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Saturday, July 5, 2025
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चमोली हिमस्खलन: माणा गांव में बर्फीली तबाही, 41 मजदूर फंसे, रेस्क्यू जारी

चमोली हिमस्खलन
चमोली हिमस्खलन

चमोली में बड़ा हादसा, हिमस्खलन से 57 मजदूर दबे

चमोली हिमस्खलन
चमोली हिमस्खलन

उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन (चमोली हिमस्खलन) की एक बड़ी घटना सामने आई है। माणा गांव में अचानक बर्फीली पहाड़ी के धंसने से कई मजदूर इसकी चपेट में आ गए। इस हादसे में कुल 57 मजदूर बर्फ के नीचे दब गए थे, जिनमें से 16 को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि बाकी 41 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन में ITBP और गढ़वाल स्काउट की टीम तैनात

हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। आईटीबीपी (ITBP), गढ़वाल स्काउट, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। सीमा सड़क संगठन (BRO) के मजदूर भी इस अभियान में शामिल हैं।

हादसे के वक्त मजदूर सड़क निर्माण में थे व्यस्त

हादसे के समय, माणा गांव के पास BRO द्वारा संचालित सड़क निर्माण कार्य चल रहा था। ठेकेदारों के मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में लगे थे, तभी अचानक हिमस्खलन हो गया और कई मजदूर बर्फ में दब गए।

चमोली हिमस्खलन पर मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि प्रशासन और राहत टीमें मौके पर मौजूद हैं और मजदूरों को सुरक्षित निकालने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने भगवान बदरीनाथ से मजदूरों की सुरक्षा की प्रार्थना भी की।

हिमस्खलन के कारण और हालात

मौसम विभाग के अनुसार, बीते दो दिनों से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है। इसके कारण ग्लेशियर खिसकने की घटनाएं बढ़ गई हैं।

हिमस्खलन से बचाव के लिए प्रशासन अलर्ट

उत्तराखंड प्रशासन ने चमोली हिमस्खलन जैसी घटनाओं से बचाव के लिए जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए हैं। लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सतर्क रहने और गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

चमोली हिमस्खलन की यह घटना बेहद चिंताजनक है। प्रशासन और बचाव दल लगातार राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। अभी तक 16 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन बाकी 41 मजदूरों की तलाश जारी है। उम्मीद है कि जल्द ही सभी मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया जाएगा।

और पढ़ें:  स्कूल में छात्रा की आंख में चोट: प्रिंसिपल पर लगे गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक संपन्न: मछुआ समुदाय के विकास पर हुई चर्चा

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक
मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक संपन्न, मछुआ समुदाय के विकास पर जोर

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक

बहराइच: तहसील क्षेत्र मिहींपुरवा के ग्राम पंचायत मंझरा में मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक का आयोजन किया गया। यह समिति मछुआ समुदाय और मत्स्य आखेटकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य करती है। बैठक में ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों और मछुआ समुदाय के लोगों ने भाग लिया। बैठक के दौरान पूर्व में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की गई और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई।

बैठक में हुई अहम चर्चाएं

बैठक की शुरुआत में पूर्व की बैठकों में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की गई। समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने प्रस्तावित योजनाओं को पढ़कर सुनाया, जिनकी पुष्टि उपस्थित सदस्यों द्वारा की गई।

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक में मुख्य बिंदु

  1. मछुआ समुदाय के अधिकार और संरक्षण पर चर्चा
  2. सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी
  3. मत्स्य पालन के लिए अनुदान और ऋण योजनाओं पर विचार
  4. मत्स्य आखेट प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का समाधान

मछुआ समुदाय के हितों पर हुई चर्चा

बैठक में समिति के अध्यक्ष बृज मोहन ने कहा कि मछुआ समुदाय की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकारी योजनाओं का सही लाभ उठाना जरूरी है। इस दौरान कार्यवाहक सचिव रमाशंकर गोंड ने सरकारी अनुदानों और ऋण योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक में किसने-किसने लिया भाग?

इस महत्वपूर्ण बैठक में क्षेत्र के कई सम्मानित जनप्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें शामिल थे:

  • मुख्य प्रवर्तक अध्यक्ष: बृज मोहन
  • कार्यवाहक सचिव: रमाशंकर गोंड
  • क्षेत्र पंचायत सदस्य: बंशी लाल निषाद, राजू यादव
  • जिला पंचायत सदस्य: राम गणेश राजभर
  • ग्राम प्रधान: चंद्र देव (सेमरहना) और अन्य ग्राम प्रधान
मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम

बैठक में यह तय किया गया कि मछुआ समुदाय को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। साथ ही, मत्स्य आखेटकों को प्रशिक्षण देकर आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता का लाभ सभी पात्र मछुआरों तक पहुंचाने के लिए योजनाएं बनाई गईं।

समाप्ति पर लिए गए निर्णय

बैठक के अंत में समिति ने निर्णय लिया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अगले कुछ महीनों में प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही, जलाशयों के सही उपयोग और संरक्षण को लेकर भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

मत्स्य जीवी सहकारी समिति बैठक का मुख्य उद्देश्य मछुआ समुदाय के विकास को सुनिश्चित करना और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आवश्यक कदम उठाना था। इस बैठक में लिए गए निर्णय आने वाले समय में मछुआरों के लिए लाभदायक सिद्ध होंगे। समिति ने इस तरह की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने का भी निर्णय लिया, ताकि मछुआ समुदाय की समस्याओं को समय-समय पर सुलझाया जा सके।

और पढ़ें : बहराइच निर्माण कार्य समीक्षा बैठक: DM मोनिका रानी ने दिए कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण और बचाव: जानिए कौन से फूड्स देंगे भरपूर पोषण

विटामिन बी12 की कमी
विटामिन बी12 की कमी

विटामिन बी12 की कमी क्यों खतरनाक है?

विटामिन बी12 की कमी
विटामिन बी12 की कमी

विटामिन बी12 की कमी शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है। यह पोषक तत्व न सिर्फ रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है, बल्कि नर्वस सिस्टम के सही संचालन में भी अहम भूमिका निभाता है। भारत में विटामिन बी12 की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है, जिससे शरीर में कमजोरी, थकान और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

इस लेख में हम विटामिन बी12 की कमी के लक्षण, कारण और इसे दूर करने के लिए किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण (Vitamin B12 Deficiency Symptoms)

1. कमजोरी और थकान

शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने पर एनर्जी लेवल कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति को हल्का काम करने के बाद भी थकान महसूस होती है।

2. हाथ-पैर सुन्न होना

अगर आपको अक्सर हाथ और पैरों में सुन्नपन महसूस होता है या झुनझुनी होती है, तो यह विटामिन बी12 की कमी का संकेत हो सकता है।

3. स्मृति और एकाग्रता की समस्या

विटामिन बी12 की कमी के कारण दिमागी गतिविधियां भी प्रभावित हो सकती हैं, जिससे ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और भूलने की समस्या हो सकती है।

4. मांसपेशियों में कमजोरी

विटामिन बी12 की कमी से शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर धीरे-धीरे सूखने लगता है।

विटामिन बी12 की कमी को दूर करने वाले फूड्स (Foods Rich in Vitamin B12)

1. डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें

दूध, दही, पनीर और चीज जैसे डेयरी उत्पादों में विटामिन बी12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। रोजाना इनका सेवन करने से शरीर को पर्याप्त पोषण मिल सकता है।

2. यीस्ट युक्त रोटी खाएं

अगर आप शाकाहारी हैं, तो अपनी रोटी में यीस्ट मिलाकर इसे और अधिक पोषक बना सकते हैं। यीस्ट में भी भरपूर विटामिन बी12 होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है।

3. अंडे और मांसाहारी भोजन

अगर आप मांसाहारी हैं, तो अंडे, मछली और चिकन का सेवन करें। यह सभी फूड्स विटामिन बी12 की कमी को पूरा करने में मददगार होते हैं।

4. फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन करें

आजकल बाजार में कई ऐसे अनाज और खाद्य उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें विटामिन बी12 को कृत्रिम रूप से मिलाया जाता है। इनका सेवन भी फायदेमंद हो सकता है।

विटामिन बी12 की कमी से कैसे बचें?

 संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन बी12 युक्त फूड्स शामिल हों।
 अल्कोहल और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन कम करें, क्योंकि ये विटामिन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं।
 अगर आपको विटामिन बी12 की कमी अधिक महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
 अपने हेल्थ चेकअप करवाते रहें ताकि समय रहते विटामिन बी12 की कमी का पता लगाया जा सके।

विटामिन बी12 शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जिसकी कमी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप विटामिन बी12 की कमी से बचना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।

 और पढ़ें: महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम: जानें कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

स्कूल में छात्रा की आंख में चोट: प्रिंसिपल पर लगे गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला

स्कूल में छात्रा की आंख में चोट
स्कूल में छात्रा की आंख में चोट

मुरादाबाद के एक सरकारी स्कूल में हुई घटना से हड़कंप, जांच जारी

स्कूल में छात्रा की आंख में चोट
स्कूल में छात्रा की आंख में चोट

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के भोगपुर मिथौनी प्राइमरी स्कूल में एक कक्षा 3 की छात्रा की आंख में चोट लगने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद छात्रा की एक आंख की रोशनी चली गई, जिससे परिवार में हड़कंप मच गया है। पीड़िता की मां ने स्कूल प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं, हालांकि स्कूल प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

मां ने प्रिंसिपल पर लगाए गंभीर आरोप

पीड़िता की मां ज्योति कश्यप ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी हिमांशी को स्कूल की प्रिंसिपल गीता कराल ने गंभीर रूप से चोट पहुंचाई, जिससे उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। उन्होंने इस मामले में जिलाधिकारी को शिकायत दी, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने जांच शुरू कर दी है।

स्कूल प्रिंसिपल ने आरोपों को किया खारिज

स्कूल की प्रिंसिपल गीता कराल ने इन आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि हिमांशी की नजर पहले से ही कमजोर थी और यह चोट गलती से उसकी क्लासमेट की कोहनी लगने से हुई थी। उन्होंने बताया कि हिमांशी की सहपाठी बेनज़ीर अपना काम कर रही थी, तभी गलती से उसकी कोहनी हिमांशी की आंख पर लग गई, जिससे उसकी आंख में सूजन आ गई।

घटना के बाद मचा हड़कंप

जब छात्रा की मां को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्कूल जाकर मेडिकल सर्टिफिकेट की मांग की। प्रिंसिपल ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें मेडिकल रिपोर्ट जारी करने का अधिकार नहीं है। इस पर हिमांशी की मां ने नाराजगी जाहिर की और प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

शिक्षा विभाग ने गठित की जांच कमेटी

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अजीत कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त BSA शिवम गुप्ता के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई है, जो घटना की सभी परिस्थितियों की गहनता से समीक्षा करेगी।

परिजन कर रहे हैं न्याय की मांग

फिलहाल, इस घटना ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है। पीड़िता के परिजन मामले की निष्पक्ष जांच और प्रिंसिपल पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, स्कूल प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ एक दुर्घटना थी और इसे जानबूझकर नहीं किया गया था।

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

इस मामले की जांच पूरी होने के बाद शिक्षा विभाग उचित कदम उठाएगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच के नतीजे क्या आते हैं और क्या प्रिंसिपल पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं। फिलहाल, पीड़िता के परिवार को न्याय की उम्मीद है।

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महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम: जानें कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम
महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम: कारण, लक्षण और उपचार के तरीके

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम

पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Congestion Syndrome) महिलाओं में पेट और पेल्विक क्षेत्र में दर्द का एक प्रमुख कारण हो सकता है। यह समस्या तब होती है जब पेल्विक नसों में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। आइए जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और उपचार के तरीके।

पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम क्या है?

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Congestion Syndrome) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिसमें पेल्विक क्षेत्र की नसें असामान्य रूप से फैलने लगती हैं और उनमें रक्त संचरण प्रभावित होता है। यह स्थिति अक्सर लंबे समय तक खड़े रहने, गर्भावस्था और हार्मोनल बदलाव के कारण होती है।

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम के कारण

1. नसों का फैलना और रक्त प्रवाह में रुकावट

जब पेल्विक क्षेत्र की नसें अत्यधिक फैल जाती हैं, तो रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से नहीं हो पाता, जिससे नसों में दबाव बढ़ जाता है और दर्द की समस्या उत्पन्न होती है।

2. हार्मोनल असंतुलन

महिलाओं में गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे नसों का आकार बढ़ सकता है। खासतौर पर, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उच्च स्तर पेल्विक क्षेत्र की नसों को कमजोर कर सकता है, जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है।

3. गर्भावस्था का प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने से पेल्विक क्षेत्र की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे रक्त संचार बाधित हो सकता है। यह समस्या उन महिलाओं में अधिक देखी जाती है, जिन्होंने कई बार गर्भधारण किया है।

4. कमजोर नसें और आनुवंशिक कारण

कुछ महिलाओं में जन्म से ही नसें कमजोर होती हैं, जिससे पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम की समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह समस्या उन महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि में नसों की बीमारियां रही हैं।

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम के लक्षण

1. लगातार बना रहने वाला पेल्विक दर्द

इस बीमारी में महिलाओं को लंबे समय तक पेट और पेल्विक क्षेत्र में दर्द बना रहता है, जो विशेष रूप से खड़े रहने या दिन के अंत में अधिक महसूस होता है।

2. मासिक धर्म में अधिक दर्द

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अधिक दर्द महसूस हो सकता है।

3. कमर और पीठ में दर्द

इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं को अक्सर कमर और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत होती है।

4. शारीरिक संबंध के दौरान दर्द

कई महिलाएं पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम के कारण शारीरिक संबंध के दौरान असहजता और दर्द महसूस करती हैं।

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम का इलाज और बचाव

1. जीवनशैली में बदलाव

  • लंबे समय तक एक ही स्थिति में खड़े या बैठे रहने से बचें।
  • नियमित रूप से योग और व्यायाम करें, जिससे रक्त संचार बेहतर हो सके।
  • फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें, जिससे नसों पर दबाव कम हो।

2. दवाओं द्वारा उपचार

डॉक्टर की सलाह के अनुसार दर्द निवारक दवाएं और हार्मोनल उपचार दिया जा सकता है, जिससे नसों के कार्य में सुधार होता है।

3. सर्जरी और मेडिकल ट्रीटमेंट

यदि दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से कोई लाभ नहीं होता है, तो नसों के उपचार के लिए सर्जरी (एंजियोप्लास्टी या वेनस एम्बोलाइजेशन) की सलाह दी जाती है।

महिलाओं में पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम एक गंभीर समस्या हो सकती है, जो नसों के असामान्य रूप से फैलने और रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण होती है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर से परामर्श लें। सही समय पर उपचार और जीवनशैली में बदलाव से इस समस्या से राहत पाई जा सकती है।

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मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025 के लिए तैयार, चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर रहने की ये है बड़ी वजह

मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025
मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025 में खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन उन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 से बाहर रहने का फैसला किया है। इसके पीछे की मुख्य वजह उनके टखने की चोट और व्यक्तिगत कारण बताए जा रहे हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर।

मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025
मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025

मिचेल स्टार्क क्यों नहीं खेल रहे चैम्पियंस ट्रॉफी 2025?

ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025 में खेलने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। स्टार्क ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उनके इस फैसले के पीछे टखने की चोट और कुछ व्यक्तिगत कारण हैं।

उन्होंने कहा,
“टेस्ट सीरीज के दौरान मेरे टखने में दर्द था, इसलिए मुझे इसे ठीक करने की जरूरत है। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनल है, जो जून में खेला जाएगा।”

आईपीएल 2025 के लिए खुद को फिट कर रहे हैं स्टार्क

आईपीएल 2025 में वापसी की तैयारी

मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) की टीम का हिस्सा होंगे। वे पिछले कुछ सालों से आईपीएल से दूर थे, लेकिन इस बार उन्होंने मेगा ऑक्शन में हिस्सा लेकर वापसी की है। उनका मुख्य फोकस अपनी फिटनेस को सही रखते हुए आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करने पर है।

उन्होंने कहा,
“अगले कुछ महीनों में मैं पूरी तरह से फिट हो जाऊंगा और फिर (WTC) फाइनल के लिए तैयार रहूंगा। उसके बाद आईपीएल 2025 भी खेलूंगा।”

ऑस्ट्रेलिया के बिना मुख्य गेंदबाजों के उतरी चैम्पियंस ट्रॉफी टीम

ऑस्ट्रेलियाई टीम चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 में अपने तीन दिग्गज गेंदबाजों मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड के बिना खेल रही है। इन तीनों की अनुपस्थिति में स्टीव स्मिथ को टीम की कप्तानी सौंपी गई है।

ऑस्ट्रेलिया का व्यस्त क्रिकेट शेड्यूल

मिचेल स्टार्क ने 2024-25 के सीजन में भारत और श्रीलंका के खिलाफ कुल 7 टेस्ट मैच खेले हैं, जिससे वे सबसे व्यस्त ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों में से एक रहे हैं। आगे भी उनका क्रिकेट शेड्यूल काफी टाइट है:

  • जून 2025 – वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) फाइनल
  • वेस्टइंडीज दौरा – तीन टेस्ट मैच
  • आईपीएल 2025 – दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलेंगे

मिचेल स्टार्क आईपीएल 2025 के लिए कितने तैयार?

स्टार्क की वापसी से दिल्ली कैपिटल्स को फायदा

मिचेल स्टार्क की आईपीएल 2025 में वापसी से दिल्ली कैपिटल्स की टीम को जबरदस्त मजबूती मिलेगी। स्टार्क अपनी तेज गेंदबाजी और यॉर्कर के लिए जाने जाते हैं, जो डेथ ओवर्स में किसी भी टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

आईपीएल में उनका पिछला प्रदर्शन शानदार रहा है और इस बार भी दिल्ली कैपिटल्स को उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है।

मिचेल स्टार्क ने चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 से बाहर रहने का फैसला किया है, ताकि वे अपनी फिटनेस पर ध्यान देकर आईपीएल 2025 और वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिए खुद को तैयार कर सकें। दिल्ली कैपिटल्स के लिए यह अच्छी खबर है, क्योंकि उनकी टीम को इस अनुभवी तेज गेंदबाज से काफी उम्मीदें हैं। अब देखना यह होगा कि आईपीएल 2025 में स्टार्क कितनी धुआंधार गेंदबाजी करते हैं।

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1 मार्च से लागू नए नियम: एलपीजी, UPI, इंश्योरेंस समेत इन 5 बड़े बदलावों का हर घर पर होगा असर!

1 मार्च से लागू नए नियम
1 मार्च से लागू नए नियम

1 मार्च से लागू नए नियम: जानिए कौन-कौन से बड़े बदलाव होंगे

1 मार्च से लागू नए नियम
1 मार्च से लागू नए नियम

फरवरी का महीना समाप्त होने वाला है, और 1 मार्च से देश में कई बड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इन बदलावों का असर हर घर और हर जेब पर पड़ेगा। 1 मार्च से लागू नए नियम एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों, इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट, यूपीआई भुगतान प्रणाली, म्यूचुअल फंड नॉमिनी और बैंक हॉलिडे से जुड़े हैं। आइए जानते हैं इन 1 मार्च से लागू नए नियमों के बारे में विस्तार से।

1. एलपीजी सिलेंडर के दाम में बदलाव

हर महीने की पहली तारीख को ऑयल मार्केटिंग कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं। 1 मार्च से घरेलू और कमर्शियल गैस सिलेंडर की नई कीमतें जारी की जाएंगी। इससे पहले फरवरी में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 7 रुपये की कटौती की गई थी। उम्मीद की जा रही है कि इस बार घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में राहत मिल सकती है।

2. हवाई ईंधन (ATF) की कीमतों में बदलाव

एलपीजी के अलावा, 1 मार्च से लागू नए नियमों में हवाई ईंधन यानी एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में संशोधन भी शामिल है। यदि ईंधन के दाम घटते हैं, तो हवाई यात्रा सस्ती हो सकती है, जबकि कीमतें बढ़ने पर किराए में बढ़ोतरी हो सकती है।

3. UPI पेमेंट सिस्टम में बदलाव

यूपीआई (UPI) से जुड़ा एक बड़ा बदलाव 1 मार्च से लागू नए नियमों के तहत होने जा रहा है। बीमा भुगतान को आसान बनाने के लिए, इंश्योरेंस-ASB (Application Supported by Block Amount) सुविधा जोड़ी जा रही है। इसके जरिए बीमा धारक पहले से ही प्रीमियम का अमाउंट ब्लॉक कर सकते हैं, जो तय समय पर अपने आप कट जाएगा। यह सुविधा बीमा प्रीमियम भुगतान में देरी को रोकने के लिए शुरू की जा रही है।

4. म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट में 10 नॉमिनी जोड़ने की सुविधा

1 मार्च से म्यूचुअल फंड और डीमैट खातों में नॉमिनी जोड़ने से जुड़े नियमों में बदलाव किया जा रहा है। 1 मार्च से लागू नए नियमों के तहत निवेशक अपने डीमैट या म्यूचुअल फंड फोलियो में अधिकतम 10 नॉमिनी जोड़ सकते हैं। इससे निवेशकों के धन का बेहतर प्रबंधन होगा और क्लेम न किए गए फंड्स की समस्या कम होगी।

5. मार्च में 14 दिन बैंक रहेंगे बंद

अगर मार्च में आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम करना है, तो पहले बैंक हॉलिडे लिस्ट देख लें। 1 मार्च से लागू नए नियमों में बैंक हॉलिडे भी शामिल हैं। इस महीने होली और ईद-उल-फितर जैसे त्योहारों के कारण बैंक कुल 14 दिन बंद रहेंगे। हालांकि, ऑनलाइन बैंकिंग और एटीएम सेवाएं 24×7 उपलब्ध रहेंगी।

1 मार्च से लागू नए नियम कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले हैं। चाहे वह एलपीजी सिलेंडर की कीमतें हों, यूपीआई पेमेंट सिस्टम हो, या म्यूचुअल फंड नॉमिनी, इन बदलावों का असर हर किसी पर पड़ेगा। ऐसे में इन बदलावों के बारे में पहले से जानकारी रखना जरूरी है ताकि आप अपनी वित्तीय योजनाओं को सही ढंग से प्रबंधित कर सकें।

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महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान: अजय राय ने दी सफाई, बोले- ‘गांधी परिवार की ओर से मैंने लगाई डुबकी

महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान
महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान

महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान: अजय राय ने दी सफाई

महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान
महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान

महाकुंभ का समापन और कांग्रेस नेताओं की अनुपस्थिति

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ का भव्य समापन हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। लेकिन इस बार चर्चा का विषय यह रहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने संगम में स्नान क्यों नहीं किया? इसे लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गईं।

अजय राय का बड़ा बयान

इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान एक व्यक्तिगत आस्था का विषय है। उन्होंने बताया कि गांधी परिवार की ओर से उन्होंने स्वयं गंगा में डुबकी लगाई और देश की मंगलकामना के लिए प्रार्थना की।

“मैं कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते गांधी परिवार की ओर से वहां गया था और आस्था की डुबकी लगाई थी,” – अजय राय

‘महाकुंभ को राजनीति से जोड़ना गलत’

अजय राय ने यह भी कहा कि महाकुंभ एक धार्मिक और आध्यात्मिक पर्व है, इसे किसी भी तरह से राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुंभ में आकर स्नान करना हर व्यक्ति की व्यक्तिगत आस्था पर निर्भर करता है।

66 लाख श्रद्धालुओं ने किया स्नान

महाकुंभ 2025 के इस समापन स्नान में देशभर से आए 66 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। इस दौरान आम जनता से लेकर कई बड़े नेता और साधु-संतों ने भी स्नान किया।

कांग्रेस नेताओं की गैर-मौजूदगी पर उठे सवाल

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की महाकुंभ स्नान से दूरी को लेकर कई राजनीतिक विश्लेषक सवाल उठा रहे हैं। इसे लेकर बीजेपी नेताओं ने भी कटाक्ष किए हैं। हालांकि, अजय राय ने साफ कर दिया कि यह पूरी तरह व्यक्तिगत आस्था का मामला है और इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।

महाकुंभ और आस्था का महत्व

महाकुंभ भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा धार्मिक उत्सव माना जाता है, जहां करोड़ों लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए स्नान करते हैं। आचार्यों के अनुसार, कुंभ में स्नान करने से जीवन के पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि आम से लेकर खास लोग कुंभ में आकर आस्था की डुबकी लगाते हैं।

महाकुंभ में कांग्रेस नेताओं का स्नान न करने पर उठे सवालों का अजय राय ने स्पष्ट जवाब दे दिया है। उन्होंने इसे पूरी तरह से व्यक्तिगत श्रद्धा से जुड़ा विषय बताया और कहा कि इसे राजनीति से जोड़ना अनुचित है। महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन को आस्था और संस्कृति के नजरिए से ही देखा जाना चाहिए

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Chhaava Box Office Collection: 400 करोड़ क्लब के करीब पहुंची विक्की कौशल की फिल्म, जानें अब तक की कमाई

Chhaava Box Office Collection
Chhaava Box Office Collection

Chhaava Box Office Collection: 400 करोड़ क्लब के करीब पहुंची फिल्म, जानें टोटल कमाई

Chhaava Box Office Collection

Chhaava Box Office Collection में विक्की कौशल की फिल्म लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है। 12 दिनों में फिल्म ने 358 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है और अब यह 400 करोड़ क्लब में शामिल होने के बेहद करीब पहुंच चुकी है।

Chhaava ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल

विक्की कौशल स्टारर Chhaava Box Office Collection में लगातार जबरदस्त कमाई कर रही है। 14 फरवरी को रिलीज़ हुई इस फिल्म ने महज 12 दिनों में 358 करोड़ रुपये कमा लिए हैं।

फिल्म की शुरुआत जबरदस्त रही थी और पहले ही दिन इसने 33.1 करोड़ रुपये की बंपर ओपनिंग की थी। इसके बाद से फिल्म ने लगातार ग्रोथ दिखाई और 100 करोड़ से 300 करोड़ का सफर तेजी से तय कर लिया। अब Chhaava Box Office Collection 400 करोड़ क्लब में एंट्री के लिए तैयार है।

Chhaava Box Office Collection Day 12: जानें अब तक की कमाई

फिल्म ने अब तक बेहतरीन परफॉर्मेंस दिखाया है। आइए नजर डालते हैं अब तक की कमाई पर:

दिन कमाई (करोड़ रुपये में)
पहला दिन 33.1
दूसरा दिन 39.3
तीसरा दिन 49.03
चौथा दिन 24.1
पांचवां दिन 25.75
छठवां दिन 32.4
सातवां दिन 21.60
आठवां दिन 24.03
नौवां दिन 44.10
दसवां दिन 41.1
ग्यारहवां दिन 19.10
बारहवां दिन 4.59
कुल कमाई 358.2 करोड़

400 करोड़ क्लब में कब होगी एंट्री?

फिल्म के मौजूदा कलेक्शन को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगले 2-3 दिनों में यह 400 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लेगी। फिल्म हर दिन अच्छा प्रदर्शन कर रही है और Chhaava Box Office Collection लगातार बढ़ रहा है।

फिल्म की स्टार कास्ट और बजट

इस फिल्म को लक्ष्मण उतेकर ने डायरेक्ट किया है और इसका बजट करीब 130 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। Chhaava Box Office Collection के आंकड़े साबित करते हैं कि फिल्म सुपरहिट हो चुकी है।

फिल्म में विक्की कौशल के अलावा रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, आशुतोष राणा और विनीत कुमार सिंह जैसे दिग्गज कलाकार नजर आए हैं।

क्या Chhaava बनेगी 500 करोड़ क्लब की फिल्म?

अगर फिल्म का प्रदर्शन इसी तरह जारी रहा तो यह जल्द ही 500 करोड़ रुपये की कमाई भी कर सकती है। वीकेंड पर फिल्म को और अधिक दर्शक मिलने की उम्मीद है, जिससे Chhaava Box Office Collection में और इजाफा हो सकता है।

विक्की कौशल की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है। Chhaava Box Office Collection को देखते हुए यह साफ है कि यह जल्द ही 400 करोड़ क्लब में शामिल हो जाएगी और इसके बाद 500 करोड़ का सफर भी मुश्किल नहीं होगा।

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REET 2025 परीक्षा नियम: कड़ी सुरक्षा, ड्रेस कोड और एग्जाम चेकिंग से जुड़ी अहम जानकारी

REET 2025 परीक्षा नियम
REET 2025 परीक्षा नियम

राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET 2025) को पारदर्शी और नकल मुक्त बनाने के लिए इस बार कड़े नियम लागू किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले अभ्यर्थियों की कड़ी चेकिंग की गई, जिसमें ड्रेस कोड, फेस स्कैनिंग और बायोमेट्रिक जांच शामिल थी।

REET 2025 परीक्षा नियम
REET 2025 परीक्षा नियम

REET 2025 परीक्षा के नए सुरक्षा नियम

राजस्थान में आयोजित हो रही REET 2025 परीक्षा के दौरान इस बार सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले ही केंद्रों के गेट बंद कर दिए गए। इस दौरान अभ्यर्थियों को फेस स्कैनिंग और बायोमेट्रिक जांच के बाद ही अंदर जाने दिया गया।

परीक्षा केंद्रों पर कड़ी चेकिंग

इस बार परीक्षा केंद्रों पर कड़ी जांच की गई, जिससे नकल और गड़बड़ी को रोका जा सके। अभ्यर्थियों को सख्त नियमों का पालन करना पड़ा, जिसमें ड्रेस कोड का विशेष ध्यान रखा गया।

  • पुरुष अभ्यर्थियों की शर्ट काटी गई
  • महिला अभ्यर्थियों की ज्वेलरी उतरवाई गई
  • फेस स्कैनिंग और बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य रही

REET 2025 परीक्षा ड्रेस कोड और गाइडलाइंस

REET 2025 परीक्षा के लिए सरकार ने पहले ही ड्रेस कोड जारी किया था, ताकि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

पुरुषों के लिए ड्रेस कोड

  • साधारण शर्ट और पैंट पहनने की अनुमति
  • भारी बटन और मेटल से बने कपड़े वर्जित
  • कोई बेल्ट, जूते, टोपी नहीं पहन सकते

महिलाओं के लिए ड्रेस कोड

  • साड़ी, कुर्ती-सलवार या पूरी बाजू का ब्लाउज पहनने की अनुमति
  • किसी भी प्रकार की ज्वेलरी, हेयर एक्सेसरीज या मेकअप मना
  • जूते की जगह सैंडल या चप्पल पहनने की सलाह
REET 2025 परीक्षा के दौरान किन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध?

REET 2025 परीक्षा नियम के अनुसार, परीक्षा केंद्र में कुछ चीजों को ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है।

इन वस्तुओं को परीक्षा केंद्र में ले जाना मना
  • मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, कैलकुलेटर, ब्लूटूथ डिवाइस
  • हैंडबैग, डायरी, घड़ी, पर्स
  • किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए ज़रूरी दस्तावेज

REET 2025 परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को निम्नलिखित दस्तावेज लाना अनिवार्य था:

  • एडमिट कार्ड
  • आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • नीला या काला बॉल पेन
परीक्षा केंद्र पर प्रवेश से पहले क्या करें?

REET 2025 परीक्षा में किसी भी परेशानी से बचने के लिए परीक्षार्थियों को समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचने की सलाह दी गई है।

समय पर पहुंचे और नियमों का पालन करें

  • परीक्षा केंद्र के गेट परीक्षा शुरू होने से 1 घंटे पहले बंद कर दिए जाते हैं।
  • अभ्यर्थियों को कम से कम 2 घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने की सलाह दी गई है।
  • सुरक्षा जांच अनिवार्य है, इसलिए समय रहते प्रवेश करें।

REET 2025 परीक्षा को नकल मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए कड़े नियम लागू किए गए हैं। REET 2025 परीक्षा नियम के तहत इस बार सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई, जिसमें ड्रेस कोड, बायोमेट्रिक जांच और प्रतिबंधित वस्तुओं पर सख्ती बरती गई। परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को सभी नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।

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