हादसे के दौरान गुम हुई सरकारी पिस्टल और कारतूस
31 जनवरी को मेरठ पुलिस लाइन में तैनात सिपाही नीरज कुमार अपनी मोटरसाइकिल से गंगानगर जा रहे थे। रास्ते में आईआईएमटी गेट नंबर-4 के पास उनकी मोटरसाइकिल किसी जानवर से टकरा गई, जिसके कारण सिपाही चोटिल हो गए। इस हादसे के दौरान उनकी सरकारी पिस्टल और मैगजीन जिसमें 10 कारतूस थे, गुम हो गए। इस मामले में थाना भावनपुर पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। पुलिस ने सरकारी पिस्टल और कारतूस की बरामदगी के लिए अभियान शुरू किया।
डिलीवरी बॉय ने ढूंढकर लौटाई पिस्टल और कारतूस
कुछ दिन बाद, 4 फरवरी को श्रृंग यादव, जो जोमेटो में डिलीवरी बॉय का काम करता है, को गंगानगर से मेरठ जाते वक्त सिपाही की गुम हुई पिस्टल और कारतूस का पता चला। उसने तुरंत इस सामान को थाने में जाकर पुलिस के हवाले कर दिया। श्रृंग यादव ने बताया कि वह जब गंगानगर से मेरठ जा रहा था, तो रास्ते में पिस्टल और कारतूस उसे मिली। उन्होंने पुलिस को सूचित कर यह सामान सौंप दिया।
एसएसपी ने डिलीवरी बॉय को ₹11,000 का पुरस्कार दिया
श्रृंग यादव की ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए मेरठ पुलिस के एसएसपी विपिन ताडा ने उसे सम्मानित किया। एसएसपी ने श्रृंग यादव को ₹11,000 की पुरस्कार राशि देकर उसकी सराहना की। एसएसपी ने कहा कि यह एक अच्छा उदाहरण है, जिससे समाज में ईमानदारी और जिम्मेदारी का संदेश मिलता है। पुलिस विभाग ने इस खबर को अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर भी साझा किया।
पुलिस की तरफ से पुरस्कार की घोषणा
सरकारी पिस्टल और कारतूस की बरामदगी के बाद, पुलिस ने ₹11,000 का इनाम देने की घोषणा की थी, जिसे श्रृंग यादव को उसकी ईमानदारी के लिए प्रदान किया गया। मेरठ पुलिस का यह कदम समाज में सकारात्मक संदेश देने का काम करता है और यह दिखाता है कि पुलिस अपनी सच्चाई और ईमानदारी से काम करने वालों को सम्मानित करती है।
इस घटना से यह साबित हुआ कि नागरिकों की जागरूकता और जिम्मेदारी से बड़े अपराधों को रोका जा सकता है। मेरठ सिपाही पिस्टल गुम मामले में डिलीवरी बॉय की ईमानदारी से पुलिस को महत्वपूर्ण मदद मिली और वह सम्मान के पात्र बने। इस तरह की घटनाएं समाज में विश्वास और ईमानदारी को बढ़ावा देती हैं।
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