मोबाइल फोन से कैंसर का खतरा कम, लेकिन क्या यह पूरी तरह सुरक्षित है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में एक अध्ययन के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि मोबाइल फोन का उपयोग सीधे तौर पर कैंसर का कारण नहीं है। हालांकि, इस घोषणा ने कुछ हद तक लोगों के बीच के डर को कम किया है, लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि मोबाइल फोन पूरी तरह से सुरक्षित हैं? इस लेख में हम मोबाइल फोन के स्वास्थ्य पर प्रभावों की गहराई से चर्चा करेंगे।

 मोबाइल फोन

मोबाइल फोन और कैंसर का संबंध

WHO की एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने कहा है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियोफ्रीक्वेंसी विकिरण को “संभावित कैंसरकारी” के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जिसका अर्थ है कि यह कैंसर के विकास का कारण बन सकता है, लेकिन इसके स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं। यह जानकारी इस धारणा को बल देती है कि मोबाइल फोन का उपयोग कैंसर का सीधा कारण नहीं है।

विकिरण (radiation) के प्रकार
मोबाइल फोन से निकलने वाले विकिरण को गैर-आयनकारी विकिरण (ionizing radiation) कहा जाता है। यह विकिरण आमतौर पर वेव्स की एक विशिष्ट सीमा में होता है और यह मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक नहीं माना जाता। इसके विपरीत, आयनकारी विकिरण जैसे कि एक्स-रे और गामा किरणें, अधिक हानिकारक होती हैं और कैंसर का कारण बन सकती हैं। इसलिए, मोबाइल फोन का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विकिरण का स्तर क्या है और इसका प्रभाव क्या हो सकता है।

अन्य स्वास्थ्य प्रभाव
हालांकि WHO ने कैंसर के संबंध में आश्वासन दिया है, लेकिन मोबाइल फोन के अन्य स्वास्थ्य प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यहाँ कुछ प्रमुख चिंताएँ हैं:

आँखों की समस्याएँ: लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग करने से आँखों में सूजन, थकान, और दृष्टि में कमी हो सकती है। स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से “डिजिटल आंखों की थकान” जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

मानसिक स्वास्थ्य: मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से चिंता और अवसाद के स्तर में वृद्धि हो सकती है। सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन गतिविधियों के माध्यम से लगातार संपर्क में रहना कभी-कभी मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

नींद में परेशानी: मोबाइल फोन की नीली रोशनी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। रात को सोने से पहले फोन का उपयोग करने से नींद में कमी आ सकती है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

शारीरिक स्वास्थ्य: लगातार मोबाइल फोन का उपयोग करने से शारीरिक गतिविधि में कमी आ सकती है। यह मोटापे, हृदय रोग, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

सुरक्षा उपाय
यदि आप मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं, तो कुछ सुरक्षा उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है:

इयरफ़ोन का उपयोग करें: फोन पर बात करते समय इयरफ़ोन या हैंड्स-फ्री का उपयोग करने से आपके सिर के करीब विकिरण की मात्रा कम हो जाती है।

दूरी बनाए रखें: मोबाइल फोन को अपने शरीर से दूर रखें, विशेषकर जब आप इसे चार्ज कर रहे हों। चार्जिंग के दौरान फोन अधिक गर्म हो सकता है, जिससे विकिरण का स्तर बढ़ सकता है।

कम समय बिताएं: फोन पर बात करने का समय सीमित करें और ज़रूरत पड़ने पर टेक्स्टिंग या अन्य तरीकों का उपयोग करें।

नींद से पहले फोन का उपयोग न करें: सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल फोन का उपयोग न करें। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

स्क्रीन टाइम को सीमित करें: दिन भर में स्क्रीन के सामने बिताए जाने वाले समय को सीमित करें और नियमित ब्रेक लें।

भविष्य की शोध की आवश्यकता
हालांकि WHO ने मोबाइल फोन के कैंसर से संबंधित डर को कुछ हद तक कम किया है, लेकिन इसके स्वास्थ्य प्रभावों पर अधिक शोध की आवश्यकता है। नई तकनीकों और मोबाइल उपकरणों के विकास के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस विषय पर निरंतर अध्ययन करें।

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WHO द्वारा दी गई जानकारी ने मोबाइल फोन के उपयोग को लेकर कुछ चिंताओं को कम किया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। यह स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, सावधानी बरतना आवश्यक है। मोबाइल फोन का उपयोग करते समय जागरूकता और जिम्मेदारी अपनाना महत्वपूर्ण है, ताकि हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।

यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि मोबाइल फोन आज की आधुनिक जीवनशैली का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, और इन्हें पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता। इसीलिए, सावधानी और सही उपयोग के साथ हम मोबाइल फोन के लाभों का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं, जबकि संभावित हानियों से भी सुरक्षित रह सकते हैं।