नमो ड्रोन योजना के तहत नमो ड्रोन दीदी बन रही हैं मालामाल।

Lucknow भारत सरकार द्वारा लागू की गयी नमो ड्रोन दीदी योजना से ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में इजाफा हो रहा है। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश में चल रही इस योजना में नित नये आयाम स्थापित किये जा रहे हैं। इस योजना से जहां एक ओर खेती की लागत कम करने के प्रयास चल रहे हैं वहीं ग्रामीण महिलाओं की आमदनी भी बढ़ रही है। नमो ड्रोन दीदी योजना सरकार का एक अभिनव प्रयास है जिसका मकसद देश की ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत समूह की महिलाओं को सरकार की ओर से ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है।

नमो ड्रोन योजना ग्रामीण स्तर पर समूह की महिलाओं को कृषि आधारित उत्कृष्ट तकनीक आधारित उद्यम करने हेतु अवसर प्रदान कर रही है। ड्रोन के प्रयोग से कृषि कार्यों मे परंपरागत यूरिया के स्थान पर नैनो यूरिया के प्रयोग को बल मिला है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2023-24 से 2025-26 तक कुल 15,000 ड्रोन पूरे देश में उपलब्ध कराने की योजना है जिनमें से 500 ड्रोन पहले ही उर्वरक कंपनियों द्वारा मुफ्त मे उपलब्ध कराए जा चुके हैं। ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में 2023-24 में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गठित समूहों मे 39 जनपदों के 114 समूह सदस्यों को ड्रोन एवं संबन्धित उपकरण नि:शुल्क वितरित किए जा चुके है। वर्तमान मे यही ड्रोन दीदियाँ ड्रोन से स्वयं के खेती में इस्तेमाल के साथ ही ड्रोन को आस पड़ोस मे किराए पर खेती मे उपयोग करके अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं।

नमो ड्रोन योजना के तहत नमो ड्रोन दीदी को अतिरिक्त आय का श्रोत प्राप्त हुआ है और खेती के लिए पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर की खपत में भी बड़ी कमी आ रही है। यही नहीं योजना की मदद से किसानो की कृषि में लागत घट रही है जिससे उन्हे आमदनी बढ़ाने में भी लगातार मदद मिल रही है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि नमो ड्रोन दीदी योजना का लाभ स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ही दिया जा रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ऐसे समूह सदस्य, जिनकी उम्र 18 वर्ष के ऊपर, शिक्षित तथा मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, उन्हे नमो ड्रोन दीदी के लिए चयनित किया गया है। योजना के अंतर्गत चयनित महिला को 15 दिनों तक ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, यह प्रशिक्षण 10 से 15 गांवों का एक कलस्टर बनाकर महिलाओं को दिया जाता है।

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