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Sunday, July 6, 2025
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बीकानेर में सरकारी स्कूल हादसा: वॉटर टैंक में गिरने से तीन छात्राओं की मौत, परिजनों का हंगामा

सरकारी स्कूल हादसा
सरकारी स्कूल हादसा

बीकानेर में सरकारी स्कूल हादसा: वॉटर टैंक में गिरने से तीन छात्राओं की मौत

सरकारी स्कूल हादसा
सरकारी स्कूल हादसा

बीकानेर के नोखा क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल हादसा दिल दहला देने वाला साबित हुआ। 6 से 8 साल की तीन छात्राओं की स्कूल परिसर में बने 20 फीट गहरे वॉटर टैंक में गिरने से मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया और परिजनों व ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

घटना कैसे हुई?

यह हादसा मंगलवार को देवनादा केदली गांव के एक सरकारी स्कूल में हुआ। छात्राएं स्कूल परिसर में खेल रही थीं, तभी वे अचानक टैंक में गिर गईं। स्कूल प्रशासन की लापरवाही के चलते उन्हें समय पर बचाया नहीं जा सका, जिससे उनकी मौत हो गई।

परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश

घटना के बाद मृतक छात्राओं के परिजनों और गांववालों ने मर्चरी के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनका कहना है कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता और सख्त कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

परिजनों की मांगें:

  • दोषी अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी हो
  • स्कूल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई हो
  • पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा मिले
  • स्कूलों में सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाए

सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थन

प्रदर्शन को और मजबूती तब मिली जब नागौर के आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो वे जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे।

लापरवाही के गंभीर आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि यह सरकारी स्कूल हादसा स्कूल निर्माण में लापरवाही और घटिया सामग्री के इस्तेमाल का नतीजा है। अगर समय रहते सुरक्षा उपाय किए गए होते, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था।

स्कूल प्रशासन की बड़ी चूक:

✅ टैंक को खुला छोड़ दिया गया था
✅ स्कूल में सुरक्षा कर्मियों की कमी
✅ बचाव के लिए कोई आपातकालीन सुविधा नहीं

प्रशासन की प्रतिक्रिया

पुलिस ने बुधवार रात को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों की पहचान कर जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बीकानेर का सरकारी स्कूल हादसा एक बार फिर से सरकारी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। प्रशासन को जल्द से जल्द जिम्मेदारों को सजा देनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस: रेखा गुप्ता और आतिशी में तीखी बयानबाजी

दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस
दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस

दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस: रेखा गुप्ता और आतिशी में तीखी बयानबाजी

दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस

दिल्ली में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद ही सियासी बहस तेज हो गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी के बीच वादों और नीतियों को लेकर लगातार बयानबाजी जारी है। खासतौर पर महिलाओं को ₹2500 देने के वादे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

हमें काम करने दीजिए: रेखा गुप्ता

दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस पर सीएम रेखा गुप्ता का पलटवार

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व सीएम आतिशी के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा,
“सरकार हमारी है, एजेंडा हमारा है, तो काम हमें ही करने दीजिए। हमने पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान योजना को मंजूरी दी है।”

रेखा गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार अपने सभी वादों को पूरा करेगी, लेकिन इसके लिए समय दिया जाना चाहिए।

महिलाओं को ₹2500 देने के वादे पर सियासत गरमाई

पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने रेखा गुप्ता सरकार को घेरते हुए सवाल किया कि
“पहली कैबिनेट मीटिंग में महिलाओं को ₹2500 देने की योजना पर कोई निर्णय क्यों नहीं हुआ?”

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए चुनावी वादे का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली की महिलाओं को यह जानने का अधिकार है कि ₹2500 की गारंटी कब पूरी होगी।

पहली कैबिनेट बैठक और सरकार का रुख

दिल्ली सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में आयुष्मान योजना को मंजूरी दी गई, लेकिन ₹2500 योजना पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इस मुद्दे पर रेखा गुप्ता और आतिशी के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।

दिल्ली विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा

बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी कि दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। इस सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और स्पीकर का चुनाव भी होगा।

दिल्ली सरकार वादे और सियासी बहस जारी

दिल्ली की राजनीति में सत्ता परिवर्तन के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

  • रेखा गुप्ता सरकार का कहना है कि वे सभी वादे पूरे करेंगे।
  • आतिशी और आम आदमी पार्टी विपक्ष में रहकर सरकार पर लगातार दबाव बना रही है।
  • जनता को अब यह देखना होगा कि ₹2500 योजना पर आगे क्या निर्णय होता है।

दिल्ली सरकार की नीति और भविष्य की योजनाओं पर नजर बनी रहेगी, लेकिन फिलहाल यह मुद्दा सियासी बहस का केंद्र बना हुआ है।

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मायावती और राहुल गांधी विवाद: 2024 चुनाव में बसपा-कांग्रेस गठबंधन क्यों नहीं हुआ?

मायावती और राहुल गांधी विवाद
मायावती और राहुल गांधी विवाद

मायावती और राहुल गांधी विवाद: 2024 चुनाव में बसपा-कांग्रेस गठबंधन क्यों नहीं हुआ?

मायावती और राहुल गांधी विवाद
मायावती और राहुल गांधी विवाद

2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजे सामने आने के बाद मायावती और राहुल गांधी विवाद एक बार फिर चर्चा में है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में मायावती के चुनावी रुख पर नाराजगी जताई और कहा कि अगर बसपा (BSP) कांग्रेस के साथ होती, तो बीजेपी को हराना आसान होता। इस पर मायावती ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर कई आरोप लगाए। आइए जानते हैं कि 2024 चुनाव में बसपा-कांग्रेस गठबंधन क्यों नहीं हुआ और इसके पीछे की असली वजह क्या है।

राहुल गांधी ने मायावती पर क्या कहा?

रायबरेली में आयोजित एक दलित संवाद कार्यक्रम में राहुल गांधी ने मायावती के रुख पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा:

“मायावती जी आजकल चुनाव ठीक से क्यों नहीं लड़तीं? हम चाहते थे कि वे हमारे साथ आएं, लेकिन वह नहीं आईं। अगर बसपा, कांग्रेस और सपा एक साथ होते, तो नतीजे कुछ और होते और बीजेपी को हराना संभव हो जाता।”

राहुल गांधी का यह बयान यह दर्शाता है कि वे बसपा-कांग्रेस गठबंधन को लेकर गंभीर थे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो सका?

मायावती ने कांग्रेस पर क्यों साधा निशाना?

राहुल गांधी के इस बयान पर बसपा प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहां कांग्रेस मजबूत होती है, वहां बसपा के खिलाफ द्वेषपूर्ण रवैया अपनाया जाता है

“कांग्रेस पार्टी जब-जब हमारे साथ गठबंधन में आई है, तो हमारे वोट तो उन्हें ट्रांसफर हुए, लेकिन उनका वोट हमें नहीं मिला।”

इसके अलावा, मायावती ने यह भी कहा कि दिल्ली चुनावों में कांग्रेस बीजेपी की ‘बी टीम’ बनकर लड़ी, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ और कांग्रेस कमजोर हो गई।

बसपा-कांग्रेस गठबंधन क्यों नहीं हुआ?

अब सवाल उठता है कि आखिर 2024 के चुनाव में बसपा और कांग्रेस गठबंधन में क्यों नहीं आए? इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं:

1. सपा और बसपा के संबंध

कांग्रेस की सहयोगी पार्टी सपा (Samajwadi Party) ने पहले ही बसपा को लेकर नाराजगी जताई थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर बसपा को इंडिया ब्लॉक में शामिल किया गया, तो सपा गठबंधन से अलग हो जाएगी।

2. बसपा के चुनावी गणित

बसपा ने 79 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9.5% वोट शेयर हासिल किया। मायावती की पार्टी के उम्मीदवारों के कारण 16 सीटों पर इंडिया ब्लॉक को नुकसान हुआ और बीजेपी वहां जीत गई।

3. कांग्रेस पर अविश्वास

मायावती ने हमेशा कहा कि कांग्रेस दलितों के मुद्दों पर ईमानदार नहीं है और केवल वोट बैंक की राजनीति करती है। इस वजह से उन्होंने गठबंधन करने से इनकार कर दिया

क्या 2029 में बसपा-कांग्रेस गठबंधन संभव है?

2024 में बसपा और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ, लेकिन सवाल यह है कि क्या 2029 में ऐसा संभव होगा? राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अगर बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दल एकजुट होते हैं, तो बसपा और कांग्रेस साथ आ सकते हैं। हालांकि, यह मायावती की रणनीति और भविष्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

मायावती और राहुल गांधी विवाद 2024 चुनावों के बाद तेज हो गया है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि बसपा गठबंधन में शामिल होगी, लेकिन मायावती ने ऐसा नहीं किया। इसके कारण 16 सीटों पर इंडिया ब्लॉक को नुकसान हुआ और बीजेपी की जीत हुई। अब देखना होगा कि 2029 के चुनावों में बसपा और कांग्रेस का गठबंधन बनता है या नहीं।

 

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हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट: न्यायिक आयोग ने भोले बाबा को दी क्लीन चिट, लेकिन कौन है जिम्मेदार?

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट
हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट

हाथरस, उत्तर प्रदेश। हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट का इंतजार खत्म हो गया है। न्यायिक आयोग ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है, जिसमें भोले बाबा सत्संग हादसा में बाबा को क्लीन चिट दी गई है। हालांकि, इस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है? आइए जानते हैं इस पूरी जांच रिपोर्ट का सार।

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट
हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट

हाथरस भगदड़ हादसे की पृष्ठभूमि

हाथरस जिले के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई 2024 को साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान भारी भीड़ उमड़ी। जब सत्संग समाप्त हुआ और बाबा का काफिला निकलने लगा, तो श्रद्धालुओं को रोक दिया गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई और दो दर्जन से ज्यादा घायल हो गए।

हाथरस न्यायिक आयोग का गठन

उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 जुलाई 2024 को इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया। इसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) ने की, जबकि इसमें पूर्व IAS अधिकारी हेमंत राव और पूर्व IPS भवेश कुमार सिंह सदस्य थे।

जांच रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

1. भोले बाबा को मिली क्लीन चिट

न्यायिक जांच रिपोर्ट में बाबा साकार नारायण विश्व हरि को किसी भी प्रकार की लापरवाही का दोषी नहीं ठहराया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भगदड़ में बाबा की कोई सीधी भूमिका नहीं थी।

2. प्रशासन और आयोजकों की भूमिका पर सवाल

रिपोर्ट में जिला प्रशासन और आयोजकों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। यह देखा गया कि प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए उचित प्रबंध नहीं किए थे। आयोजक भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने में असफल रहे।

3. क्या हादसे के पीछे था कोई षड्यंत्र?

जांच रिपोर्ट में षड्यंत्र की संभावना को स्पष्ट नहीं किया गया है। हालांकि, यह सुझाव दिया गया है कि इस दिशा में और गहन जांच की जरूरत है।

घटना के लिए कौन है जिम्मेदार?

1. जिला प्रशासन की लापरवाही

रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया कि जिला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल और सुरक्षा प्रबंध नहीं किए थे।

2. आयोजकों की नाकामी

सत्संग स्थल पर भीड़ प्रबंधन की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। जब बाबा का काफिला निकला, तो श्रद्धालुओं को रोकने के कारण भगदड़ मच गई।

1500 से अधिक लोगों के दर्ज हुए बयान

न्यायिक आयोग ने 1500 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें पीड़ित परिवारों, प्रत्यक्षदर्शियों और अधिकारियों के बयान शामिल थे। 10 अक्टूबर 2024 को खुद बाबा नारायण साकार विश्व हरि ने भी अपना बयान दर्ज कराया था।

भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए सुझाव

न्यायिक आयोग ने सुझाव दिया है कि:

  • भीड़ नियंत्रण के सख्त नियम बनाए जाएं
  • धार्मिक आयोजनों के लिए पूर्व अनुमति और सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य किया जाए।
  • आपातकालीन निकासी योजना सुनिश्चित की जाए।

हाथरस भगदड़ जांच रिपोर्ट में भोले बाबा को क्लीन चिट दी गई है, लेकिन प्रशासन और आयोजकों की लापरवाही उजागर हुई है। हालांकि, पीड़ित परिवार अब भी न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। इस मामले में सरकार आगे क्या कदम उठाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

 

 

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डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज: जानें कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज
डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज

डायबिटीज़ न केवल ब्लड शुगर को प्रभावित करता है, बल्कि आंखों की रोशनी के लिए भी खतरा बन सकता है। अगर समय रहते इस बीमारी को नहीं रोका गया, तो यह स्थायी अंधेपन का कारण बन सकती है। इस लेख में हम डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज, इसके लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज
डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज

डायबिटिक रेटिनोपैथी क्या है?

डायबिटिक रेटिनोपैथी एक गंभीर आंखों की बीमारी है, जो लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज़ रहने के कारण होती है। जब शरीर में शुगर का स्तर अधिक बढ़ जाता है, तो यह आंखों की रेटिना में मौजूद ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। इससे आंखों में सूजन, ब्लीडिंग और धीरे-धीरे दृष्टिहीनता का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण

अगर आपको डायबिटीज़ है, तो निम्नलिखित लक्षण दिखने पर सतर्क हो जाएं:

1. धुंधला दिखाई देना

उच्च शुगर स्तर के कारण रेटिना पर असर पड़ता है, जिससे चीजें साफ़ नहीं दिखती हैं।

2. रात में देखने में परेशानी

डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीजों को रात में देखने में दिक्कत हो सकती है।

3. आंखों के सामने धब्बे दिखना

आंखों में ब्लीडिंग होने से छोटे-छोटे काले धब्बे या धागे दिखने लगते हैं।

4. आंखों में सूजन और दर्द

ब्लड वेसल्स पर दबाव बढ़ने से आंखों में सूजन और हल्का दर्द महसूस हो सकता है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज

1. ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें

सबसे पहला और महत्वपूर्ण इलाज यही है कि ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखें। नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट और सही दवाओं का सेवन करके डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है।

2. लेजर थेरेपी

अगर डायबिटिक रेटिनोपैथी गंभीर हो जाती है, तो लेजर ट्रीटमेंट से ब्लड वेसल्स को ठीक किया जाता है, ताकि आगे और नुकसान न हो।

3. आई इंजेक्शन

आंखों में सूजन और ब्लीडिंग को रोकने के लिए डॉक्टर एंटी-VEGF इंजेक्शन का सुझाव दे सकते हैं।

4. सर्जरी (विट्रेक्टोमी)

अगर स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाए, तो सर्जरी के जरिए आंखों से ब्लड को हटाया जाता है और दृष्टि सुधारने की कोशिश की जाती है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी से बचाव के उपाय

1. नियमित आंखों की जांच कराएं

अगर आपको डायबिटीज़ है, तो हर 6 महीने में आंखों की जांच जरूर कराएं।

2. हेल्दी डाइट अपनाएं

हरी सब्जियां, फल और कम कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करें, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में रहे।

3. धूम्रपान और शराब से बचें

सिगरेट और शराब का सेवन आंखों की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है।

4. रोजाना व्यायाम करें

नियमित योग और हल्की एक्सरसाइज़ करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे आंखों की नसों को फायदा मिलता है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी का इलाज समय पर कराना बेहद जरूरी है, वरना यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है। अगर आपको डायबिटीज़ है, तो नियमित आंखों की जांच कराएं, हेल्दी डाइट लें और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें। किसी भी समस्या के संकेत मिलने पर तुरंत आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।

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भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025: सांस्कृतिक एकता की झलक और मजबूत होते रिश्ते

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव
भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव में दिखी सांस्कृतिक झलक

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव

बहराइच। भारत और नेपाल के बीच सदियों से चली आ रही दोस्ती और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने के उद्देश्य से भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस महोत्सव में दोनों देशों के कलाकारों ने भाग लिया और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत-नेपाल की मित्रता को उजागर किया।

भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत और नेपाल के संबंध सिर्फ भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनका आपसी जुड़ाव रोटी-बेटी के रिश्ते से भी गहरा है। दोनों देशों की सीमाएँ खुली हैं, जिससे सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंध पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। इस महोत्सव का उद्देश्य भी इन ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करना था।

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025 का शुभारंभ

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई। इस दौरान गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में रूपईडीहा नगर पंचायत अध्यक्ष डॉ. उमाशंकर वैश्य सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और सांस्कृतिक विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

लोकगीत और नृत्य प्रस्तुतियों ने मोहा मन

महोत्सव में भारतीय और नेपाली कलाकारों ने अपने पारंपरिक लोकगीत और नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया। लोकगीतों के माध्यम से भारत-नेपाल दोस्ती की अनूठी झलक देखने को मिली। पारंपरिक परिधानों में सजे कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव के मुख्य आकर्षण

1. सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

  • भारतीय और नेपाली लोकगीत एवं नृत्य
  • पारंपरिक वेशभूषा की प्रदर्शनी
  • चित्रकला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी

2. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चर्चा

  • 1950 की भारत-नेपाल शांति और मैत्री संधि पर चर्चा
  • आपसी व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाने पर विचार-विमर्श

3. प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति

  • संदीप जायसवाल (जिला पंचायत सदस्य)
  • डॉ. हरीश चंद्र
  • सीडीओ बहराइच
  • एसडीएम नानपारा और सीओ नानपारा
  • बीडीओ नवाबगंज
  • डॉ. अमर सिंह, रमेश गुप्ता, नंदलाल गुप्ता

भारत-नेपाल दोस्ती को और मजबूत करने की दिशा में कदम

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में इस प्रकार के आयोजनों से दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी विश्वास और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा।

आने वाले मैत्री महोत्सव कार्यक्रम

इस आयोजन की सफलता को देखते हुए, आगामी दिनों में कुशीनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर-खीरी और पीलीभीत में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

भारत-नेपाल मैत्री महोत्सव 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत और नेपाल के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से भी गहरे हैं। इस आयोजन ने दोनों देशों के नागरिकों को एक मंच पर लाने का कार्य किया, जिससे भारत-नेपाल सांस्कृतिक संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।

 

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मिहींपुरवा पंचायत चुनाव 2025: ग्राम पंचायत उपचुनाव संपन्न, 21 फरवरी को आएंगे नतीजे

मिहींपुरवा पंचायत चुनाव 2025
मिहींपुरवा पंचायत चुनाव 2025

मिहींपुरवा, बहराइच: मिहींपुरवा ब्लॉक की ग्राम पंचायत नौबना में पंचायत उपचुनाव 2025 के लिए बुधवार को मतदान शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक चला, जिसमें 68.05% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। अब सभी की निगाहें 21 फरवरी को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जब मतगणना के बाद विजेता उम्मीदवार का ऐलान होगा। प्रशासन ने चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे।

मिहींपुरवा पंचायत चुनाव 2025
मिहींपुरवा पंचायत चुनाव 2025

ग्राम पंचायत उपचुनाव में हुआ 68.05% मतदान

ग्राम पंचायत नौबना में प्रधान पद के लिए उपचुनाव के तहत कुल 3982 मतदाताओं में से 2710 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। यह 68.05% मतदान प्रतिशत को दर्शाता है, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर माना जा रहा है। ग्रामीणों में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला और सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगी रहीं।

21 फरवरी को होगी मतगणना, पंचायत चुनाव नतीजों का इंतजार

चुनाव संपन्न होने के बाद अब सभी प्रत्याशी और मतदाता 21 फरवरी को घोषित होने वाले पंचायत चुनाव नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मतगणना की प्रक्रिया मिहींपुरवा ब्लॉक सभागार में सुबह 8:00 बजे से शुरू होगी। चुनावी परिणाम ग्राम पंचायत के विकास और भविष्य की दिशा तय करेंगे।

शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान

ग्राम पंचायत नौबना में हुए उपचुनाव के दौरान प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। मूर्तिहा कोतवाली प्रभारी अमितेंद्र सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ मतदान केंद्रों पर मौजूद रहे। इसके अलावा उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अश्वनी कुमार पांडे ने मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया और मतदान प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने पुष्टि की कि मतदान बिना किसी अप्रिय घटना के शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

चुनाव प्रक्रिया और सुरक्षा इंतजाम

  • मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
  • पुलिस बल के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
  • निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई थीं।
  • महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा प्रदान की गई।
ग्राम पंचायत उपचुनाव के नतीजे क्यों हैं महत्वपूर्ण?

ग्राम पंचायत नौबना में हुए उपचुनाव 2025 के परिणाम बेहद अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि इसका सीधा असर पंचायत के विकास कार्यों और स्थानीय प्रशासन पर पड़ेगा। प्रधान पद के लिए चुना गया उम्मीदवार आगामी वर्षों में ग्राम पंचायत की नीतियों और विकास योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

चुनाव परिणाम से पहले प्रत्याशियों की धड़कनें तेज

चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशी और उनके समर्थक अब 21 फरवरी को पंचायत चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। चुनावी गणित के जानकारों के अनुसार, यह मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है और मतगणना के दौरान कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

मिहींपुरवा ब्लॉक की ग्राम पंचायत नौबना के प्रधान पद के लिए हुए उपचुनाव 2025 में 68.05% मतदान के साथ चुनावी प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई। अब सभी की निगाहें 21 फरवरी के पंचायत चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। प्रशासन ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई। अब देखना होगा कि इस चुनावी मुकाबले में कौन प्रत्याशी बाजी मारता है और ग्राम पंचायत का अगला प्रधान कौन बनेगा।

 

 

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यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय

यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के असरदार उपाय

यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय
यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय

आजकल खराब जीवनशैली और अनियमित खान-पान के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या आम हो गई है। अधिकतर लोग इसे नियंत्रित करने के लिए एलोपैथिक दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय भी बेहद कारगर हैं? यह प्राकृतिक तरीके से Bad Cholesterol को जड़ से खत्म करने में मदद करता है।

यूनानी मेडिसिन में कोलेस्ट्रॉल कैसे कम किया जाता है?

यूनानी चिकित्सा पद्धति में जड़ी-बूटियों, औषधियों, आहार और जीवनशैली में सुधार करके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का प्रयास किया जाता है। आइए जानते हैं कि यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय कौन-कौन से हैं।

1. यूनानी जड़ी-बूटियां जो कोलेस्ट्रॉल कम करें

दालचीनी (Cinnamon)

यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय में दालचीनी एक बेहतरीन विकल्प है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और Bad Cholesterol को घटाने में मदद करता है।

सौंफ (Fennel Seeds)

सौंफ शरीर में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में सहायक होती है। इसे रोजाना खाने के बाद पानी के साथ लिया जा सकता है।

मेथी के बीज (Fenugreek Seeds)

मेथी में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो नसों में जमे हुए Bad Cholesterol को बाहर निकालकर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।

अर्जुन की छाल (Arjuna Bark)

अर्जुन की छाल हार्ट हेल्थ के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। यह हृदय को स्वस्थ रखती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होती है।

2. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए यूनानी आहार

फल और सब्जियां बढ़ाएं

यूनानी चिकित्सा पद्धति के अनुसार, ताजे फल और सब्जियों का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करता है।

ऑलिव ऑयल का करें इस्तेमाल

ऑलिव ऑयल Bad Cholesterol को कम करके Good Cholesterol को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

3. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव

नियमित व्यायाम और योग करें

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए नियमित योग और हल्की एक्सरसाइज करना जरूरी है। रोजाना 30 मिनट वॉक करने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।

तनाव कम करें और अच्छी नींद लें

तनाव हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, इसलिए मेडिटेशन और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। साथ ही, हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें।

यूनानी मेडिसिन से कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय प्राकृतिक और प्रभावी हैं। अगर आप एलोपैथी दवाओं से थक चुके हैं, तो यूनानी चिकित्सा पद्धति को अपनाकर अपने कोलेस्ट्रॉल को संतुलित कर सकते हैं।

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Adani Bribery Case: गौतम अडानी पर 2029 करोड़ की रिश्वत का आरोप, US रेगुलेटर ने भारत से मांगी मदद

Adani Bribery Case
Adani Bribery Case

Adani Bribery Case: 2029 करोड़ की रिश्वतखोरी मामले में भारत से US की अपील

Adani Bribery Case
Adani Bribery Case

Adani Bribery Case को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) ने अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ कथित 2029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वतखोरी मामले की जांच के लिए भारत सरकार से मदद मांगी है। न्यूयॉर्क जिला न्यायालय में दायर याचिका के अनुसार, यह आरोप 2020-2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को सौर ऊर्जा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने से जुड़ा है।

Adani Bribery Case: अमेरिका ने भारत से मांगी जांच में मदद

अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (SEC) ने Adani Bribery Case की जांच के लिए भारत के विधि एवं न्याय मंत्रालय से सहायता का अनुरोध किया है। SEC का आरोप है कि अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को करोड़ों की रिश्वत देकर कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए

SEC ने न्यूयॉर्क कोर्ट में कहा कि उसने गौतम अडानी और सागर अडानी को अपनी शिकायत भेजने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। अब भारत सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह इस मामले में सहयोग करे।

गौतम अडानी और सागर अडानी पर क्या हैं आरोप?

Adani Bribery Case के तहत अमेरिकी SEC ने गौतम अडानी, सागर अडानी और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत अन्य कंपनियों पर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक,

  • 2020 से 2024 के बीच 265 मिलियन डॉलर (2029 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी गई।
  • भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए गए।
  • अडानी ग्रुप ने यह जानकारी निवेशकों से छिपाई

इस केस में Adani Green Energy Limited और Azure Power Global Limited के अधिकारियों पर भी संलिप्त होने के आरोप हैं।

अडानी ग्रुप ने आरोपों को बताया बेबुनियाद

अमेरिकी SEC द्वारा लगाए गए इन आरोपों पर अडानी ग्रुप की ओर से सफाई दी गई है। ग्रुप ने कहा कि,

  • ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं
  • “जब तक दोष साबित नहीं होता, कोई भी व्यक्ति दोषी नहीं माना जा सकता।”
  • अडानी ग्रुप कानूनी रूप से अपना बचाव करेगा
  • कंपनी ने हमेशा पारदर्शिता और नियामक नियमों का पालन किया है

Trump के फैसले से अडानी को मिल सकती है राहत

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में लौटने के बाद Foreign Corrupt Practices Act 1977 खत्म करने का फैसला किया गया है। यह कानून बिजनेस में रिश्वत लेने-देने के मामलों पर कार्रवाई करता था।

Adani Bribery Case इसी कानून के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन इस एक्ट के खत्म होने से अडानी ग्रुप को बड़ी राहत मिल सकती है

Adani Bribery Case को लेकर अमेरिकी रेगुलेटर की जांच जारी है। SEC ने भारत सरकार से मदद मांगी है और गौतम अडानी, सागर अडानी समेत अन्य अधिकारियों पर 2029 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोप लगाए हैं। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कानूनी लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है। अब देखना होगा कि भारत सरकार इस जांच में किस हद तक सहयोग करती है और यह मामला आगे कैसे बढ़ता है।

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सेमरहना इंटर कॉलेज में विदाई समारोह 2025: जूनियर्स ने सीनियर्स को दी भावुक विदाई

विदाई समारोह 2025
विदाई समारोह 2025

सेमरहना, बहराइच: सेमरहना एसपीवीपी इंटर कॉलेज में बोर्ड परीक्षा 2025 के मद्देनजर हाई स्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों के लिए एक भव्य विदाई समारोह 2025 का आयोजन किया गया। इस मौके पर जूनियर छात्रों ने अपने सीनियर साथियों को सम्मानपूर्वक विदाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। समारोह के दौरान विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया।

विदाई समारोह 2025
विदाई समारोह 2025

विदाई समारोह 2025 का आयोजन

बोर्ड परीक्षा नजदीक आते ही विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विदाई समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में इंटर कॉलेज छात्र विदाई के तहत सेमरहना एसपीवीपी इंटर कॉलेज के जूनियर छात्रों ने अपने सीनियर छात्रों के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम कॉलेज प्रांगण में बड़े उत्साह और भावनात्मक पलों के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर जूनियर छात्रों ने अपने सीनियर छात्रों को सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

मुख्य अतिथियों ने छात्रों को दिए सफलता के टिप्स

इस समारोह में कॉलेज के प्रबंधक अनिल कुमार कुशवाहा और प्राचार्य दुर्गेश कुमार कुशवाहा की मौजूदगी रही। उन्होंने छात्रों को बोर्ड परीक्षा और आगे की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा अश्वनी कुमार पांडे, थाना प्रभारी राकेश कुमार पांडे और नायब तहसीलदार ब्राह्मणदिन यादव शामिल हुए। उन्होंने छात्रों को सफलता के मंत्र दिए और बताया कि बोर्ड परीक्षा के बाद उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कैसे तैयारी करें।

बोर्ड परीक्षा तैयारी टिप्स: कैसे करें सफल तैयारी

बोर्ड परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए छात्रों को विशेष रूप से निम्नलिखित सुझाव दिए गए:

  • समय प्रबंधन करें: परीक्षा की तैयारी के लिए एक ठोस समय सारिणी बनाएं।
  • नियमित अध्ययन करें: हर विषय पर गहरी पकड़ बनाने के लिए रोजाना अध्ययन करें।
  • मॉडल पेपर हल करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र और मॉडल टेस्ट पेपर हल करें।
  • स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं: अच्छी नींद और सही खानपान से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है।

इंटर कॉलेज छात्र विदाई के दौरान भावुक हुए विद्यार्थी

कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच भावुक दृश्य देखने को मिले। विदाई समारोह 2025 के दौरान सीनियर छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और अपने शिक्षकों व जूनियर्स का आभार व्यक्त किया। संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी यादगार बना दिया। इस विदाई के अवसर पर जूनियर छात्रों ने अपने सीनियर साथियों को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम में शामिल अतिथियों के संदेश

Semarhana Inter College mein Vidai Samaroh 2025

इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों ने छात्रों को प्रेरणादायक संदेश दिए। उपजिलाधिकारी अश्वनी कुमार पांडे ने छात्रों को कड़ी मेहनत करने और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित किया। थाना प्रभारी राकेश कुमार पांडे ने अनुशासन और समर्पण की महत्ता को समझाया, वहीं नायब तहसीलदार ब्राह्मणदिन यादव ने सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए छात्रों को शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

विदाई समारोह 2025 का समापन

कार्यक्रम के अंत में सभी सीनियर छात्रों ने जूनियर्स और शिक्षकों का आभार प्रकट किया। संगीत और भावनात्मक संदेशों के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों की उपस्थिति ने इसे एक यादगार पल बना दिया।

सेमरहना इंटर कॉलेज में आयोजित विदाई समारोह 2025 न केवल एक भावुक पल था, बल्कि यह छात्रों के भविष्य के लिए एक नई प्रेरणा भी साबित हुआ। इस आयोजन ने सीनियर छात्रों को भावनात्मक रूप से जोड़ा और उन्हें अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

 

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