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Toggleऔरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत तेज, बीजेपी-शिवसेना समेत कई दल एकमत
संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग हुई तेज
महाराष्ट्र के संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग तेजी से उठ रही है। इस मुद्दे पर बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) समेत कई दल एकमत दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है।
बीजेपी और शिवसेना ने किया समर्थन
बीजेपी नेता सुधीर मुंगंटीवार ने कहा कि जब उन्होंने अफजल की कब्र से अतिक्रमण हटाया था, तो अब उनका रुख औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर अलग कैसे हो सकता है? शिवसेना नेता शंभूराजे देसाई ने भी इसे हटाने के पक्ष में अपनी सहमति जताई है।
शिवाजी वंशजों ने भी किया समर्थन
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज शिवेंद्रराजे भोसले ने भी स्पष्ट रूप से कहा कि औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र में नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र की अस्मिता का विषय है और इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस का रुख और अबू आजमी का विवादित बयान
हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, फिर भी वे इस मुद्दे के लिए कांग्रेस को दोषी ठहरा रहे हैं।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि मुगल बादशाह को क्रूर और असहिष्णु कहना गलत है। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई और उनके खिलाफ ठाणे में केस दर्ज कर लिया गया।
केंद्र सरकार से चर्चा करेगी महाराष्ट्र सरकार
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह कब्र भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है, जिसे कांग्रेस सरकार के दौरान संरक्षित किया गया था। इसलिए इसे हटाने से पहले केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी।
MNS का सख्त रुख – कब्र हटाने की जरूरत
MNS नेता बाला नांदगांवकर ने कहा कि औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग सही है, क्योंकि यह वही आक्रमणकारी था जिसने छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या की थी।
क्या हटाई जाएगी औरंगजेब की कब्र?
सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन जिस तरह से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग जोर पकड़ रही है, उससे साफ है कि इस पर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है।
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग राजनीतिक और ऐतिहासिक मुद्दा बन चुकी है। बीजेपी, शिवसेना, कांग्रेस और MNS समेत सभी दल इस पर अलग-अलग रुख अपना रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या फैसला लेती है।
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