मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम: BJP ने सपा को हराकर हासिल की बड़ी जीत

उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदार जीत दर्ज की है। पार्टी ने इस बार नए चेहरे चंद्रभानु पासवान पर दांव खेला, जो 60,000 से अधिक वोटों से विजयी हुए। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी अजीत प्रसाद को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।
चंद्रभानु पासवान ने कैसे मारी बाजी?
BJP ने नए चेहरे पर लगाया दांव
मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए हुए इस उपचुनाव में BJP ने पुराने दावेदारों को छोड़कर चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया। चंद्रभानु पहले भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं और अयोध्या के रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। उनकी जीत ने साबित कर दिया कि पार्टी का यह फैसला सही था।
सीएम योगी और बीजेपी के बड़े नेताओं का मिला समर्थन
चंद्रभानु पासवान को इस जीत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिला। योगी आदित्यनाथ ने खुद मिल्कीपुर में कई रैलियां कीं और जनता से BJP को वोट देने की अपील की।
सपा को क्यों मिली हार?
अखिलेश यादव की रणनीति फेल
समाजवादी पार्टी ने इस सीट के लिए सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, अखिलेश यादव और अन्य नेताओं द्वारा की गई प्रचार रैलियों के बावजूद सपा के पक्ष में वोट नहीं जा सके।
अयोध्या लोकसभा चुनाव की हार का BJP ने लिया बदला
गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने अयोध्या सीट से BJP के लल्लू सिंह को हराया था। लेकिन अब मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को हरा दिया, जिसे 2024 की हार का बदला माना जा रहा है।
मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम: जातीय समीकरण और वोटिंग पैटर्न
मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 3.58 लाख मतदाता हैं, जिनमें अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के वोटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां पासी समाज और यादव समुदाय का दबदबा है। हालांकि, इस बार अनुसूचित जाति के मतदाताओं ने BJP के पक्ष में मतदान किया, जिससे चंद्रभानु पासवान की जीत सुनिश्चित हुई।
BJP की बढ़ती पकड़
मिल्कीपुर उपचुनाव परिणाम से यह साफ हो गया कि बीजेपी ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है। 2024 लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने इस उपचुनाव को गंभीरता से लिया और सपा को करारा जवाब दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा चुनावों में BJP इस जीत को कैसे भुनाती है।
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