश में आधारभूत विकास और सामाजिक सुधार
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मध्य प्रदेश के पिछड़े और आतंक प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं और नई पीढ़ी को अनिवार्य शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा और विकास के माध्यम से ही इन क्षेत्रों में आपराधिक प्रवृत्तियों को कम किया जा सकता है। मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन स्थल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह राज्य ना केवल प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है, बल्कि यहाँ की संस्कृति और लोक कला भी अद्वितीय है।
रीवा जिले में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की भी प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त हो रही है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायता मिल रही है।
सांस्कृतिक प्रदर्शनियों और रंगोली के माध्यम से मध्य प्रदेश की झलक
समारोह के दौरान, राजभवन में मध्य प्रदेश की संस्कृति पर आधारित एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश की खानपान, संगीत, तीर्थ स्थल और महान विभूतियों का दर्शन कराया गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए इसे मध्य प्रदेश की संस्कृति को समझने का बेहतरीन माध्यम बताया।
इसके अलावा, समारोह में मध्य प्रदेश राज्य पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई, जिसमें राज्य की स्थापना से लेकर उसके लोक संस्कृति, प्रमुख स्थलों और विकास कार्यों का विवरण दिखाया गया। इस डॉक्यूमेंट्री ने मध्य प्रदेश के विकास यात्रा को बेहतर ढंग से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया।
मध्य प्रदेश के शिक्षा और रोजगार में उन्नति
मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों पर भी चर्चा की गई। राज्यपाल ने बताया कि कैसे शिक्षा के माध्यम से प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों को आगे लाया जा रहा है और नई पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
उदाहरण के लिए, पर्यटन उद्योग में रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे राज्य के युवाओं को आर्थिक संबल मिल सके। मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल और पर्यटन स्थल ना केवल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं, बल्कि ये रोजगार के अवसर भी प्रदान करते हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होता है।
मध्य प्रदेश की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर
मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन स्थलों का महत्व बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह प्रदेश अपने लोक कला, नृत्य और संगीत में संपूर्ण देश के लिए एक आदर्श है। यहाँ की आदिवासी संस्कृति और परंपराएं विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
भोपाल के जनजाति म्यूजियम में आदिवासियों की कला और उनके सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखा गया है। यह म्यूजियम स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है, जहाँ वे मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को नजदीक से देख सकते हैं।
समारोह में मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव
समारोह का समापन मध्य प्रदेश की संस्कृति और पर्यटन स्थलों के महत्व को समझते हुए हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी कलाकारों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन राज्य की संस्कृति को संरक्षित करने और अन्य राज्यों के लोगों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश अपनी कला, परंपरा, धार्मिक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी प्रसिद्ध है। इस अवसर पर राज्यपाल ने मध्य प्रदेश स्थापना दिवस समारोह के सफल आयोजन के लिए आयोजनकर्ताओं को बधाई दी और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव राज्यपाल श्रीप्रकाश गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ पंकज एल जानी, विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल अशोक देसाई व राजभवन के अधिकारीगण व कर्मचारीगण समेत मध्य प्रदेश से आए विभिन्न गणमान्य एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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