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Monday, July 7, 2025
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टूटे मकान, डरे सहमे से बच्चे…पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों से मिलने पूंछ पहुंचे राहुल गाँधी, बच्चों का बढ़ाया हौसला!

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी शनिवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में पहुंचे जहां पर उन्होंने हाल ही में हुई गोलाबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा किया और साथ ही इस युद्ध में अपने परिवारों को गंवाने वाले लोगों से मुलाकात की। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने यहां एक स्कूली बच्चों से भी बातचीत की और उनका मनोबल बढ़ाया। कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक, गांधी शनिवार सुबह जम्मू हवाई अड्डे पहुंचे और सीमा पार से की गई गोलाबारी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने तथा शोकसंतप्त परिवारों से मिलने के लिए हेलीकॉप्टर से पुंछ रवाना हुए।

हमले में गई इतने लोगों की जान
दरअसल, जम्मू कश्मीर में 7 से 10 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी, मिसाइल और ड्रोन से हमले किए गए थे जिसमें 28 से ज्यादा लोग मारे गए। इनमें से पूंछ जिले के करीब 13 लोग शामिल थे जबकि 70 से अधिक लोग घायल हुए। चार दिन तक यह सैन्य संघर्ष चलता रहा। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को इसको समाप्त करने की सहमति बनी।

इसी दौरान हजारों लोगों को नियंत्रण रेखा (LoC) और इंटरनेशनल बॉर्डर के निकट के क्षेत्रों से पलायन करके सरकारी राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। यहां पर मासूम लोगों की जान बचाई गई। यही वजह है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पूंछ का दौरा किया और सीमा पार से पाकिस्तानी गोलीबारी से प्रभावित हुए छात्रों से बातचीत की। वह पूंछ पहुंचते ही Christ school में भी गए।

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छात्रों से क्या बोले राहुल गाँधी?
दरअसल, इसी स्कूल में पढ़ने वाले 12 साल के दो जुड़वा भाई बहन अरबा फातिमा और जैन अली पाकिस्तान की गोलीबारी में मारे गए थे। इन दोनों के साथ क्लास में पढ़ने वाले बच्चे काफी दुखी और परेशान है। इतना ही नहीं बल्कि यह बच्चे डरे हुए भी है। बस इसी कारण राहुल जी इनसे मिलने पहुंचे और उनके दोस्तों की बात की। साथ ही इन बच्चों का हौसला बढ़ाया।

राहुल गाँधी ने कहा कि, “अब, आपने खतरा और थोड़ी भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस समस्या से निपटने का आपका तरीका यह होना चाहिए कि आप खूब पढ़ाई करें और खूब खेलें और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाएं।” बता दे बच्चों के पिता अभी भी जम्मू में आईसीयू में भर्ती है। इससे जुडी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें राहुल गाँधी बच्चों से हाथ मिलते हुए नजर आ रहे हैं।

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कहां कहां जाएंगे राहुल गाँधी?
वहीं जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने राहुल गांधी के पुंछ दौरे पर कहा कि, “सबसे ज्यादा नुकसान पुंछ में हुआ है। राहुल गांधी ने गोलाबारी से प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात की और उनके घरों को हुए नुकसान का भी जायजा लिया। वह उन बड़े संस्थानों में भी गए जिन्हें गोलाबारी में नुकसान पहुंचा है। राहुल गांधी उस गुरुद्वारा और मंदिर में भी जाएंगे ​जिनको पाकिस्तानी गोलाबारी में नुकसान पहुंचा है। जिन बच्चों की गोलीबारी में मौत हुई है, राहुल गांधी उनके घर भी जाएंगे।”

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श्रीनगर भी गए थे राहुल गाँधी
बता दे इससे पहले राहुल गांधी ने आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए 25 अप्रैल को श्रीनगर का भी दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की। गौरतलब है कि, 22 अप्रैल को पहलगाम में बड़ा हमला हुआ था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। इस दौरान कई लोग ऐसे थे जिन्होंने नई-नई शादी की थी और पहलगाम में घूमने के लिए पहुंचे थे लेकिन वे वापस ही नहीं लोटे और कई महिलाएं अपनी मांग का सिन्दूर उजाड़ कर वहां से वापस आ गई। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की और उन्होंने कई आतंकियों को ढेर कर दिया।

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बुमराह, पंत और KL राहुल का कटा पत्ता, शुभमन गिल बने कप्तान! जानिए क्यों नहीं मिला इन खिलाड़ियों को मौका?

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क्रिकेट प्रेमियों की नजर भारतीय टेस्ट टीम के नए कप्तान पर थी। अब ऐसे में फैंस के इंतजार की घड़ी खत्म हो चुकी है और इंग्लैंड दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए शनिवार 24 मई को भारतीय टीम का ऐलान हुआ है, साथ ही शुभमन गिल को रोहित शर्मा का उत्तराधिकारी चुना गया। बेहतरीन तकनीक, जबरदस्त शॉर्ट सिलेक्शन को लेकर सुर्खियों में आए शुभमन गिल को टीम इंडिया का एक नया सितारा बना दिया गया है। अब सवाल यह खड़े होते हैं कि आखिर जसप्रीत बुमराह, ऋषभ पंत और केएल राहुल जैसे बड़े खिलाड़ियों को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया? तो चलिए जानते हैं क्या है इसके पीछे की कहानी

जसप्रीत बुमराह क्यों नहीं बने कप्तान?
सबसे पहले हम आपको यह क्लियर कर देते हैं कि यह कोई पहला मौका नहीं था। जब शुभमन गिल का कप्तानी को लेकर नाम आया हो। इससे पहले भी शुभमन गिल को लेकर इस तरह की बातें सामने आ चुकी थी। जी हां उनका कप्तान बनना कोई बड़ी बात या हैरानी भरा फैसला नहीं है। यह क्रिकेट की दुनिया में पहले से ही चर्चित मुद्दा था और अब इसकी घोषणा हो चुकी है। बता दे रोहित शर्मा के बाद जसप्रीत बुमराह का नाम कप्तान के तौर पर सामने आ रहा था क्योंकि आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान वह उप कप्तान थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दरअसल सिडनी टेस्ट में चोट के बाद से ही बुमराह का दावा थोड़ा कमजोर होता हुआ नजर आया।

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केएल राहुल और पंत क्यों नहीं?
वही बात करें केएल राहुल के बारे में तो टेस्ट क्रिकेट में राहुल को करीब 10 साल का समय हो गया है लेकिन वह अब तक अपनी जगह स्थापित नहीं कर पाए। बता दे 101 परियों के बाद 33.57 का औसत काफी साधारण रहा है। इसके अलावा राहुल के लिए अक्सर टीम जगह बनानी पड़ती है। जी हाँ.. उन्हें कभी ओपनर तो मिडिल ऑर्डर तो कभी विकेटकीपर के तौर पर आजमाया जाता है। यदि बात करें ऋषभ पंत की तो आईपीएल 2025 में भी ऋषभ पंत का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा। यही वजह है कि इस बाजी में शुभमन गिल इस बाजी में आगे निकल गए।

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शुभमन गिल का रिकॉर्ड बोलता है
शुभ्मन गिल भारतीय टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं वह अब तक 13 टेस्ट माचो में 736 रन बना चुके हैं जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल है। इसके अलावा उनके नाम वनडे में 1254 रन शामिल है जिसमें चार शतक शामिल है। इसके अलावा T20 में उन्होंने 202 रन बनाएं। जहां शुभमन गिल क्रिकेट के मैदान में लोगों का दिल जीत लेते हैं तो मैदान के बाहर भी उनकी तगड़ी फैन फॉलोइंग है लोग उन्हें काफी पसंद करते हैं और उन्हें अक्सर खेलता देखना चाहते हैं। खासकर लड़कियों में शुभमन गिल को लेकर एक अलग ही क्रेजदेखने को मिलता है। यानी की साफ तौर पर कहा जाए तो शुभमन गिल आज के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं और वही अब उनके कप्तान बना किसी बड़े ताज से कम नहीं है।

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साधारण परिवार से आते हैं शुभमन
यदि हम बात करें शुभमन गिल की जिंदगी के बारे में बात करें तो वह एक साधारण किसान परिवार से बिलॉन्ग करते हैं। उनके पिता लखविंदर सिंह ने बेटे में क्रिकेट के प्रति गहरा लगाव देखने के बाद ही उन्हें ट्रेनिंग शुरू करवा दी थी। मोहाली के मानव मंगल स्मार्ट स्कूल से पढ़ाई करने वाले शुभमन ने बहुत कम उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। शुभमन पढ़ाई में भी काफी होशियार रहे। हालांकि, किशोरावस्था में ही क्रिकेट में मिल रही सफलता के कारण उन्होंने शिक्षा पर ध्यान देना मुश्किल था। कई रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि शुभमन ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी की है। हालाँकि इसमें कितनी सच्चाई है ये कोई नहीं जानता। खैर अब लोग उन्हें क्रिकेट की दुनिया के बादशाह भी कहने लगे हैं।

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कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के अपर सचिव एवं वित्त सलाहकार की अध्यक्षता में बैठक, इन कार्यों का हुआ प्रस्तुतीकरण!

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सचिन मलिक: भारत सरकार के अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय नई दिल्ली की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) तथा कृषोन्नति (Krishonnati) योजना के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों की प्रगति समीक्षा हेतु बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में हुआ इन कार्यों का प्रस्तुतीकरण
बैठक में राजेन्द्र कुमार सिंह अपर कृषि निदेशक (प्रसार)/ नोडल अधिकारी-पी०एम० आर०के०वी०वाई०, कृषि भवन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा प्रदेश में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं यथा पी०एम० आर०के० वी०वाई० योजनान्तर्गत घटकवार कराये जा रहे कार्यों की प्रगति, विकसित कृषि संकल्प अभियान (दिनांक 29.05.2025 से 12.06.2025) की तैयारियों के सम्बन्ध में विवरण प्रस्तुत किया गया।

बैठक में अमर नाथ मिश्रा अपर कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र)/ नोडल अधिकारी-कृषोन्नति योजना, कृषि भवन उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा कृषोन्नति योजना के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही जे०पी० चौधरी, संयुक्त कृषि निदेशक (अभियन्त्रण), कृषि भवन, उ०प्र० लखनऊ द्वारा प्रदेश में फसल अवशेष प्रबन्ध हेतु किये जा रहे प्रयासों/कार्यों की अद्यतन स्थिति से भारत सरकार से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया।

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सुधार हेतु मिले ये निर्देश
अपर सचिव, भारत सरकार द्वारा निर्देश दिये गये कि पी०एम० आर०के०वी० वाई० एवं कृषोन्नति योजनाओं के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों की प्रगति का संज्ञान लिया गया तथा प्रदेश स्तर पर किये जा रहे प्रयासों की सराहना की गयी। अपर सचिव, भारत सरकार द्वारा योजनाओं के अन्तर्गत कार्यों में सुधार हेतु निम्नवत् निर्देश भी दिये गय। श: केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के एम०आई०एस० एवं कृषि मैपर पोर्टल पर अद्यतन सूचनाएं अपडेट करायी जाएं। पी०एम० किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लम्बित शिकायतों का निस्तारण तेजी के साथ पूर्ण करा लिये जाएं।

प्रदेश में किसानों को गुणवत्तायुक्त बीज एवं पौध रोपड़ तथा उर्वरक आदि की व्यवस्थाएं स-समय सुनिश्चित करायी जाएं। उत्तर प्रदेश में शहद उत्पादन की अपार सम्भावनाएं हैं। इसके लिए बी-कीपिंग से सम्बन्धित योजनाओं को बढ़ावा दिया जाय। फसल बीमा योजनान्तर्गत अधिक से अधिक फसलों एवं किसानों का आच्छादन सुनिश्चित कराया जाय। कृषि उत्पादों के सुनिश्चित विपणन के साथ-साथ उत्पादक कृषकों को अधिक से अधिक मूल्य उपलब्ध कराने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाय। केन्द्रीय कृषि मंत्र, भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में विकसित कृषि संकल्प अभियान (दिनांक 29.05.2025 से 12.06.2025 तक) की समस्त तैयारियों तत्काल सुनिश्चित करा लिये जाएं।

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आयोजित कराए जाएंगे लगभग 6500 कार्यक्रम
राजेन्द्र कुमार सिंह, अपर कृषि निदेशक (प्रसार/ नोडल अधिकारी, पी०एम० आर०के०वी०वाई०, कृषि भवन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश में लगभग 220 टीम गठित की गयी हैं, जिनमें आई०सी०ए०आर० के संस्थानों, 89 किसान विज्ञान केन्द्रों द्वारा आई०सी०ए०आर०-अटारी, कानपुर के मार्ग निर्देशन तथा कृषि एवं सहवर्ती विभागों के सहयोग से लगभग 6500 कार्यक्रम आयोजित कराये जायेंगे। समस्त कार्यक्रमों हेतु टीम गठन करते हुए ग्राम पंचायतें चयनित कर ली गयी हैं। साथ ही कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में दिनांक 22.05.2025 में विकसित कृषि संकल्प अभियान की तैयारियों की समीक्षा भी करा ली गयी है।

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जब हीरो-हीरोइन पर भारी पड़ते दिखे साइड किरदार, नवाज से लेकर नीना तक चुरा ले गए सारी लाइमलाइट!

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जब भी हम किसी फिल्म को देखते हैं तो हमारा सबसे ज्यादा ध्यान हीरो-हीरोइन पर जाता है। क्योंकि फिल्म की पूरी कहानी हीरो-हीरोइन के इर्द गिर्द घूमती है और ज्यादातर लाइमलाइट भी उन्हें ही मिलती है। लेकिन ऐसी कई फिल्में हैं जिन्हें हीरोइन को छोड़कर साइड रोल या सपोर्टिंग रोल ने ऐसी छाप छोड़ी की आज तक लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे फिल्मी दुनिया से जुड़े कुछ ऐसे ही सितारों के बारे में जिन्होंने छोटे से या फिर साइड किरदार निभाया, लेकिन इन साइड किरदारों से उन्हें इंडस्ट्री में बड़ी सफलता हासिल हुई और आज भी लोग उन्हें इन छोटे-छोटे किरदारों के लिए जानते हैं। तो चलिए जानते हैं इन सितारों की लिस्ट…

नवाजुद्दीन सिद्दीकी
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम आता है इंडस्ट्री के सबसे होनहार कलाकार नवाजुद्दीन सिद्दीकी का। फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में नवाज ने एक साइड किरदार निभाया। पत्रकार शाहनवाज खान के किरदार में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने ऐसी लाइमलाइट लूटी कि उन्हें आज भी कोई नहीं भूल सकता। सलमान खान की मौजूदगी के बावजूद हर किसी ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी की एक्टिंग की तारीफ की। उनकी शानदार कॉमेडी हो या फिर इमोशनल सीन हर किसी ने दिल जीत लिया।

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राजकुमार राव
राजकुमार राव भी इंडस्ट्री के टैलेंटेड कलाकार में से एक है। उन्होंने जब-जब किसी फिल्म में काम किया है अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है। वही जब उन्हें फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ में देखा गया तो उन्हें खूब पसंद किया गया, हालांकि इस फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में कृति सेनन और आयुष्मान खुराना थे। लेकिन राजकुमार ने इन दोनों से ज्यादा लाइमलाइट लूटी। उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस ने उन्हें फिल्म फेयर और स्क्रीन अवार्ड के साथ-साथ बेस्ट सपोर्टिंग अवार्ड से भी नवाजा।

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नीना गुप्ता
नीना गुप्ता को भला कौन नहीं जानता? रियल लाइफ से फिल्म लाइफ तक वह सुपरस्टार है। अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जानी वाली नीना गुप्ता ने फिल्म ‘बधाई हो’ में ऐसा काम किया की बड़ी-बड़ी हीरोइन उनके सामने फेल हो गई। यह फिल्म की कहानी अब तक की इंडस्ट्री की सबसे अलग कहानी थी जिसमें एक अधेड़ उम्र की महिला मां बनती है और नीना ने सरदार को बहुत खूबसूरती से निभाया। आज भी उनकी सरदार को याद किया जाता है। इस फिल्म में काम करने के लिए नीना गुप्ता को बेस्ट फिल्म फेयर क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड से नवाजा गया था जो उनके करियर का पहला फिल्मफेयर अवार्ड था।

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दिशा पाटनी
दिशा पाटनी यूं तो कई फिल्मों में काम कर चुकी है लेकिन उन्हें फिल्म ‘एमएस धोनी’ से बड़ी सफलता हासिल हुई। इस फिल्म में दिशा का किरदार बहुत ही छोटा सा था लेकिन वह कियारा आडवाणी, सुशांत सिंह राजपूत जैसे सितारों पर भारी पड़ती हुई नजर आई थी। छोटे से किरदार ने उन्हें बेस्ट डेब्यू ऑफ द ईयर अवार्ड भी मिला दिया था।

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पंकज त्रिपाठी
कुछ इसी तरह एक्टिंग के धुरंधर कहे जाने वाले पंकज त्रिपाठी भी इस लिस्ट में शामिल है। यूं तो पंकज त्रिपाठी ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन फिल्म ‘स्त्री’ में उनके लाजवाब काम ने हर किसी का दिल जीत लिया। साइड किरदार में पंकज त्रिपाठी ने अपने किरदार में ऐसी जान डाली कि उन्हें कई लोग ‘रूद्र भैया’ भी कह कर बुलाते हैं। फिल्म में उन्होंने लाइब्रेरियन रूद्र भैया का किरदार निभाया था। बता दे इस रोल के लिए पंकज त्रिपाठी को बेस्ट सपोर्टिंग रोल का स्क्रीन अवार्ड मिला था।

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परेश रावल
परेश रावल हिंदी सिनेमा का एक ऐसा नाम है जिन्होंने नेगेटिव से लेकर पॉजिटिव किरदार निभाएं। वही जब-जब बात हुई कॉमेडी की तो उन्होंने फैंस का दिल जीत लिया। फिर चाहे ‘हेरा फेरी’ हो ‘गरम मसाला’ हो या ‘फिर अतिथि तुम कब जाओगे’ या फिर हो ‘मालामाल वीकली’। यह कुछ ऐसी फिल्में हैं जिन्होंने जिसमें उन्होंने हीरो हीरोइन से भी ज्यादा लाइमलाइट लूटी या फिर यूं कहे कि यह फिल्में उनके करियर की पत्थर का मिल साबित हुई और इंडस्ट्री में उन्हें नहीं पहचान हासिल हुई। परेश रावल अब तक साइड किरदार से ही कई अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। वही फिल्म हेरा फेरी में बाबूराव का किरदार तो यूं मान लीजिए कि जैसे अमर सा हो गया है। लोग उन्हें बाबूराव के नाम से भी जानते हैं।

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विद्युत सखी कार्यक्रम ने छुआ नया मुकाम, 2 हजार करोड़ पहुंचा विद्युत बिल कलेक्शन, महिलाओं को सशक्त बनाने का उद्देश्य!

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सचिन मलिक: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप आधी आबादी को पूरा अधिकार देने की दिशा मे डबल इंजन सरकार पूरी गम्भीरता व संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। महिलाओ को हर दृष्टि से सशक्त व सबल बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध व संकल्पबद्ध है। कहा कि विकसित भारत के निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका। डबल इन्जन सरकार में महिलाएं बनीं सशक्त, समृद्ध व सामर्थ्यवान बन रही हैं। देश व प्रदेश विकास की नयी ऊंचाइयों को छू रहा है, इसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।वित्तीय सहायता, कौशल विकास व प्रशिक्षण देकर महिलाओं के हुनर को निखारा जा रहा है। विकसित भारत के निर्माण का आधार विकसित ग्राम है, गांवों का विकास आधी आबादी की भागीदारी के बगैर अधूरा है। महिलाओ के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।

साल 2025 में कहां तक पहुंचा विद्युत कनेक्शन?
उत्तर प्रदेश मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओ ने विभिन्न गतिविधियों व क्रियाकलापों के माध्यम से आजीविका संवर्धन के क्षेत्र मे लम्बी छलांग लगाई है। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में ग्राम्य विकास विभाग ने उनके क्रियाकलापो को गति देने व उन्हें प्रोत्साहित करने मे भी उल्लेखनीय कार्य किये हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के विद्युत सखी कार्यक्रम में नई व बडी उपलब्धियां हासिल की गयी हैं।

इस कार्यक्रम से जुड़े स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (विद्युत सखियों) ने वित्तीय वर्ष 24-25 में 1045 करोड रुपए का विद्युत बिल कलेक्शन किया है। वित्तीय वर्ष 25-26 मे अब तक 169 करोड का कलेक्शन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 87 करोड रुपए 2022-23 में 262 करोड रुपए और वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 466 करोड रुपए विद्युत बिल कलेक्शन हुआ। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 24 -25 में विद्युत कनेक्शन 1045 करोड रुपए पहुंच गया।

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विद्युत सखियों को कमीशन के रूप में मिले इतने करोड़
योजना के प्रारंभ वर्ष 2020 से विद्युत सखियों ने विद्युत बिल वितरण कंपनियो (डिस्काम) के लिए 2000 करोड रुपए का राजस्व कलेक्शन करने में सफलता पाई है और 26.56 करोड रूपये का कमीशन अर्जित किया है। वित्तीय वर्ष 2024 25 में विद्युत सखी कार्यक्रम में एक कई उल्लेखनीय पडाव हासिल किये है। इसमें 438 विद्युत सखियों ने लखपति दीदी बनने में सफलता पाई है। इसके अलावा 2024 -25 में विद्युत सखियों को लगभग 13.4 करोड रुपए कमीशन के रूप में प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं विद्युत सखियों ने ओटीएस योजना के तहत 369 करोड रुपए का विद्युत बिल कलेक्शन किया है। प्रदेश मे स्वयं सहायता समूहों की 29092 महिलायें विद्युत सखी के रूप मे पंजीकृत हैं और 14105 महिलायें विद्युत सखी के रूप मे क्रियाशील हैं।

आपको बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्र में रू 1999-00 तक उपभोक्ता द्वारा पूर्ण भुगतान करने पर रू 20-00 प्रति ट्रान्जक्शन और रू2000-00 से रू 199999-00 तक बिल जमा राशि का 01 प्रतिशत तथा उपभोक्ता द्वारा आँशिक भुगतान करने पर बिल जमा राशि का 01 प्रतिशत विद्युत सखियों को कमीशन मिलता है। यदि उपभोक्ता आंशिक भुगतान का विकल्प चुन रहा है तो न्यूनतम रू 100-00 भुगतान करना होगा।

महिलाओं को सशक्त बनाने का उद्देश्य
यूपीएसआरएलएम के इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल विद्युत सखी के रूप में रोजगार देकर महिलाओं को सशक्त बनाना है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिस्काम की विद्युत बिल कलेक्शन क्षमता में सुधार भी लाना है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) आइसीआइसीआइ बैंक और तकनीकी सहायता एजेंसी के तौर पर काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। विद्युत सखी कार्यक्रम ‘रोशन गांव, सशक्त नारी,- विद्युत सखी है पहचान हमारी ‘के लक्ष्य के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है।

उत्तर प्रदेश की महिलाएं बदलाव का वाहक बन रही है। विद्युत सखी कार्यक्रम अपने विस्तार के साथ इस बात का शानदार उदाहरण बनकर सामने आ रहा है कि कैसे समावेशी नीतियां और जमीनी प्रयास सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं? कैसे हमारे प्रदेश की महिलाएं सरकार के राजस्व बढोत्तरी में योगदान दे सकती हैं और हम सभी के लिए एक न्यायसंगत और सतत भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।

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UP: गोराह माइनर से सोरों कुंड तक, जल शक्ति कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का निरीक्षण, स्वच्छ जल का दिया आश्वासन!

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  1. उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने किया गोराह माइनर से सोरों कुंड तक स्थलीय निरीक्षण।
  2. सोरों कुंड में गोराह माइनर से होगी स्वच्छ जलापूर्ति बनेगी पक्की माइनर- कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह

सचिन मलिक कासगंज: उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने गोराह माइनर से सोरों कुंड तक किया स्थलीय निरीक्षण एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के उपरांत जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने तीर्थ नगरी सोरों के प्रसिद्ध वराह मंदिर में पहुंचकर भगवान वाराह के दर्शन किए और भगवान वराह का दुग्ध अभिषेक किया सुबह 8 बजे मंदिर सेवायत नरेश त्रिगुणायत ने मंत्र उच्चारण के साथ भगवान वराह का दुग्धाभिषेक एवं पूजन कराया। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मंदिर की विजिटर बुक में तीर्थ नगरी एवं वराह मंदिर के विषय में लिखा।

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गोराह माइनर से की गई इन चीजों की मांग!
कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आज वराह मंदिर में भगवान वराह के दर्शन किए और उन्होंने कहा कि सोरों कुंड में गंगाजी का जल आता है। गोराह माइनर से लोगो की मांग है एवं सोरों चेयरमैन की मांग की ये जल स्वच्छ एवं निर्मल आए और माइनर भी पक्की हो और किसानों को भी समस्या न हो जल स्वच्छ एवं निर्मल आता रहे यूपी केमुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी तीर्थों का विकास किया जाए उनका निर्देश रहता हैं। जल की स्वच्छ आपूर्ति को हम धीरे धीरे माइनर से कुंड में जलापूर्ति होती रहे आश्वस्त किया हूं। उन्होंने कहा कि सोरों माइनर पर कोई भी गंदगी नहीं डाली जाए।मंत्री स्वतंत्र देव ने जनप्रतिनिधियों से वार्ता कर सोरों सीमेंट कंटरिंग लाइनिंग बनाने हेतु निदर्शित किया।

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बांध को लेकर क्या बोले मंत्री?
उसके उपरांत मंत्री स्वतंत्र देव ने गंगा नदी के दाये किनारे पर स्थित ग्राम कादरगंज का कटान से सुरक्षा हेतु बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का एवं गंगा नदी के दायें किनारे पर ग्राम बरी बग्वास में स्परों का निर्माण एवं कटान निरोधक सुरक्षात्मक कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवयश्यक दिशा निर्देश। मंत्री ने कहा कि बाढ़ कार्यों को निर्धारित समय से पूर्ण कर लिया जाए बाढ़ को देखते हुए बांध का भी कार्य का समय पूर्ण कर लिया जाए।

ये अतिथिगण रहे मौजूद
इस दौरान सदर विधायक देवेंद्र सिंह राजपूत, अमापुर विधायक हरिओम वर्मा, सोरों चेयरमैन रामेश्वर दयाल महेरे, अधिशासी अभियंता, फायर अभियंता आदि मौजूद रहे।

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अब सिर्फ 1 रुपए में नैनी औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों से मिलेगा छुटकारा, UPSIDA ने उठाया बड़ा कदम!

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  1. एक रूपया लेकर नैनी औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों से अब कूड़ा उठाएगा यूपीसीडा।
  2. अभी तक उद्यमियों द्वारा ही किया जाता था कूड़े का निस्तारण।
  3. संवाद के दौरान उद्यमियों ने मंत्री नन्दी से बेहतर सुविधाओं की मांग की थी।

सचिन मलिक। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता (नन्दी) ने कहा नैनी औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों को अब कचड़ा निस्तारण के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा अब नैनी औद्योगिक क्षेत्र के फैक्ट्रियों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करते हुए कचड़ा उठाया जाएगा। जिसके लिए यूपीसीडा द्वारा उद्यमियों से अधिक शुल्क नहीं, बल्कि केवल एक रूपए प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष के आधार पर अनुरक्षण शुल्क लिया जाएगा। अभी तक उद्यमियों द्वारा स्वयं ही फैक्ट्रियों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण किया जाता था।

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इन चीजों की उठी मांग
उद्यमियों ने समस्याओं को देखते हुए उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने एवं उन्हें अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए ही उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता (नन्दी) की अध्यक्षता में दो मई को नैनी औद्योगिक क्षेत्र में प्रयागराज मंडल के उद्यमियों के साथ समाधान दिवस एवं संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमें उद्यमियों ने प्रयागराज औद्योगिक क्षेत्र में बिजली, पानी, साफ-सफाई के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाएं बेहतर किए जाने की मांग की थी। जिस पर मंत्री नन्दी ने उद्यमियों को आश्वस्त किया था।

डोर टू डोर कलेक्शन के लिए बढ़ाया मात्र 1 रुपया
यूपीसीडा द्वारा नैनी औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों से मेंटीनेंस यानी अनुरक्षण शुल्क के नाम पर अभी तक 20 रूपए प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष के आधार पर शुल्क लिया जाता था। जिसमें कचड़ा निस्तारण शामिल नहीं था। उद्यमियों को अपने उद्यम से निकलने वाले कचरे का स्वयं हटाना पड़ता था। जिस पर उन्हें अलग से खर्च करना पड़ता था। उद्यमियों की इस समस्या का समाधान करते हुए यूपीसीडा ने अब अपने स्तर से नैनी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित फैक्ट्रियों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कराते हुए निस्तारण का निर्णय लिया है। जिसके लिए पूर्व निर्धारित अनुरक्षण शुल्क 20 रूपए में मात्र एक रूपए की बढ़ोत्तरी करते हुए अनुरक्षण शुल्क 21 रूपए कर दिया गया है।

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कचरे से मिलेगा छुटकारा
मात्र एक रूपए प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष के शुल्क पर अब उद्यमियों को कूड़ा निस्तारण की समस्या से छुटकारा मिल गया है। ईस्टर्न चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनय कुमार टंडन ने बताया कि मंत्री नन्दी के आदेश पर यूपीसीडा द्वारा दी गई। इस सुविधा का लाभ उद्यमियों को मिलेगा। कचरा निस्तारण के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा। अभी तक उद्यमियों द्वारा अलग से वाहन की व्यवस्था कर कूड़ा हटवाया जाता था। जिस पर अधिक खर्च होता था। अब उद्योग स्थल से ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन होने से उद्यमियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

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चुनाव से पहले ही हरियाणा में CM पद को लेकर खलबली! जानिए क्या बोले रणजीत सिंह चौटाला?

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हरियाणा में जल्दी ही मतदान की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में वहां के तमाम नेता दल और प्रत्याशी लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी बीच विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से नाता तोड़ने वाले रणजीत सिंह चौटाला का बयान सामने आया है। दरअसल, उन्होंने बीते मंगलवार को मीडिया से बात की जिसके बाद ये अंदाजा लगाया जा रहा कि चुनाव परिणाम के बाद वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हाथ मिला सकते हैं। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है तो कोई नहीं जानता लेकिन हाल ही में हुए इंटरव्यू ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बारे में कुछ ऐसा कहा जिसके बाद से ही लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला..

क्या बोले रंजीत सिंह?
दरअसल, रंजीत सिंह चौटाला ने आईएएनएस से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने शब्द में कहा कि, “मैं लोगों से पूछूंगा, ये जहां कहेंगे, वहां जाएंगे। हुड्डा मेरे परम मित्र हैं, हम क्लास फेलो रहे हैं। ये पार्टियां तो कल आई हैं। मैं और हुड्डा साहब 60s से दोस्त हैं। हम चंडीगढ़ पढ़ते थे। हमारे परिवारों को बहुत पुराना प्यार है। हुड्डा साहब के फादर और मेरे पिताजी और ताऊजी ने लाहौर और मुलतान की जेलें इकट्ठा काटी हैं। ब्रिटेश टाइम से भी हमारे संबंध हैं। वो एक अलग विषय है, राजनैतिक निर्णय मैं इन लोगों (समर्थकों) से पूछकर लूंगा। इसकी बात भी मैं इनसे पूछकर करूंगा। हो सकता है उनके साथ भी चला जाऊं, मुझे जो लोग कहेंगे वो करूंगा।”

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हरियाणा में सीएम पद को लेकर खलबली
वहीं हरियाणा कांग्रेस में सीएम पद को लेकर भी खलबली मची हुई है। हालाँकि मुख्यमंत्री पद का निर्णय चुनाव परिणाम के बाद राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे करने वाले हैं। ऐसे में जब रंजीत सिंह चौटाला से इसके बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, “कौन मुख्यमंत्री बनेगा, हर आदमी की आकांक्षा है। सैलजा जी भी बनना चाहेंगे, क्यों नहीं? मेरी बड़ी बहन है, चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी भी बनना चाहेंगे। हम तीनों के अलावा कोई और साथी का भी राइट हो सकता है। यहां प्रजातंत्र है, आखिर में यह निर्णय राहुल गांधी जी और खड़गे साहब करते हैं, जो वो निर्णय करेंगे वह हम सबको स्वीकार्य होगा।”

इस दौरान रंजीत सिंह चौटाला से कुमारी सैलजा को लेकर बीजेपी के दावों से जुड़े सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा कि, “पूर्व मुख्यमंत्री मेरे लिए पिता समान हैं, उनका आदर करता हूं, उम्र की वजह से, दर्जे की वजह से, पर बचकाना बातें कर रहे हैं। सैलजा जी, कांग्रेसी थीं, हैं और रहेंगी।”

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कौन है रंजीत सिंह चौटाला?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, रणजीत सिंह चौटाला पूर्व सीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। इतना ही नहीं बल्कि वह पहले इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्य थे। इसके बाद उन्होंने जनता दल और फिर कांग्रेस ज्वाइन की। साल 2019 में भी विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट से उन्होंने रानिया से चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत भी मिली थी। वही मनोहर लाल खट्टर के दूसरे कार्यकाल में रणजीत सिंह चौटाला को तीन अहम मंत्रालय दिया गया था। वही साल 2005 से लेकर साल 2009 तक उन्हें हरियाणा राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष का पद संभालने का मौका मिला।

बात कीजिए उनके लोकसभा चुनाव के बारे में तो बीजेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को हिसार से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन इस दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी से हार की चोट खाई थी। जहां जेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को 63,381 वोट से हराया था। जेपी को 48.58 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे तो वहीं रणजीत चौटाला को केवल 43.19% वोट ही मिले थे। खैर अब हर किसी की नजर हरियाणा चुनाव पर है। ये देखना दिलचस्प होगा कि इसमें कौन बाजी मारता है?

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RBSE Result 2025:12वीं के रिजल्ट के बाद सब की नजर 10th, 8th, 5th पर, जानें कितनी तारीख को घोषित होगा रिजल्ट?

rbSE 10th Result 2025

कक्षा 12वीं का रिजल्ट घोषित होने के बाद अब हर किसी की नजर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दसवीं पांचवी और आठवीं का परिणाम पर है। मिली जानकारी के अनुसार आरबीएसई 10वीं रिजल्ट मई के तीसरे हफ्ते में जारी कर सकता है। इसके बाद कक्षा पांचवी और आठवीं के नतीजे सामने आ सकते हैं। चलिए डिटेल में जानते हैं इन परीक्षाओं के आंकड़ों के बारे में…

इन तारीखों को जारी हो सकता है रिजल्ट
बता दें, इस साल राजस्थान बोर्ड 10वीं की परीक्षा 6 मार्च से 4 अप्रैल 2025 के बीच में हुई थी। इस परीक्षा में करीब 11 लाख से ज्यादा छात्रों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अब इसी बीच खबर सामने आई है कि राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट 25 से 28 मई के बीच में जारी कर सकता है। इसके अलावा आठवीं और पांचवी का रिजल्ट 30 या 31 मई को जारी किया जा सकता है। हालांकि अभी तक राजस्थान बोर्ड की तरफ से इन तारीखों की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि इन तारीखों में रिजल्ट जरूर सामने आ जाएगा। वही बात की जाए पांचवी और आठवीं कक्षा की परीक्षाओं के बारे में तो 7 अप्रैल से 17 अप्रैल के बीच में इन परीक्षाओं का आयोजन हुआ था जिसमें दोनों ही कक्षाओं के करीब 28 लाख छात्रों ने भाग लिया था।

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परीक्षा में कितनी छात्रों ने लिया था भाग?
बात करें बीते वर्ष के बारे में तो जहां पांचवी की परीक्षा में कुल 1435696 छात्रों उपस्थित हुए। जिनमें से कुल 13 93423 छात्र पास हुए। इस दौरान लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया था जहां लड़कियों 97.23% से पास हुई जबकि लड़कों का आंकड़ा 96.8 रहा था। बात की जाए कक्षा आठवीं के बारे में तो पिछले साल इसमें करीब 12,50,800 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए और उनमें से 11,97,321 उत्तीर्ण हुए, जिससे कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 95.72% रहा। ख़ास बात ये है कि, कक्षा 5 की तरह ही, इसमें भी छात्राओं का प्रदर्शन बेहतर रहा, जिनकी उत्तीर्णता प्रतिशत 96.39% रही। वहीं बात करें लड़कों के बारे में तो उनका प्रतिशत 95.14% रहा।

कैसा था 10वीं का रिजल्ट?
यदि पिछले साल के रिजल्ट के बारे में तो राजस्थान बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं मैं करीब 10,41,373 छात्र शामिल हुए थे जिसमें से 94,2,360 छात्र पास हुए। पिछले साल राजस्थान बोर्ड की कक्षा दसवीं का कुल पास प्रतिशत 93.03 रहा था जबकि कक्षा 12वीं के परिणाम में भी ज्यादातर सफलता देखने को मिला जहां आर्ट्स स्ट्रीम लेने वाले बच्चे 96.88 प्रतिशत से पास हुए तो वही साइंस स्ट्रीम वाले बच्चे 97.73 से पास हुए थे।

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कैसा रहा इस साल का 12वीं का रिजल्ट
बता दें, कक्षा 12वीं का रिजल्ट कल यानी कि, 21 मई को जारी किया गया था। बोर्ड प्रशासक और संभागीय आयुक्त श्री महेश चंद्र शर्मा द्वारा शाम 5.00 बजे परिणाम जारी किए गए। बोर्ड सचिव श्री कैलाश चंद्र शर्मा ने बताया कि, “साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स संकायों का रिजल्ट आज एक साथ जारी कर दिए गए हैं।”

ख़ास बात ये है कि, इस साल तीनों स्ट्रीम (विज्ञान, वाणिज्य और कला) का परिणाम एक साथ घोषित कर दिया गया है। जहां विज्ञान संकाय का कुल पास प्रतिशत 98.43%, रहा जिसमें छात्रों का पास प्रतिशत 98.07% और छात्राओं का 99.02% रहा। वहीं कला संकाय का कुल परिणाम 97.78% दर्ज किया गया, जिसमें छात्रों का पास प्रतिशत 97.09% और छात्राओं का 98.42% रहा। इसके अलावा तो बात करें वाणिज्य संकाय के बारे में तो इसमें कुल 99.07% छात्र-छात्राएं सफल हुए, जिसमें छात्रों का परिणाम 99.27% और छात्राओं का 98.97% रहा।

जारी होने पर आप कुछ इस प्रकार चेक कर सकते हैं अपना रिजल्ट
1. सबसे पहले आप RBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाए।
2. इसके बाद आप राजस्थान बोर्ड वाले क्षेत्र पर क्लिक करें।
3. इसके बाद आप 10वीं या 5वीं या फिर 8वीं अपनी कक्षा के अनुसार रिजल्ट की लिंक को क्लिक करें।
4. इसके बाद आप अपना रोल नंबर निर्धारित स्थान पर टाइप कर दे।
5. इसके बाद आपके सामने आपका रिजल्ट आ जाएगा।
6.आप चाहे तो इसकी प्रिंट भी निकलवा सकते हैं।

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Harvard University: हार्वर्ड में रहना है तो विदेशी छात्रों को पूरी करनी पड़ेंगी ये शर्तें, मिला 72 घंटे का समय!

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अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने विदेशी छात्रों को लेकर एक ऐसा फैसला लिया है जिसके बाद हजारों छात्र के भविष्य पर संशय बना हुआ है। दरअसल हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में भारतीय और विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं बल्कि ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों को सिर्फ 72 घंटे का समय दिया है जिसमें उनके द्वारा दी गई शर्तों को पूरी करनी होगी वरना वे किसी और यूनिवर्सिटी से अपनी पढाई पूरी कर ले। तो चलिए जानते हैं अब आखिर हावर्ड में पढ़ने के लिए विदेशी छात्रों को क्या काम करना होगा?

विदेश छात्रों को नहीं मिल सकेगा एडमिशन
बता दें, डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रहे तनाव का असर विदेशी छात्रों पर देखने को मिल रहा है। इस फैसले के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्रों में चिंता का माहौल है। यह जानकारी भी सामने आई है कि हावर्ड में अब F-1 और J-1 वीजा पर आए विदेशी छात्रों को एडमिशन नहीं मिल सकेगा। जी हां.. इसके बाद से ही यूनिवर्सिटी के करीब 800 भारतीय और 6800 विदेशी छात्रों के भविष्य पर खतरा देखने को मिल रहा है। इसी बीच ट्रंप प्रशासन ने इन छात्रों को केवल 72 घंटे का समय दिया है जिनमें से कुछ रिकॉर्ड तुरंत ही सबमिट करने होंगे। छात्रों को ये शर्तें बताई गई हैं जो इस प्रकार हैं।

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ट्रंप सरकार की इन शर्तों को करना होगा पूरा
1. उन्होंने अपने निर्देश में कहा कि पिछले 5 सालों में किसी गैर आप्रवासी छात्र ने किसी सहपाठी या यूनिवर्सिटी के स्टाफ के अधिकारों का हनन किया है। इसका भी वीडियो प्रशासन को देना होगा। यूनिवर्सिटी के बाहर का है तब भी प्रशासन को इसकी जानकारी होनी चाहिए।
2. इसमें बताया गया है कि छात्रों को पिछले 5 साल के ऐसे वीडियो फुटेज जिसमें हिंसा दिख रही हो, उन्हें भी प्रशासन को सपना होगा यह वीडियो या ऑडियो कैंपस के है या नहीं।
3. इसके अलावा यह भी आदेश मिला है कि हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े छात्रों को इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी सब्मिट होंगे जिसमें यूनिवर्सिटी के कर्मियों को धमकी देने से जुड़ी जानकारी हो।
4. इसके अलावा यूनिवर्सिटी में किसी तरह के विरोध प्रदर्शन से जुड़े दस्तावेजों को भी सरकार को सौंपना होगा।
5. इसके साथ ही किसी गैर प्रवासी छात्र की अनुशासनहीनता से जुड़ा दस्तावेज भी देना होगा।

स्टूडेंट्स को दिए 2 ऑप्शन
बता दें इस फैसले के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे विदेशी स्टूडेंट्स 2 ऑप्शन भी दिए है। कहना है कि, छात्र चाहें तो किसी अन्य संस्थान में एडमिशन लेकर पढ़ाई पूरी कर लें या फिर अमेरिका में अपना लीगल स्टेटस गंवा दें। खास बात ये है कि, भारतीय स्टूडेंट्स के पास अमेरिका के ही दूसरे संस्थान में एडमिशन का विकल्प रहेगा। लेकिन छात्र ये भी नहीं करते हैं तो फिर उन्हें अमेरिका छोड़ना पड़ेगा।

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इन छात्रों को मिलेगी तनाव से राहत
इस तनाव भरी खबर के बीच ये सूचना भी मिली है कि, मौजूदा सत्र वाले स्टूडेंट्स हार्वर्ड से ग्रेजुएशन पूरा कर सकेंगे। जी हाँ… अमेरिकी के आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड यूनिवर्स्टी को भेजे गए अपने पत्र में लिखा है कि, “मौजूदा सत्र वाले स्टूडेंट्स हार्वर्ड से ग्रेजुएशन पूरा कर सकेंगे। ट्रंप सरकार ने जो बदलाव किया है, वह 2025-26 के एकेडमिक ईयर से लागू होगा।” साफ़ तौर पर कहा जाए तो मौजूदा छात्रों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।

दुनियाभर में मशहूर है हॉवर्ड यूनिवर्सिटी
आपकी जानकारी के लिए बता दें, हॉवर्ड में हर साल 500 से 800 भारतीय स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं। जबकि दुनियाभर से करीब 6800 छात्र यहां पढ़ाई करते हैं। रिपोर्ट की माने तो इसी साल 788 भारतीय स्टूडेंट्स ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। दरअसल, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी दुनियाभर के स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है। वहां पर पढाई करने के लिए हर छात्र का सपना होता है। बता दें, QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में इसे चौथे नंबर पर रखा गया है।

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