भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 28 दिसंबर को दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, और उनकी मृत्यु 26 दिसंबर को दिल्ली के AIIMS अस्पताल में हुई थी। देश ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी, और उनकी बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस लेख में हम उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया और देशभर से आए नेताओं और नागरिकों की श्रद्धांजलियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

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Toggleमनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार: पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। उनके पार्थिव शरीर को पहले कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर उनका अंतिम यात्रा लगभग 11 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए निगम बोध घाट पहुंची, जहां उन्हें अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी, और दिल्ली पुलिस ने मार्गों को डायवर्ट किया था ताकि यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने शिरकत की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने निगम बोध घाट पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल जैसे विदेशी मेहमानों ने भी अंतिम संस्कार में भाग लिया और पूर्व पीएम को सम्मानित किया।
कांग्रेस मुख्यालय से निगम बोध घाट तक अंतिम यात्रा
मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को 28 दिसंबर की सुबह कांग्रेस मुख्यालय लाया गया, जहां एक घंटे तक लोगों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, जो दिल्ली के प्रमुख स्थानों से होती हुई निगम बोध घाट पहुंची। अंतिम यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ता, आम लोग और कई प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। यात्रा का मार्ग अकबर रोड से शुरू होकर इंडिया गेट, तिलक मार्ग, आईटीओ, और रिंग रोड से होते हुए निगम बोध घाट पहुंचा।
सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक डायवर्शन
मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा के दौरान दिल्ली पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान यात्रा के साथ-साथ रहे। दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने इस दौरान कई सड़कों को डायवर्ट कर दिया था ताकि यात्रा में कोई रुकावट न आए। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूरे मार्ग पर पुलिस बल तैनात किया गया था। यात्रा के दौरान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भारी संख्या में कार्यकर्ता और आम लोग जुटे हुए थे।
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने दी श्रद्धांजलि

मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुख भी शामिल हुए और उन्होंने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दर्शाता है कि डॉ. मनमोहन सिंह को केवल राजनीति में ही नहीं, बल्कि भारतीय सेना और सैन्य बलों में भी बहुत सम्मान था।
मनमोहन सिंह की अंतिम विदाई से पहले AIIMS में भर्ती
डॉ. मनमोहन सिंह की स्वास्थ्य स्थिति 26 दिसंबर को अचानक खराब हो गई थी। उन्हें दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन रात 9:51 बजे उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर फैलते ही देशभर के नेताओं और नागरिकों ने शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, और कई अन्य प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं का श्रद्धांजलि अर्पित करना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे भारतीय राजनीति के एक स्तंभ थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश की आर्थिक नीतियों को मजबूत किया और देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार किया। अन्य नेताओं ने भी उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
मनमोहन सिंह का योगदान और उनके कार्यकाल की उपलब्धियां
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी विनम्रता और बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता था। उनके कार्यकाल के दौरान भारत ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए और दुनिया भर में एक नई पहचान बनाई। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन और श्रद्धांजलि
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने कई ऐतिहासिक सफलताएं हासिल की थीं। उनका योगदान भारतीय राजनीति के लिए अमूल्य था। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर उनकी सेवाओं को सराहा।
मनमोहन सिंह की पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देने आने वाले लोग
मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके सम्मान में विभिन्न राज्य और केंद्र सरकारों ने शोक व्यक्त किया। राज्यसभा और लोकसभा दोनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके निधन से पहले, उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर देश भर में चर्चा हो रही थी, और उनके परिवार ने उनके स्वास्थ्य के बारे में अपडेट प्रदान किया था।
निधन के बाद देशभर में शोक की लहर
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक गहरा आघात था। उनका योगदान, उनकी शांति और राजनीतिक दृष्टिकोण हमेशा याद किया जाएगा। उनके कार्यों से भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव आया, और उनके निर्णयों का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक युग के अंत के रूप में देखा जा सकता है। उनके द्वारा किए गए सुधारों और नेतृत्व के कारण वह भारतीय राजनीति में हमेशा याद किए जाएंगे। उनकी अंतिम यात्रा में उनके योगदान और व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर से लोग पहुंचे। उनके योगदान के कारण ही उन्हें हमेशा सम्मान मिलेगा।
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