किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी के दौरान का समय बहुत नाजुक होता है। इस समय महिला को बहुत सावधानी पूर्वक खुद का ख्याल रखना होता है। ऐसे में आपने अक्सर देखा होगा कि महिलाओं को डॉक्टर की तरफ से कहा जाता है कि, प्रेगनेंसी के दौरान तनाव बिल्कुल भी ना ले, लेकिन कई घरों में महिलाएं घर की छोटी-छोटी परेशानियों को लेकर इतने तनाव में रहती है जिसके चलते उनके बच्चों के साथ-साथ उन पर भी गहरा असर देखने को मिलता है। जी हां.. जब प्रेग्नेंट महिला किसी भी प्रकार का स्ट्रेस लेती है तो न केवल इस पर बच्चों पर नकारात्मक असर पड़ता है जबकि मां का स्वास्थ्य भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। तो चलिए जानते हैं आखिर एक प्रेग्नेंट महिला को स्ट्रेस लेने के कारण क्या-क्या परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है?
हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या
इसमें सबसे पहले बात की जाती है हार्मोन्स के असंतुलित होने की समस्या। दरअसल, जो महिलाएं प्रेगनेंसी में ज्यादा स्ट्रेस लेती है इसके कारण महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है और इसके कारण शरीर में प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स का संतुलन भी प्रभावित होता है। ऐसे में महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर है कि आप प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार का स्ट्रेस ना ले, इससे आपका बच्चा भी स्वस्थ रहेगा साथ ही आपकी सेहत पर भी कोई नुकसान नहीं होगा।
भूख न लगने की समस्या
जब आप स्ट्रेंस लेते हैं तो आपको भूख न लगने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, प्रेगनेंट वूमेन जब अधिक स्ट्रेस रहने लगती है तो इसका खान-पान पर भी असर देखने को मिलता है, खानपान का संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण महिलाएं खाने पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती है। इसके चलते बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव देखने को मिलता है साथ ही उसके शरीर को भी कई नुकसान झेलने पड़ते हैं।
नींद ना आने की समस्या
तनाव को सबसे बड़ा कारण यह भी है कि आपको नींद ना आने की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है, जो महिलाएं प्रेगनेंसी में अधिक तनाव लेती है वह भरपूर नींद नहीं ले पाती है जिसके चलते महिलाओं के शरीर में थकान बनी रहती है उन्हें कमजोरी महसूस होने लगती है। इस दौरान उन्हें चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स की भी समस्या होने लगती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप तनाव से बच्चे और अच्छे से नींद पूरी करें।
भावनात्मक परेशानियों से दूर रहे
प्रेग्नेंट महिलाएं जब अधिक स्ट्रेस लेती है तो इससे एंजायटी, चिंता, मूड स्विंग और डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियां का सामना करना पड़ सकता है जो मन के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य के लिए भी काफी नुकसानदायक है। आप इस दौरान थोड़ी भावनात्मक परेशानियों से दूर रहे और अपने बच्चों के बारे में सोचे।
प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा
बता दे प्रेगनेंसी के दौरान जो महिलाऐं अधिक स्ट्रेस लेती है उन्हें प्रीमेच्योर डिलीवरी का भी खतरा रहता है। जी हां.. समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा बढ़ता है, इसमें बच्चों के कमजोर होने वजन कम होने और बच्चे के मानसिक विकास पर भी बुरा असर देखने को मिलता है। ऐसे में आप कोशिश करें की प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार का स्ट्रेस ना ले इससे आपके बच्चों पर नकारात्मक असर देखने को मिलता है।
प्रेशर बढ़ने की समस्या
जो माएं प्रेगनेंसी के दौरान अधिक स्ट्रेस लेती है उन्हें ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है। दरअसल स्ट्रेस लेने के कारण महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर होने या प्री-एक्लेम्पसिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान न केवल बच्चों पर असर होता है बल्कि वह के स्वास्थ्य के लिए भी यह बहुत हानिकारक है।
कैसे कम करें स्ट्रेस?
प्रेगनेंसी में स्ट्रेस कम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें। इससे आपका ध्यान तनाव की ओर नहीं जाएगा साथ ही अपने खान-पान का नियमित रूप से ध्यान रखें। इससे बच्चा भी हेल्दी होगा और आपके शरीर को भी किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस दौरान आप नियमित रूप से वॉक जरूर करें या फिर प्रकृति के बीच थोड़ा टहले जिससे आपको स्ट्रेस कम होगा और आपके ब्रेन को रिलैक्स करने में भी मदद मिलेगी।
नोट: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है। यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है। अधिक से अधिक जानकारी के लिए अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें। ‘सम्पूर्ण न्यूज’ इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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