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Wednesday, March 19, 2025

मणिपुर में JDU का समर्थन वापस: बीजेपी से जेडीयू का इस्तीफा और राजनीतिक प्रभाव

मणिपुर में JDU का समर्थन वापस: राजनीतिक संकट की शुरुआत

मणिपुर में JDU का समर्थन वापस
मणिपुर में JDU का समर्थन वापस

मणिपुर में JDU का समर्थन वापस लेने की खबर ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने मणिपुर में बीजेपी सरकार से औपचारिक रूप से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। यह कदम मणिपुर की राजनीति में नई जटिलताएं पैदा कर सकता है, हालांकि जेडीयू का कहना है कि यह फैसला सरकार की स्थिरता पर कोई बड़ा असर नहीं डालेगा।

जेडीयू ने क्यों लिया समर्थन वापस?

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने मणिपुर के राज्यपाल को एक पत्र लिखकर बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने की जानकारी दी। पत्र में उल्लेख किया गया कि जेडीयू के पास मणिपुर विधानसभा में एक ही विधायक, मोहम्मद अब्दुल नासिर, है और वह अब विपक्ष में रहेंगे। जेडीयू ने कहा कि मणिपुर में उनका समर्थन वापसी का निर्णय किसी अन्य राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि राज्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

मणिपुर में जेडीयू का समर्थन वापस क्यों महत्वपूर्ण है?

मणिपुर में JDU का समर्थन वापस राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राज्य की बीजेपी सरकार की स्थिरता को प्रभावित करने वाला कदम हो सकता है। हालाँकि, जेडीयू का कहना है कि इससे सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन मणिपुर में बीजेपी सरकार को अब अधिक सावधानी से काम करना पड़ेगा। इसके अलावा, जेडीयू के इस फैसले का बिहार और केंद्र में भी गहरा प्रभाव पड़ सकता है, जहां जेडीयू और बीजेपी एक साथ गठबंधन में हैं।

जेडीयू ने वीरेंद्र सिंह को क्यों हटाया?

जेडीयू ने अपने प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को मणिपुर में पार्टी के संचालन में अनुशासनहीनता के आरोप में हटा दिया है। पार्टी ने कहा कि वीरेंद्र सिंह ने बिना पार्टी नेतृत्व की अनुमति के राज्यपाल को पत्र लिखा, जिससे पार्टी के फैसलों को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया गया। अब, जेडीयू ने वीरेंद्र सिंह को पदमुक्त कर दिया है और उनकी जगह नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

क्या मणिपुर में जेडीयू का समर्थन वापस बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा?

मणिपुर में JDU का समर्थन वापस बीजेपी के लिए एक नई चुनौती बन सकता है, खासकर यदि अन्य छोटे दल भी समर्थन वापस लेने का फैसला करते हैं। हालांकि, जेडीयू का कहना है कि उनका समर्थन बीजेपी सरकार को पूरी तरह से जारी रहेगा। ऐसे में, मणिपुर में सत्ता की राजनीति में बदलाव के संकेत मिलते हैं, लेकिन इस फैसले का व्यापक असर नहीं होगा, ऐसा भी माना जा रहा है।

मणिपुर में जेडीयू के समर्थन वापस लेने के बावजूद, बीजेपी सरकार की स्थिरता को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस घटना ने मणिपुर के राजनीतिक परिदृश्य को नया मोड़ दिया है, और आने वाले दिनों में इससे जुड़े नए घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं। जेडीयू के इस फैसले के बाद बीजेपी को अपनी रणनीति को और अधिक मजबूती से लागू करना होगा।

 

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