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Monday, July 7, 2025
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पिछली सरकार पर नन्दी का हमला, कहा- इन्होंने अहिल्याबाई के गौरवशाली इतिहास को दबाने एवं छिपाने का कार्य किया…

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  1. सनातन संस्कृति के पुर्नर्स्थापना की अग्रदूत थीं अहिल्याबाई होलकरः नन्दी
  2. पिछली सरकारों ने अहिल्याबाई के गौरवशाली इतिहास को दबाने एवं छिपाने का कार्य कियाः नन्दी
  3. संकल्प और सदाचार की अनुपम मिसाल है अहिल्याबाई होलकर का जीवनः अभिलाषा गुप्ता
  4. अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी स्मृति अभियान-2025 के तहत प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में किया गया विधानसभा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन।

सचिन मलिक, लखनऊ: पुण्यश्लोक देवी अहिल्याबाई होलकर की जन्म त्रिशताब्दी स्मृति अभियान-2025 के उपलक्ष्य में रविवार को प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के मुट्ठीगंज मंडल में विधानसभा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी व भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। सभी ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर को नमन किया। वहीं उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।

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पिछली सरकार पर नंदी का हमला
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मंत्री नन्दी ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर सनातन संस्कृति के पुर्नर्स्थापना की अग्रदूत थीं। उन्होंने विदेशी आक्रान्ताओं के कालखण्ड में जिस साहस, भक्ति और समर्पण से काशी से लेकर रामेश्वर तक देश के अनेक तीर्थस्थलों का पुनरोद्धार कराया, वह भारतीय इतिहास का अद्वितीय अध्याय है। इस अद्वितीय अध्याय एवं देवी अहिल्याबाई के जीवन से जुड़े गौरवशाली इतिहास को पिछली सरकारों ने छिपाने और दबाने का कार्य किया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विरासत को सम्भालते हुए विकास को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। आज पूरा देश भारत के गौरवशाली इतिहास पर गर्व कर रहा है।

अहिल्याबाई भारतीय संस्कृति की एक अद्वितीय प्रतीक
प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने कहा कि पूज्य देवी अहिल्याबाई होलकर भारतीय संस्कृति की एक अद्वितीय प्रतीक थीं, जिन्होंने नारी नेतृत्व, जनकल्याण एवं धर्म-स्थापना के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया। उनका जीवन सेवा, संकल्प और सदाचार की अनुपम मिसाल है, जो आज भी समाज को प्रेरणा देता है। भारत के धार्मिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान, नारी सशक्तिकरण और समतामूलक समाज की स्थापना हेतु किए गए उनके कार्य युगों तक हमें प्रेरणा देते रहेंगे।

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ये कार्यकर्ता रहे उपस्थित
इस अवसर पर प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी, भाजपा प्रयागराज के महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, उपाध्यक्ष अनिल केसरवानी झल्लर, मंडल अध्यक्ष परमानन्द वर्मा, सुमित वैश्य, रजत दूबे जी, श्री गया निषाद, कबीर जायसवाल, दीप द्विवेदी, व्यापारी नेता सतीश केसरवानी, राजकुमार केसरवानी, अनूप केसरवानी, स्वाती गुप्ता एवं सभी भाजपा कार्यकर्ता एवं व्यापारी उपस्थित रहे।

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‘विकसित भारत निर्माण’ के लिए मार्गदर्शित करता है ‘मन की बात’, ऑपरेशन सिंदूर पर भी बोले नन्दी

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  1. ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर हिंदुस्तानी का सिर ऊंचा किया: नन्दी
  2. उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने अपने विधानसभा क्षेत्र में सुनी मन की बात।

सचिन मलिक, लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने रविवार को अपने प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के मुट्ठीगंज मंडल के बूथ संख्या 25 साधोगंज मंडी में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक की उपस्थिति में पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, व्यापारी भाइयों, समर्थकों एवं आमजन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुना।

‘मन की बात’ सभी के लिए प्रेरणास्रोत
कैबिनेट मंत्री नन्दी ने कहा कि ‘मन की बात’ केवल विचारों का संवाद नहीं, बल्कि सरकार की प्राथमिकताओं को समझने और जनभागीदारी को महसूस करने का एक प्रेरक माध्यम है। यह कार्यक्रम हर भारतीय को राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सहभागी बनने का आमंत्रण देता है। कैबिनेट मंत्री नन्दी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन जनकल्याण, सांस्कृतिक पुनर्जागरण, नवाचार तथा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त करने वाले सामूहिक प्रयासों में नई ऊर्जा का संचार करने वाला रहा। यह हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

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ऑपरेशन सिंदूर पर भी दिया बयान
प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने कहा-प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के विरुद्ध भारत की मजबूत नीति, “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे निर्णायक कदमों की चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने, प्राकृतिक धरोहरों और वाइल्डलाइफ संरक्षण, तथा योग के वैश्विक प्रभाव और दैनिक जीवन में इसके लाभ पर भी विचार साझा किए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर में देश के वीर जवानों के शौर्य, पराक्रम और त्याग को रेखांकित करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन भारत की आतंकवाद के विरुद्ध “जीरो टॉलरेंस नीति” का सशक्त उदाहरण है।

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कौन कौन रहे उपस्थित?
इस अवसर पर प्रयागराज की पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी, भाजपा प्रयागराज के महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, उपाध्यक्ष अनिल केसरवानी झल्लर, मंडल अध्यक्ष परमानन्द वर्मा, सुमित वैश्य, रजत दूबे, गया निषाद, कबीर जायसवाल, दीप द्विवेदी, व्यापारी नेता सतीश केसरवानी, राजकुमार केसरवानी, अनूप केसरवानी, स्वाती गुप्ता एवं सभी भाजपा कार्यकर्ता एवं व्यापारी उपस्थित रहे।

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फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र मे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जोडा जा रहा है: केशव प्रसाद मौर्य

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  1. प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन के तहत बडी संख्या मे स्थापित किये जा रहे हैं उद्यम।
  2. विकसित भारत के मोदी के मिशन को आम किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।

सचिन मलिक, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन मे प्रदेश मे बडी संख्या मे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओ को फूड प्रोसेसिंग गतिविधियों से जोडा जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों के इस सेक्टर से जुडने से महिलाओ की आमदनी मे इजाफा हो रहा है। कृषि उत्पादों के साथ उनकी प्रोसेसिंग व भण्डारण के क्षेत्र मे किसानो की बढती रूचि से विकसित भारत के मोदी के मिशन को आम किसानों तक पहुंचाया जा रहा है। प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन के तहत बडी संख्या मे उद्यम स्थापित किये जा रहे हैं।

दिया जा रहा खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा
विभिन्न नीतिगत हस्तक्षेपों, बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापार करने में आसानी के सुधारों के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। यूपी की खाद्य प्रसंस्करण नीति पूंजी सब्सिडी, ब्याज छूट और प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स पार्कों की स्थापना के लिए समर्थन सहित आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करती है। पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) योजना के तहत, वित्तीय, तकनीकी और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करके सूक्ष्म और लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मजबूत करने के लिए काम किया जा रहा है।

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7000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश
खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 अन्तर्गत निवेश पोर्टल के माध्यम से ऑनलाईन 1100 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें रु 7000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है। प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (पीएम एफएमई) योजना प्रदेश में 14 इनक्यूवेश-सेण्टर्स भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये हैं। इनकी स्थापना होने पर प्रदेश के कि स्टार्ट-अप, स्वयं सहायता समूहो, छात्रों आदि को विभिन्न लाभ प्राप्त होगें, जिससे इन सेण्टर्स माध्यम से वित्तीय और आर्थिक लाभ ऋण तक पहुंच में वृद्धि पीएम एफएमई इनक्यूवेशन सेण्टर्स सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, एफपीओ, एसएचजी और सहकारी समितियों के लिए ऋण तक पहुंच की सुविधा प्रदान करते हैं।

500 करोड़ से अधिक अनुदान धनराशि
पीएम एफएमई योजना में उद्योग लगवाने के लिए प्रत्येक जनपद में जनपदीय रिसोर्स पर्सन (डी.आर.पी) की तैनाती जनपद के मुख्य विकास अधिकारियों द्वारा की जाती है। एक इकाई की स्थापना कराने में इन्हें धनराशि रू.20000 उपलब्ध करायी जाती है, अभी तक 17150 इकाईयों से अधिक स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिन्हें रू.500 करोड़ से अधिक अनुदान धनराशि समय-समय उपलब्ध करायी गयी है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा चयनित 10000 महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को 30 करोड़ कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी गयी, जिनके माध्यम से महिलायें खाद्य प्रसंस्करण आधारित उत्पाद तैयार करते हुए स्थानीय स्तर पर विक्रय कर रही हैं।

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17000 करोड़ से अधिक टर्म लोन स्वीकृत
उत्तर प्रदेश में विभिन्न बैंकों के द्वारा पीएम एफएमई योजना के अन्र्तगत 17000 करोड़ से अधिक टर्म लोन स्वीकृत किया गया है। पीएम एफएमई योजना के अन्तर्गत इस वर्ष स्वीकृत प्रस्ताव सर्वाधिक हैं, जिनका स्ट्राइक रेट 98 प्रतिशत है जो कि प्रथम स्थान पर है। प्रत्येक गांव को लाभान्वित करने के उद्देश्य से मुख्यमन्त्री खाद्य प्रसंस्करण योजना इस वर्ष प्रारम्भ की गयी है, जिसके माध्यम से प्रत्येक गांव में कुटीर उद्योग स्थापित कराने का लक्ष्य है इस के अन्तर्गत प्रत्येक महिला/इच्छुक लाभार्थी को 50 प्रतिशत अनुदान प्राविधान है।

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प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम ने आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को दिया नया संबल: स्वतंत्र देव सिंह

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सचिन मलिक, लखनऊ: आज सतना प्रवास के दौरान उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने चित्रकूट मंडल के बूथ क्रमांक 81 पर देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरणाप्रद ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुना। इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, युवाओं और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति उत्साहवर्धक रही।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को सुनने के पश्चात मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि ‘मन की बात’ केवल एक संवाद नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा से जुड़ने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचार जनकल्याण, संस्कृति, नवाचार और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में चल रहे राष्ट्रीय प्रयासों को ऊर्जा देने वाले हैं।

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‘मन की बात’ में शामिल रहे ये लोग
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व भारत को वैश्विक मंच पर एक नई ऊँचाई पर ले जा रहा है। ‘मन की बात’ जैसे कार्यक्रम जनता को न केवल जागरूक करते हैं, बल्कि उनमें सकारात्मकता, आत्मविश्वास और कर्तव्य बोध भी जागृत करते हैं। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के संगठन सचिव अभय महाजन, विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार तथा सतना नगर निगम के महापौर योगेश ताम्रकार की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी अतिथियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को आत्मसात कर सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा ली।

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‘मन की बात’ गांव-गांव तक पहुँचाने का संकल्प
कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि ‘मन की बात’ अब प्रत्येक भारतवासी का कार्यक्रम बन गया है, जिसमें देश की मिट्टी, परंपरा, प्रयास और परिवर्तन की गाथा सुनाई देती है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में सहभागी बनें। कार्यक्रम के समापन पर सभी कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों ने ‘मन की बात’ के संदेश को गांव-गांव तक पहुँचाने का संकल्प लिया।

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माता-पिता की मौत, पत्नी से तलाक, बेटी से दूरी, अंदर से टूट गए थे मुकुल देव, जानिए कितने करोड़ के मालिक थे?

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बॉलीवुड फिल्मों और टीवी दुनिया की जाने माने एक्टर मुकुल देव की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया है। बॉलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री में मातम पसरा हुआ है। 54 साल के मुकुल देव ने 24 मई की सुबह अंतिम सांस ली। कहा जा रहा है कि अकेलेपन और बड़े वजन के कारण मुकुल काफी परेशान हो गए थे जिसके बाद वह कई समस्याओं से घिर गए थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया जहां पर वह आईसीयू में भर्ती थे, लेकिन 24 मई की सुबह उनकी जिंदगी की अंतिम सुबह हुई और वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। कहा जा रहा है कि मुकुल देव के साथ काफी कुछ हो गया था जिसकी वजह से वह धीरे-धीरे टूटने लगे थे। उनका अकेलापन बढ़ता गया था जो उनके स्वास्थ्य पर भी हावी हो रहा था। तो चलिए जानते हैं अभिनेता के जीवन से जुड़े कुछ अनसुनी बातें…

इन फिल्मों का रहे हिस्सा
‘आर राजकुमार’, ‘सन ऑफ़ सरदार’, ‘जय हो’, ‘यमला पगला दीवाना’ जैसी बड़ी फिल्मों में काम करने वाले मुकुल देव इंडस्ट्री के टॉप कलाकारों में से एक थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि लाइमलाइट में आने से पहले मुकुल ने कमर्शियल पायलट की ट्रेनिंग मिली थी जिसमें वह चौथे स्थान पर रहे थे। हालांकि इसी बीच उन्होंने एक्टिंग की तरफ रुख किया। साल 1996 में मुकुल ने सीरियल ‘मुमकिन’ से टीवी इंडस्ट्री में डेब्यू किया। इसके बाद वह कई कॉमेडी शोज का हिस्सा रहे। इसी बीच उन्होंने सुष्मिता सेन के साथ फिल्म ‘दस्तक’ में काम किया और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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माता-पिता का उठ गया था साया
17 सितंबर 1970 को एक पंजाबी परिवार में जन्मे मुकुल देव के पिता हरदेव असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर थे जबकि उनकी मां अनूप कौशल टीचर थी। बता दे बहुत ही जल्दी मुकुल के सिर से मां-बाप का साया उठ गया था। साल 2019 में जहां उनके पिता का निधन हो गया तो फिर मां ने भी उन्हें अलविदा कह दिया। वही मुकुल देव के भाई राहुल देव भी एक जाने माने एक्टर है जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया है। करीबियों का कहना है कि मुकुल देव अपने माता-पिता के बहुत करीब थे। माता-पिता की मौत के बाद उनकी जिंदगी में काफी अकेलापन बढ़ गया था। वहीं उनकी पत्नी भी उन्हें छोड़ गई थी और बेटी से जुदा होने के बाद मुकुल देव अंदर ही अंदर खोखले होते जा रहे थे।

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भाई राहुल देव ने की निधन की पुष्टि
मुकुल देव के भाई और एक्टर राहुल देव ने अपने छोटे भाई मुकुल के निधन की पुष्टि की थी। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा था कि, “हमारे भाई मुकुल देव का कल रात नई दिल्ली में शांतिपूर्वक निधन हो गया… उनके परिवार में उनकी बेटी सिया देव हैं। भाई-बहन रश्मि कौशल, राहुल देव और भतीजे सिद्धांत देव उन्हें याद कर रहे हैं।” इसके अलावा उन्होंने भाई के अंतिम संस्कार के बारे में भी जानकारी देते लिखा था कि, “कृपया एसपीएम में अंतिम संस्कार के लिए हमारे साथ शामिल हों। पता: दयानंद मूर्ति धाम, हीरो और ओएफए, निजामुद्दीन पश्चिम, दिल्ली-110015.. आज शाम 5 बजे एक्टर मुकुल देव का अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जाएगा।”

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कौन है मुकुल देव की पत्नी?
बता दे मुकुल देव की पत्नी का नाम शिल्पा देव है जिनका इंडस्ट्री से कोई ताल्लुक नहीं है। मुकुल और शिल्पा की एक बेटी है जिसका नाम सिया है जो अब 22 साल की हो चुकी है। रिपोर्ट की माने तो साल 2005 में ही शिल्पा और मुकुल देव का रिश्ता टूट गया था, उनकी बेटी जब 2 साल की थी तभी वह उनसे जुदा हो गए थे। कहते हैं कि वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे लेकिन तलाक के बाद उन्हें अपनी बेटी से दूर रहना पड़ा। बात की जाए मुकुल देव की संपत्ति के बारे में तो वह करीब 42 करोड़ की संपत्ति के मालिक थे।

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डेलिगेशन: अमेरिका की धरती पर गरजे शशि थरूर, आतंकवाद के खिलाफ बोले-दोबारा ऐसा होगा तो चुप नहीं बैठेंगे…

ऑपरेशन सिंदूर की अपार सफलता के बाद शशि थरूर अमेरिका की धरती पर पहुंचे हैं जहां पर उन्होंने पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान कनेक्शन की जानकारी दी और साथ ही उन्होंने कहा कि, यदि ऐसा दोबारा किया जाएगा तो पाकिस्तान को छोड़ा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि इस काम के लिए भारत सरकार ने 7 डेलिगेशन तैयार किए हैं जिसमें से सभी पार्टियों के 51 नेता और 85 राजदूत, 32 अलग-अलग देश का दौरा कर रहे हैं। इस कड़ी में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की लीडरशिप में डेलिगेशन अमेरिका पहुंची जहां पर वह गरजते हुए नजर आए। इस दौरान उन्होंने 9/11 का जिक्र किया, साथ ही पहलगाम हमले की भी जानकारी दी।

क्या बोले शशि थरूर?
सबसे पहले शशि थरूर ने 9/11 का जिक्र किया। उन्होंने 9/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने बयान में कहा कि, “हम 9/11 स्मारक पर यह संदेश देने गए थे कि न्यूयॉर्क ने भी 20 साल पहले आतंकी हमला झेला था और हमारा भी यही अनुभव है। हम चाहते हैं कि वे समझें कि एकजुटता की जरूरत है। हमें अमेरिका की तरह दुनिया को यह संकल्प दिखाने की जरूरत है कि हम ऐसे आतंकी हमलों के खिलाफ हैं और हम कार्रवाई करेंगे।”

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पहलगाम पर क्या बोले शशि?
इसके बाद उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया। उन्होंने अपने शब्दों में कहा कि, “अब हम इस बात के लिए दृढ़ संकल्पित हैं कि इस मामले में कोई नया निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए। हमने सब कुछ आजमा लिया है, अंतर्राष्ट्रीय डोजियर, शिकायतें…सब कुछ आजमा लिया गया है। पाकिस्तान इनकार करता रहा है, किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया, कोई गंभीर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया गया, उस देश में आतंकी ढांचे को खत्म करने का कोई प्रयास नहीं किया गया, और सुरक्षित पनाहगाहें बनी रहीं…आप (पाकिस्तान) ऐसा करें, आपको यह वापस मिलेगा और हमने इस ऑपरेशन (ऑपरेशन सिंदूर) के साथ यह दिखा दिया है कि हम इसे सटीकता के साथ कर सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि, “आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता। मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं। मैंने खुद एक लेख लिखा था। जिसमें कहा गया था कि अब समय आ गया है कि जोरदार तरीके से हमला किया जाए, लेकिन समझदारी से। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने बिल्कुल यही किया। 9 विशिष्ट आतंकवादी ठिकानों, मुख्यालयों और लॉन्चपैड्स पर बहुत सटीक और सोची-समझी कार्रवाई की गई।”

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कर रहे हैं 5 देशों की यात्रा
इस दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि, “हम 5 देशों की यात्रा कर रहे हैं, अपनी यात्रा के अंत में हम वापस अमेरिका आएंगे। हमें उम्मीद है कि हम दुनिया को यह समझा पाएंगे कि आतंकवाद के इस अभिशाप के खिलाफ हम सभी का एक साथ खड़ा होना कितना महत्वपूर्ण है। हम दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर यह दोहराया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”

बीजेपी ने शशि थरूर को ही क्यों चुना?
दरअसल, शशि थरूर को लेकर अक्सर ये कहा जाता है कि वह कूटनीति के अच्छे जानकार है, वह भलीभांति इस बात को जानते हैं कि किस देश की क्या फितरत है और उसे कैसे जवाब दिया जा सकता है। शशि रूस यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर मोदी सरकार की कूटनीति की भी तारीफ कर चुके हैं। इतना ही नहीं बल्कि शशि थरूर शुरुआत से ही ऑपरेशन सिंदूर के समर्थक रहे हैं। कहा जा रहा है कि यही वजह है कि पीएम मोदी ने उन्हें अब बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चुना है। वही शशि थरूर भारत पाक तनाव के बीच विभिन्न चैनल के माध्यम से भारत का पक्ष दुनिया के सामने रख चुके हैं।

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कौन-कौन था डेलिगेशन में शामिल?
बता दें, इस डेलिगेशन में न केवल शशि थरूर बल्कि भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता और तेजस्वी सूर्य के साथ-साथ शाम्भवी चौधरी भी शामिल है। इसके अलावा टीडीपी के जीएम हरीश बाल योगी, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा, जेएमएम के सरफराज अहमद और अमेरिका में पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी शामिल है।

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खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उत्तरप्रदेश ने मारी बाजी, केशव प्रसाद मौर्य बोले- ये सबसे अग्रणी राज्य, जहां 1 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था…

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  1. उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य- केशव प्रसाद मौर्य
  2. उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने मे फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की बडी सहभागिता होगी।
  3. विकसित भारत की नींव को मजबूत करने में खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

सचिन मलिक: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमियों को प्रोत्साहन व सुविधाएं देने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। इस सेक्टर में प्रदेश में बहुत तेजी से काम करते हुए जहां किसानों के उत्पादों के प्रसंस्कृत कराते हुए उन्हें सुविधाएं मुहैय्या कराने के साथ उनके भण्डारण आदि के बारे में भी सार्थक कदम उठाए गए हैं, वहीं स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को इससे जोड़कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रभावी व ठोस कार्य किये गये हैं, यही नहीं खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं।

किसानों को मिलेगा उनकी फसल का उचित मूल्य
नतीजा है कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है, उत्तर प्रदेश मे सबसे अधिक खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग स्थापित हैं। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 65000 से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं। उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर है, आई.टी. सेक्टर के बाद यह सर्वोच्च प्राथमिकता वाला सेक्टर है, जिसमें रोजगार के असीमित अवसर है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर्स में इच्छुक उद्यमियों द्वारा विभिन्न जनपदों में लगभग 60 हजार करोड़ से अधिक के एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये हैं, जिनके माध्यम से उत्तर प्रदेश में रोजगार, किसानों की उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा।

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इतने लाख लाभार्थियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर्स में ई-कॉमर्स, निर्यात के बढ़ते अवसरों और प्रसंस्करण तथा पैकेजिंग में तकनीकी प्रगति के कारण इस क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि होने की असीम सम्भावनायें उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में बेरोजगार नव युवक-नव युवतियों, एफ.पी.ओ. आदि को खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर्स में प्रशिक्षित कराने के उद्देश्य से गत् 08 वर्षों में 15 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम में 1.50 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया।

500 से अधिक ग्रामीण शिविर
एक वर्षीय खाद्य प्रसंस्करण, बेकरी एवं कन्फेक्शनरी तथा कुकरी डिप्लोमा में 3600 तथा एक मासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 7445 से अधिक लाभार्थियों को डिप्लोमा/प्रशिक्षण प्रदान किया गया। 500 से अधिक ग्रामीण शिविर के माध्यम से 25000 से अधिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं/पुरूषों, किसानों को योजनाओं के लाभ, उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन के सम्बन्ध में जागरूक किया गया। 100 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण उद्यमिता विकास के माध्यम से 4000 से अधिक अनुसूचित जाति, जनजाति लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

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Beauty Tips: झुर्रियों को लिए कितने फायदेमंद है रिंकल पैच्स? जानें इन्हें लगाने का सही तरीका!

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बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं की त्वचा में कई बदलाव आता है और इसका आना स्वाभाविक है क्योंकि उम्र के हिसाब से हमारी त्वचा ढलती जाती है। दरअसल, त्वचा की इलास्टिसिटी भी कम हो जाती है जिसके चलते हमारे चेहरे पर झुर्रियां देखने को मिलती है। अब इन चीजों के आने के बाद महिलाएं बहुत परेशान रहती है और तरह-तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती है। कई महिलाएं आंखों के नीचे की झुर्रियां दूर करने के लिए रिंकल पेच का भी इस्तेमाल करती है। इतना ही नहीं बल्कि दिन-ब-दिन इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर रिंकल पेच झुर्रियों को कम करने के लिए कितना फायदेमंद है। तो चलिए जानते हैं आखिर यह आपकी त्वचा के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है?

क्या होते हैं रिंकल पेच?
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर रिंकल पेच होते क्या है? आपने अक्सर देखा होगा कि महिलाएं आंखों के नीचे झुर्रियां वाले एरिया पर इन्हें चिपकाए रहती है। यह पेच त्वचा की ऊपरी सतह पर लगाते हैं। एक्सपर्ट की माने तो यह पेच हाइड्रोजन सिलिकॉन या कॉलेजों से बने होते हैं जिसमें एंटी एजिंग, इनग्रेडिएंट्स होते हैं जो झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। इसमें विटामिन ए, रेटिनोल ह्वालूरॉनिक एसिड और पेप्टाइड होते हैं जो तो त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। इन पेच को या तो आप रात भर या कुछ घंटे के लिए लगा सकते हैं।

wrinkle patches

आखिर रिंकल पेच का इस्तेमाल कैसे करते हैं?

  1. रिंकल पेच लगाने से पहले चेहरे को अच्छे से धो ले। इसके बाद टॉवल से थपथपाकर त्वचा को पूरी तरह सुखा ले। इसके बाद आप अपनी त्वचा पर रिंकल पेच को लगा सकते हैं। बता दे गीली त्वचा पर कभी भी रिंकल पेच नहीं टिकते।
  2.  जब आप पेच को अपनी आंखों के नीचे चिपकाए तब आप इसे थोड़ा सावधानी से लगाए। इसके साथ ही आप पेच लगाते समय अपनी त्वचा को खींचे ताकि पेच सही से लगा पाए।
  3. इस पेज को लगाने के लिए 1 से 2 घंटे काफी होते हैं, लेकिन कई लोग इसको रात भर भी लगा कर रखते हैं।
  4. समय पूरा होने के बाद धीरे-धीरे और आराम से इस पेज को झुर्रियों से हटाए। जोर से खींचने पर आपको जलन या लालिमा का सामना करना पड़ सकता है।
  5. पेच हटाने के बाद आप अपने चेहरे पर बदलाव देखेंगे। इस दौरान आप हल्का मॉइश्चराइजर भी लगाए ताकि आपकी त्वचा में नमी बनी रहे।
  6. बता दें, इन पैचों को किसी विशेष प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में आप ध्यान रखें कि इन्हें केवल सिर्फ झुर्रियों वाली जगह पर लगाना होता है और कुछ समय बाद निकाल देना होता है।
  7. रिंकल पैच लगाने से त्वचा में कसाव आता है। इससे चेहरे की मांसपेशियां हिलती नहीं और झुर्रियां गहराने से बचती हैं। ये मौजूद झुर्रियों की गहराई को धीरे-धीरे कम करते हैं।

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अब जानते हैं आखिर रिंकल पेच लगाने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
बता दे रिंकल पेच लगाने से आपकी त्वचा मुलायम और जवां दिखने लगती है, साथ ही चेहरे पर आई झुर्रियां भी कम होने लगती है। दरअसल, रिंकल पेच में हाइड्रेटिंग एजेंट जैसे ह्वालूरॉनिक एसिड, कोलेजन और पेप्टाइड होते हैं जो आपकी त्वचा में नमी देने का काम करती हैं। रिंकल पेच लगाने से आपकी त्वचा को आराम भी मिलता है। इससे धूल, प्रदूषण वातावरण के हानिकारक प्रभाव से बचने का मौका मिलता है।

यह एक तरह से ढाल का काम करते हैं। यह रिंकल पेच कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इसकी वजह से यह त्वचा की इलास्टिसिटी बनाए रखने में भी मददगार होता है। यदि आप रिंकल पैचेज का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं तो आपकी त्वचा में रूखापन नहीं रहेगा। साथ ही आपकी त्वचा टाइट और चमकदार दिखाई देगी।

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राजस्थान पुलिस कांस्टेबल का अंतिम मौका, 9617 पदों पर निकले आवेदन, इच्छुक उम्मीदवार ऐसे करें अप्लाई!

सरकारी नौकरी की होड़ में बच्चे आए दिन नई-नई वैकेंसी का इंतजार करते रहते हैं। कभी SCC द्वारा निकाली गई वैकेंसी पर उनका ध्यान रहता है तो कभी पुलिस कांस्टेबल की भर्तियों के लिए वे नजरें बिछाए बैठे रहते हैं। अब इसी बीच राजस्थान पुलिस विभाग कांस्टेबल के 9 हजार से भी अधिक पदों पर भर्ती निकाली है। ऐसे में आप चाहे तो इन पदों पर आवेदन कर सकते हैं। खास बात यह है कि, भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया जल्द ही बंद भी कर दी जाएगी जिसके चलते आपके पास कम टाइम है। तो चलिए जानते हैं आखिर इच्छुक और योग को उम्मीदवार इस भर्ती का आवेदन कब तक कर सकते हैं…?

आवेदन की अंतिम तिथि
बता दें, राजस्थान पुलिस विभाग की तरफ से कांस्टेबल के 9600 से अधिक पद पर भर्ती निकाली गई है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 25 में 2025 तक इसका आवेदन कर सकते हैं। जी हां.. यह भर्ती राजस्थान के विभिन्न जिलों यूनिट से और बटालियन में कांस्टेबल के पदों के लिए होने वाली है। यदि आप भी इसमें आवेदन करना चाहते हैं तो आधिकारिक वेबसाइट police.rajasthan.gov.in पर जाकर अपना फॉर्म भर सकते हैं। आपके पास समय कम बचा हुआ है।

rajasthan police constable

कितनी उम्र के बच्चे करें अप्लाई?
बात करें उन उम्मीदवारों की जो इस पात्रता के लिए योग्य है तो बता दे इन पदों के लिए उम्मीदवारों की शैक्षिण योग्यता 12वीं कक्षा पास होना जरूरी है। इसके अलावा 18 से 28 वर्ष के बीच इसकी उम्र निर्धारित की गई है, हालांकि आरक्षित श्रेणियां के उम्मीदवारों को उनके आयु में कुछ छूट भी मिलने वाली है। यदि आप राजस्थान पुलिस कांस्टेबल का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपके लिए यह एक बेहतरीन अवसर है जिसके माध्यम से आप एक सरकारी नौकरी पा सकते हैं।

कैसी होगी चयन प्रक्रिया?
बात की जाए राजस्थान पुलिस के चयन प्रक्रिया के चरणों के बारे में तो यह तीन चरणों में पूरी होने वाली है। सबसे पहले उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में बैठना होगा। जब लिखित परीक्षा में पास हो जाते हैं तब उन्हें शारीरिक परीक्षण के लिए बुलाया जाएगा। शारीरिक परीक्षण में जब आप सफल हो जाते हैं तो आपको दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा और इसके बाद ही आपको यह नौकरी मिलेगी। ऐसे में आप पहले से ही अपने दस्तावेजों को चेक कर ले, ताकि बाद में कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।

चयन प्रक्रिया की बात करें तो इसमें पुरुषों के लिए ऊंचाई 168 सेमी बताई गई है जबकि महिलाओं के लिए 152 से में निर्धारित की गई। इसके अलावा पुरुषों की छाती 81 से 86 सेमी होनी चाहिए। वहीं पुरुषों के लिए 25 मिनट में 5 किलोमीटर दौड़ शामिल है जबकि महिलाओं को 35 मिनट में 5 किलोमीटर दौड़ने का समय मिलने वाला है।

कितना होगा परीक्षा का शुल्क?
बता दें, इस परीक्षा का शुल्क सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस के लिए ₹600 रखा गया है जबकि एससी एसटी के लिए ₹400 निर्धारित किया गया है। आप चाहे तो यह शुल्क क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड के माध्यम से कर सकते हैं।
इसके आवेदन करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। आप चाहे तो इसे घर बैठे ही आवेदन कर सकते हैं या फिर अपने नजदीकी वेब पोर्टल से इसका फॉर्म आवेदन कर सकते हैं।

rajasthan police constable

  1. यदि आप इस पर आवेदन करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको police.rajasthan.gov.in जाना होगा।
  2. इसके बाद आपको यहां पर पंजीकरण करना होगा और साथ ही रजिस्ट्रेशन आईडी प्राप्त करनी होगी।
  3. इसके बाद आपको अपने फार्म में व्यक्तिगत, शैक्षिक और अन्य जानकारी सही-सही रूप से भरना होगा ताकि आपका फॉर्म रिजेक्ट ना हो।
  4. इसके बाद आप फोटो, हस्ताक्षर और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे सबमिट कर दे।
  5. इसके बाद आप नेट बैंकिंग के माध्यम से अपना शुल्क भुगतान करें।
  6. फॉर्म सबमिट करने से पहले आप अच्छे से चेक कर ले।
  7. अब आप आवेदन पत्र का अंतिम सत्यापन अपने पास रखें।

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टूटे मकान, डरे सहमे से बच्चे…पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों से मिलने पूंछ पहुंचे राहुल गाँधी, बच्चों का बढ़ाया हौसला!

rahul gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में पहुंचे जहां पर उन्होंने हाल ही में हुई गोलाबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और साथ ही इस युद्ध में अपने परिवारों को गंवाने वाले लोगों से मुलाकात की। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने यहां एक स्कूली बच्चों से भी बातचीत की और उनका मनोबल बढ़ाया। कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक, गांधी शनिवार सुबह जम्मू हवाई अड्डे पहुंचे और सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने तथा शोकसंतप्त परिवारों से मिलने के लिए हेलीकॉप्टर से पुंछ रवाना हुए।

हमले में गई इतने लोगों की जान
दरअसल, जम्मू कश्मीर में 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी, मिसाइल और ड्रोन से हमले किए गए थे जिसमें 28 से ज्यादा लोग मारे गए। इनमें से पूंछ जिले के करीब 13 लोग शामिल थे जबकि 70 से अधिक लोग घायल हुए। चार दिन तक यह सैन्य संघर्ष चलता रहा। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को इसको समाप्त करने की सहमति बनी।

इसी दौरान हजारों लोगों को नियंत्रण रेखा (LoC) और इंटरनेशनल बॉर्डर के निकट के क्षेत्रों से पलायन करके सरकारी राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। यहां पर मासूम लोगों की जान बचाई गई। यही वजह है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पूंछ का दौरा किया और सीमा पार से पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित हुए छात्रों से बातचीत की। वह पूंछ पहुंचते ही Christ school में भी गए।

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छात्रों से क्या बोले राहुल गाँधी?
दरअसल, इसी स्कूल में पढ़ने वाले 12 साल के दो जुड़वा भाई बहन अरबा फातिमा और जैन अली पाकिस्तान की गोलीबारी में मारे गए थे। इन दोनों के साथ क्लास में पढ़ने वाले बच्चे काफी दुखी और परेशान है। इतना ही नहीं बल्कि यह बच्चे डरे हुए भी है। बस इसी कारण राहुल जी इनसे मिलने पहुंचे और उनके दोस्तों की बात की। साथ ही इन बच्चों का हौसला बढ़ाया।

राहुल गाँधी ने कहा कि, “अब, आपने खतरा और थोड़ी भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस समस्या से निपटने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप खूब पढ़ाई करें और खूब खेलें और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाएं।” बता दे बच्चों के पिता अभी भी जम्मू में आईसीयू में भर्ती है। इससे जुडी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें राहुल गाँधी बच्चों से हाथ मिलते हुए नजर आ रहे हैं।

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कहां कहां जाएंगे राहुल गाँधी?
वहीं जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राहुल गांधी के पुंछ दौरे पर कहा कि, “सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ में हुआ है। राहुल गांधी ने गोलाबारी से प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात की और उनके घरों को हुए नुकसान का भी जायजा लिया। वह उन बड़े संस्थानों में भी गए जिन्हें गोलाबारी में नुकसान पहुंचा है। राहुल गांधी उस गुरुद्वारा और मंदिर में भी जाएंगे ​जिनको पाकिस्तानी गोलाबारी में नुकसान पहुंचा है। जिन बच्चों की गोलीबारी में मौत हुई है, राहुल गांधी उनके घर भी जाएंगे।”

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श्रीनगर भी गए थे राहुल गाँधी
बता दे इससे पहले राहुल गांधी ने आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए 25 अप्रैल को श्रीनगर का भी दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की। गौरतलब है कि, 22 अप्रैल को पहलगाम में बड़ा हमला हुआ था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। इस दौरान कई लोग ऐसे थे जिन्होंने नई-नई शादी की थी और पहलगाम में घूमने के लिए पहुंचे थे लेकिन वे वापस ही नहीं लोटे और कई महिलाएं अपनी मांग का सिन्दूर उजाड़ कर वहां से वापस आ गई। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की और उन्होंने कई आतंकियों को ढेर कर दिया।

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