बहराइच। वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्वर्गीय चौधरी त्रिभुवन दत्त वर्मा की प्रथम पुण्यतिथि पर निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इस कैंप में सीतापुर नेत्र चिकित्सालय की टीम ने 300 से अधिक मरीजों का परीक्षण किया और 75 मोतियाबिंद रोगियों को चिन्हित कर ऑपरेशन के लिए सीतापुर भेजा।

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Toggleनिशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन
स्व. चौधरी त्रिभुवन दत्त वर्मा की पुण्यतिथि पर उनके पैतृक गांव चितरहिया में इस निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का मुख्य उद्देश्य मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों से पीड़ित लोगों की पहचान कर उनका उपचार सुनिश्चित करना था।
शिविर का संयोजन नरेंद्र वर्मा द्वारा किया गया, जबकि इस अभियान को स्व. वर्मा के पुत्र अधिवक्ता ब्रह्म दत्त वर्मा और पूर्व प्रधान हरिश्चंद्र वर्मा ने सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
300 से अधिक मरीजों का हुआ परीक्षण
सीतापुर नेत्र चिकित्सालय की अनुभवी डॉक्टर डॉ. निशा श्रीवास्तव के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम ने मरीजों का परीक्षण किया। इस दौरान,
- 300 से अधिक मरीजों की आंखों की जांच की गई।
- कई मरीजों को चश्मा पहनने की सलाह दी गई।
- 75 मरीजों में मोतियाबिंद की पहचान हुई, जिन्हें ऑपरेशन के लिए सीतापुर नेत्र चिकित्सालय भेजा गया।
मोतियाबिंद के मरीजों के लिए निशुल्क ऑपरेशन
इस निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में पाए गए 75 मोतियाबिंद मरीजों को निजी साधनों से सीतापुर ले जाया गया, जहां उनका निशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा।
डॉ. निशा श्रीवास्तव ने बताया कि मोतियाबिंद एक गंभीर समस्या है, जिसे समय पर इलाज न मिलने पर मरीजों की दृष्टि प्रभावित हो सकती है।
जनसंपर्क अभियान से लोगों को मिली जानकारी
इस नेत्र चिकित्सा शिविर को सफल बनाने के लिए कई दिनों तक जनसंपर्क अभियान चलाया गया। स्व. वर्मा के परिवारजनों ने गांव-गांव जाकर लोगों को इस निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर के बारे में जानकारी दी, जिससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हो सके।
गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म
इस अवसर पर नरेंद्र कुमार वर्मा ने कहा,
“स्वर्गीय श्री चौधरी का उद्देश्य हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना था, जिसे उनके पुत्र अब आगे बढ़ा रहे हैं।”
वहीं, रामेश्वर पवन ने कहा कि गरीबों की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है और इस प्रकार के आयोजन समाज के लिए बहुत लाभकारी होते हैं।
जरूरतमंदों को मिला भोजन और वस्त्र
इस शिविर के दौरान,
- आसपास के गांवों से आए लोगों को भोजन कराया गया।
- विधवा और बेसहारा महिलाओं को अंग वस्त्र भेंट किए गए।
ब्रह्म दत्त वर्मा का संकल्प
श्री चौधरी के बड़े पुत्र अधिवक्ता ब्रह्म दत्त वर्मा ने कहा कि वे गरीब और जरूरतमंदों की सेवा को आजीवन जारी रखेंगे।
यह निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर नेत्र रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। इससे न सिर्फ मोतियाबिंद के मरीजों को उपचार मिला, बल्कि कई अन्य लोगों को भी नेत्र संबंधी समस्याओं से निपटने के सुझाव मिले। इस तरह के शिविर से गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होता है, जिससे जरूरतमंद लोगों को बेहतर उपचार मिल पाता है।
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