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Saturday, July 5, 2025
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अब कहां है सलमान खान की ये हीरोइन? ‘सनम बेवफा’ से रातोंरात बनी थी सुपरस्टार, फिर अचानक हुई गायब!

आपको बॉलीवुड इंडस्ट्री की रुखसार याद है? जी हां.. वही रुखसार जिन्होंने फिल्म ‘सनम बेवफा’ में काम करने के बाद इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया था। सलमान खान के साथ इस एक्ट्रेस की जोड़ी को खूब पसंद किया गया। फिल्म की कहानी हो या फिर फिल्म के गाने हर किसी के जुबान पर चढ़ गए थे। वहीं सलमान और रुखसार की जोड़ी को खूब पसंद किया गया। वैसे एक्ट्रेस का नाम चांदनी है। यूं तो चांदनी ने कम फिल्मों में काम किया लेकिन उनकी सफलता उन्हें पहचान दिलाने में कामयाब रही। हालाँकि वह जल्द ही इंडस्ट्री से गायब भी हो गई। कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर बॉलीवुड की इतनी खूबसूरत चांदनी कहां चली गई? तो चलिए जानते हैं इस एक्ट्रेस के बारे में…

एड से मिली फिल्म
चांदनी के करियर की कहानी उस वक्त शुरू होती है जब वह पढ़ाई कर रही थी, तभी एक दिन उन्हें अखबार में एक ऐड दिखाई दिया और यह एडवर्टाइज फिल्म मेकर सावन कुमार ने दिया था। यह विज्ञापन उनकी अपकमिंग फिल्म हीरोइन के लिए था इस विज्ञापन को देखने के बाद चांदनी ने ऑडिशन दिया और सबसे हसीन बात यह रही कि सावन कुमार ने उन्हें ऑडिशन देखने के बाद अपनी फिल्म ‘सनम बेवफा’ के लिए चुन भी लिया गया। इस फिल्म में वह सलमान खान के साथ लीड रोल में आई। सलमान और दोनों की जोड़ी को खूब पसंद किया गया। इस फिल्म के गाने इतने हिट हुई कि आज भी लोगों की जुबान पर है।

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फिल्म सनम बेवफा उस दौर की सबसे हिट फिल्म थी। इस फिल्म में सलमान खान और चांदनी के अलावा जाने-माने अभिनेता प्राण साहब, डैनी डेंजोंगपा, पुनीत इस्सर, जगदीप, कंचन जैसे कई सितारों ने काम किया था। कहा जाता है कि इस फिल्म के लिए हजारों लड़कियों ने ऑडिशन दिया था लेकिन इसमें चांदनी की किस्मत चमक गई और उन्हें यह फिल्म हाथ लग गई। उनके करियर की डेब्यू फिल्म सुपरहिट साबित हुई और वह पहली फिल्म से बॉलीवुड की चमकदार हीरोइन बनकर उभरी, हालांकि उन्हें नहीं पता था कि उनका करियर जल्द ही खत्म भी हो जाएगा

इन फिल्मों में दिखा चांदनी का जलवा
पहली फिल्म से बॉलीवुड इंडस्ट्री में सफलता हासिल करने वाली चांदनी ने ‘आजा सनम’, ‘जान से प्यारा’, ‘इक्के पर इक्का’, ‘हाहाकार’, ‘जय किशन’, ‘मिस्टर आजाद’, ”उमर 55 की दिल बचपन का जैसी फिल्मों में काम किया। हालांकि चांदनी को वो सफलता हासिल नहीं हो पाई जिसकी वह हकदार थी और जल्दी ही उन्होंने इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया। साल 1996 में चांदनी ने अमेरिका में रहने वाले सतीश शर्मा से शादी कर ली और शादी के बाद वह अमेरिका में ही बस गई। बहुत कम लोग जानते हैं की चांदनी का असली नाम नवोदिता शर्मा है। जी हां लेकिन इंडस्ट्री में आने के लिए उन्होंने अपना नाम चांदनी रखा था और फिर वह दुनिया भर में इसी नाम से पहचानी गई।

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अमेरिका में क्या करती हैं चांदनी?
रिपोर्ट के माने तो चांदनी अमेरिका में रहकर ही एक डांस एकेडमी चलती है जिसके माध्यम से वह अच्छी खासी कमाई कर रही है और ग्लैमरस तरीके से अपनी जिंदगी जी रही है। चांदनी को दो बेटियां हैं जिनका नाम करीना और करिश्मा है। खास बात यह है कि उन्होंने अपनी बेटियों को नाम पापुलर एक्ट्रेस करिश्मा कपूर और करीना के नाम पर ही रखा है।

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चांदनी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती है और अक्सर अपने खूबसूरत तस्वीरें साझा करती रहती है। फैंस उन्हें काफी पसंद करते हैं और कई फैंस तो उनसे कमबैक करने की भी डिमांड करते हैं। खैर चांदनी की तरफ से इस पर कभी कोई बयान सामने नहीं आया। हालांकि एक बात तो यह थी कि जब चांदनी ने इंडस्ट्री में नई-नई एंट्री की थी तो हर को उनका दीवाना हो गया था, उन्हें आज भी सलमान खान की हीरोइन के नाम से जाना जाता है।

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रनिंग के बाद आपको भी होती है थकान और कमजोरी? तो इन बातों का रखें ख्याल, लगा सकेंगे लंबी रेस!

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दौड़ लगाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा कार्य है। ऐसे कई लोग हैं जो प्रतिदिन दौड़ लगाते हैं लेकिन आपने देखा होगा कि कई लोग दौड़ लगाते समय सुस्त महसूस करते हैं और जल्द ही थक जाते हैं। हालांकि यह कोई एक या दो लोग नहीं बल्कि कई लोगों के साथ इस तरह की कमजोरी होती है। वैसे यह एक सामान्य समस्या है। दरअसल दौड़ते दौरान आपकी मांसपेशियां तेजी से काम करने लगती है, ऐसे में आपकी मसल्स भी थक जाती है और फिर आपको कमजोरी महसूस होने लगती है रनिंग के बाद कमजोरी से कैसे राहत पाए जा सकती है इसके लिए हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ आसान तरीके जिससे आप अपनी इस कमजोरी को दूर कर सकते हैं।

रनिंग के दौरान क्यों होती है कमजोरी?
सबसे पहले हम यह जानते हैं कि आखिर रनिंग के दौरान कमजोरी क्यों महसूस होती है? यदि आप भी रनिंग करते हैं और रनिंग के दौरान आपको कमजोरी महसूस हो रही है तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। यह एक सामान्य समस्या है। आप एक अकेले व्यक्ति नहीं है जिन्हें दौड़ लगाने के दौरान कमजोरी महसूस होती है। दरअसल, इस दौरान होता क्या है कि शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स इंबैलेंस होने लगते हैं और शरीर में पानी और फ्लूड की कमी होने लगती है। बस पानी की कमी होने के कारण आपको कमजोरी और थकान महसूस होती है। ऐसे में आप बीच में ही दौड़ना बंद कर देते हैं। वही रनिंग के दौरान हमारी मांसपेशियों पर भी ज्यादा असर पड़ता है जिससे आपको शारीरिक कमजोरी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप इन टिप्स को ध्यान में रखें।

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रनिंग के बाद तुरंत आराम करें
यदि आप प्रतिदिन रनिंग करते हैं तो आपको रनिंग के बाद आराम करना बहुत जरूरी है। दरअसल, आराम करने से मांसपेशियों की मरम्मत होती है जिससे शरीर रिलैक्स होता है और थकान कमजोरी से भी राहत मिलती है। यदि आपने लंबी दौड़ ली है तो आपको अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए और साथ ही आपको आराम करना चाहिए। यहां केवल रनिंग की ही बात नहीं हो रही है, आप जब किसी भी तरह का वर्कआउट करके आते हैं तो आपको आराम की आवश्यकता होती है। किसी अन्य काम को करने से पहले आप थोड़ा आराम करें।

पानी की कमी ना रहने दे
इस दौरान आप पानी की कमी भी न रहने दे। जी हाँ.. रनिंग के बाद कमजोरी का एहसास हो रहा है तो आप सबसे पहले पानी पिए। दरअसल, पसीने के रूप में शरीर से पानी निकलता है। पानी की कमी और डिहाइड्रेशन हो जाता है जिसकी वजह से आपको अचानक कमजोरी महसूस होने लगती है। लंबी रनिंग के बाद शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए आपको पानी लेना बहुत जरुरी होता है।

ऑवर वर्कआउट करने से बचे
इसके अलावा आप यह बात ध्यान में रखें कि आपको ज्यादा ट्रेनिंग या फिजिकल एक्टिविटीज नहीं करना है। दरअसल यह होता है कि लोग रनिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पहले फिजिकल एक्टिविटीज अधिक कर लेते हैं जिसका असर उनके शरीर और मांसपेशियों पर देखने को मिलता है। जी हां.. ओवर ट्रेनिंग आपके शरीर को कमजोर करती है और थकान भी होने लगती है इसलिए आप रनिंग करने के समय ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी ना करें। सामान्य रूप से ट्रेनिंग ले और भारी वर्कआउट करने से बचे। ऐसे करने से आप अच्छी रनिंग भी करेंगे साथ ही आपका शरीर भी बैलेंस रहेगा और आपको कमजोरी भी महसूस नहीं होगी।

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रनिंग के दौरान स्ट्रेचिंग
रनिंग के बाद आपको यह बात भी ध्यान रखना होगा कि आप थोड़ा स्ट्रेचिंग करें। दरअसल मांसपेशियों में जकड़न आ जाती है। ऐसे में आपको कमजोरी और थकान होने लगती है। मांसपेशियों की जल्दी रिपेयर करने के लिए आप स्ट्रेचिंग करें जिससे आपकी बॉडी अच्छी से मूव करेगी और आपको आराम भी मिलेगा। यदि आप जरूर से ज्यादा दौड़ते हैं तो आपको कमजोरी, नींद न आना, हड्डियों में दर्द, थकान जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

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राहुल गांधी के ‘जी हुजूर’ बयान पर सुधांशु त्रिवेदी का पलटवार, बोले- उन्होंने भारतीय सेना का अपमान किया.. घटिया बयान..!.

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर सियासी वॉर देखने को मिल रहा है। दोनों लगातार एक दूसरे पर पलटवार कर रहे हैं। जहां राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में पार्टी सम्मेलन के दौरान कहा था कि भारत पाकिस्तान के सैन्य संघर्ष के समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इशारा किया और प्रधानमंत्री मोदी ने ‘जी हुजूर..’ करके सीज फायर कर दिया। अब इस पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया है। तो चलिए जानते हैं सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा?

क्या बोले सांसद सुधांशु त्रिवेदी?
अब हाल ही में भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि, “स्वघोषित, स्वयंभू, सर्वोच्च नेता, विपक्ष के नेता राहुल गांधी बेहद घटिया, निम्न-स्तरीय बयान देकर दुनिया को बता रहे हैं कि विपक्ष का नेता बनने के बाद भी उनमें गंभीरता और परिपक्वता की कमी है, जो इस पद के लिए जरूरी है। जिस तरह से राहुल गांधी ने हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना अधिकारियों के ब्रीफिंग की तुलना आत्मसमर्पण से की, उससे पता चलता है कि उनकी मानसिकता कितनी बीमार और खतरनाक हो गई है।”

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हमारे नरेंद्र भारत मां के मृगेंद्र
सांसद सुधांशु त्रिवेदी यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि, “राहुल गांधी जी ये जान लीजिए कि आप, आपकी पार्टी और आपका खानदान के कारनामे आजाद हिंदुस्तान के कैलेंडरों में सरेंडर से भरे पड़े हैं। सरेंडर कांग्रेस ने किया होगा, मगर भारत किसी के सामने सरेंडर नहीं हो सकता। हम विश्व की एक मात्र ऐसी सभ्यता हैं जो हजारों सालों के आक्रमणों के बाद भी जीवंत है, जिसे आप मानने का तैयार नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत मां के शेर की तरह हैं, अर्थात हमारे नरेंद्र भारत मां के मृगेंद्र हैं।”

उन्होंने अपने बयान में कहा कि, “भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा की थी, भाजपा नेताओं या उनके प्रवक्ताओं ने नहीं। जिस तरह से राहुल गांधी ने सशस्त्र बलों की सफलता की तुलना ‘आत्मसमर्पण’ से की, वह उनके पराक्रम और बलिदान का स्पष्ट अपमान है। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं कि असली आत्मसमर्पण कैसा होता है। दो साल पहले, राहुल गांधी ने सवाल किया था कि यूरोप और अमेरिका में लोकतंत्र के रक्षक चुप क्यों हैं और भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप क्यों नहीं कर रहे हैं। यह आत्मसमर्पण था।”

राहुल गाँधी ने किया भारतीय सेना का अपमान
राहुल गाँधी पर पलटवार करते हुए सुधांसु त्रिवेदी ने कहा कि, “राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुखों ने भी नहीं बोला। पाकिस्तान के किसी आतंकवादी संगठन ने भी नहीं बोला, मौलाना मसूद आतंकी संगठन ने भी नहीं बोला, सईद ने भी नहीं बोला। किसी ने ये शब्द नहीं बोला है कि भारत ने सरेंडर किया है। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से हमारी सेना द्वारा दिखाए गए अप्रतिम शौर्य और सेना के अधिकारियों द्वारा जिस प्रकार से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का विवरण दिया है, उसकी सरेंडर से तुलना करना, ये दर्शाता है कि इनकी मानसिकता कितनी रोगी और कितनी खतरनाक हो चुकी है।”

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चंडीगढ़ पहुंचे राहुल गाँधी?
वही बात की जाए राहुल गांधी के बारे में तो हरियाणा कांग्रेस की संगठन विस्तार का रोडमेप तैयार करने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे हैं। यहां पर वे कांग्रेस के दफ्तर में कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। रिपोर्ट की माने तो इस मीटिंग में करीब 11 साल से लटके हरियाणा में संगठन विस्तार पर बातचीत होने वाली है, साथ ही राहुल गांधी कार्यकर्ताओं को नई दिशा निर्देश देने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस बैठक में करीब 17 वरिष्ठ नेता शामिल होंगे जिसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अध्यक्ष चौधरी उदयभान, राष्ट्रीय महासचिव व सिरसा सांसद कुमारी शैलजा, रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सदस्य प्राणदीप सुरजेवाला समेत करीब 17 वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

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सरकारी स्कलों पर भारी प्राइवेट स्कूल, एक भी नामांकन नहीं, इस राज्य ने लिया 386 सरकारी स्कूल बंद करने का फैसला!

बदलते समय के अनुसार लोगों को सरकारी नौकरी के लिए जी-जान से मेहनत करते देखा गया है तो इसके इतर सरकारी स्कूल में कोई दाखिला लेना नहीं चाहता। जी हां.. जहां सरकारी नौकरी की भाग दौड़ में लाखों बच्चे लगे हुए हैं तो वही बच्चे अब सरकारी स्कूल में पढ़ना नहीं चाहते और ना ही उनके माता-पिता सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराना चाहते हैं। प्राइवेट स्कूल में बच्चों की भरमार है लेकिन सरकारी स्कूल का कोई मुंह तक नहीं देखना चाहता और इसी नौबत के चलते एक राज्य में कई सरकारी स्कूल बंद करने की निर्देश तक आ चुके हैं।

ऐसी हो रही है सरकारी स्कूलों की हालत
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अरुणाचल प्रदेश के बारे में जहां की सरकार ने राज्य भर के 386 सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। जी हां यह आदेश शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को जारी कर दिया गया। इन स्कूलों में वर्तमान शैक्षिक वर्ष में एक भी छात्र का नामांकन नहीं हुआ। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस राज्य में सरकारी स्कूल का क्या हालत रही होगी, हालांकि यह केवल अरुणाचल प्रदेश की बात नहीं हो रही है। वर्तमान में ऐसे कई राज्य है जहां पर सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले नहीं हो रहे हैं। सिर्फ कुछ गरीब लोगों के ही बच्चे अब सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।

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गांवों तक पहुँच रहा प्राइवेट स्कूलों का असर
बता दें, यह असर न केवल शहर में दिख रहा है बल्कि अब धीरे-धीरे गांव तक भी पहुंच रहा है। गांव के लोग भी अपने बच्चों को सरकारी में ना पढ़ाते हुए बल्कि प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा यह कारण है कि दिन-ब-दिन शिक्षा में बदलाव देखने को मिल रहा है। एक समय जहां हिंदी और संस्कृत को चाव से पढ़ाया जाता था लेकिन अब इनकी जगह भी अब इंग्लिश ने ले ली है जिसे बहुत ध्यान में रखकर पढ़ाया जा रहा है। एक ऐसा समय था जब संस्कृति और हिंदी पर ज्यादा फोकस किया जाता था लेकिन अब इंग्लिश पर ज्यादा फोकस किया जाता है।

क्यों किए गए आंध्र प्रदेश राज्य के स्कूल?
वही बात की जाए आंध्र प्रदेश राज्य के बारे में तो यह निर्णय एकीकृत जिला सूचना प्रणाली से प्राप्त डाटा के आधार पर लिया गया है जिसमें कई स्कूलों का विश्लेषण किया गया और इसमें पाया गया कि सालों से यह स्कूल बंद पड़े हैं और इनमें किसी भी तरह के छात्र का नामांकन नहीं हुआ है। इसी वजह से इन्हें बंद करने का फैसला कर लिया गया।

बता दें, इस फैसला का असर सबसे ज्यादा इन जिलों में देखने को मिल रहा है। जिमसें पापुम पारे में 50, पश्चिम सियांग में 31, उपरी सुबनसिरी और सियांग में 28-28 स्कूल बंद हुए हैं। कई अन्य जिलों में भी 1 से 22 तक स्कूल बंद किए गए हैं। इस सूची में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक सरकारी स्कूल शामिल है जिसमें सालों से किसी छात्र का नामांकन नहीं हुआ और अंत में सरकार को स्कूल बंद करने का फैसला लेना पड़ा।

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छात्रों को जल्द मिलेगी खुशखबरी
हालांकि इन सबके बीच खुश कर देने वाली बात यह है कि बंद किए गए स्कूलों के शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों को सक्रिय स्कूलों में फिर से तैनात किया जाएगा। अधिकारी बताते हैं कि यदि छात्रों ने हाल ही में इन बंद स्कूल में प्रवेश किया था तो उनके पास कार्यरत स्कूलों में स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाएगी ताकि उनकी शिक्षा पर किसी तरह का कोई असर न पड़े।

बता दे यह राज्य में स्कूलों की बंदी का दूसरा बड़ा दौर है। पिछले साल राज्य सरकार ने 600 स्कूल बंद किए थे जिसमें गैर कार्यात्मक थे जबकि किसी में शून्य नामांकन था। रिपोर्ट की माने तो राज्य में करीब 2800 सरकारी स्कूल थे जिसमें 7600 से अधिक नियमित शिक्षक कार्यालय थे। इस कदम का उद्देश्य शैक्षिक संसाधनों को समुचित उपयोग और छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए उठाया गया है।

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18 साल बाद आई ट्रॉफी, इमोशनल हुए विराट, फैंस के लिए साझा किया स्पेशल नोट, क्रिकटरों से भी मिली बधाई!

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‘किसी चीज को यदि पूरी शिद्दत से चाहा जाए तो उसे मिलाने में पूरी कायनात साथ देती है…’ यह डायलॉग आपने जरूर सुना होगा। शाहरुख खान की फिल्म ‘ओम शांति ओम’ का यह डायलॉग काफी पॉप्युलर है और यह बात आखिरकार साबित कर दी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने। जी हां.. करीब 18 साल से वह आईपीएल की ट्रॉफी पर अपनी नजर बिछाए बैठे थे लेकिन उनके हाथ आईपीएल की ट्रॉफी नहीं लगी थी लेकिन 18 साल पुराना उनका यह सपना 3 जून 2025 को पूरा हो गया।

आरसीबी की जीत पर भावुक हुए विराट
बता दें, यह उनके करियर की पहली और आखिरी जीत रही। 3 जून 2025 को फाइनल मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया है। इस दौरान विराट कोहली काफी इमोशनल दिखाई दिए। सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ उनकी भावुक कर देने वाली तस्वीर सामने आ रही है। अब इसी बीच विराट कोहली ने भी इंस्टाग्राम पर अपनी कुछ तस्वीरें साझा की और साथ ही उन्होंने जीत का जश्न मनाते हुए अपने फैंस का शुक्रिया किया। बता दे जब विराट ने यह जीत अपने नाम की तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे, जहां उन्होंने अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा को गले लगाया तो वहीं उनकी भावुकता को देखकर फैंस भी रोने लगे।

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जीत के बाद क्या बोले विराट?
इस दौरान उन्होंने लिखा कि, “इस टीम ने सपने को संभव बनाया, एक ऐसा सीजन जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। हमने पिछले 2.5 महीनों में इस सफर का भरपूर आनंद लिया है। यह आरसीबी के फैंस के लिए है जिन्होंने सबसे बुरे समय में भी हमारा साथ नहीं छोड़ा। यह उन सभी सालों के दिल टूटने और निराशा के लिए है। यह इस टीम के लिए मैदान पर खेलने के लिए किए गए हर प्रयास के लिए है। जहां तक आईपीएल ट्रॉफी का सवाल है- आपने मुझे आपको उठाने और जश्न मनाने के लिए 18 साल इंतजार करवाया है, मेरे दोस्त, लेकिन यह इंतजार बिल्कुल सार्थक रहा।”

रोमांचक रहा आईपीएल का फ़ाइनल
बात की जाए इस मैच की तो 3 जून के हुए इस आईपीएल के फाइनल मुकाबले में सबसे पहले आरसीबी बल्लेबाज करने के लिए उतरी थी। आरसीबी की टीम ने निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 190 रन बनाए थे जिसमें विराट कोहली ने 43 रन बनाए। दूसरी तरफ पंजाब किंग्स ने 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 184 रन बनाएं। एक समय पर लगा था कि यह ट्रॉफी पंजाब लेकर जाएगी लेकिन अचानक से ही पलड़ा पलट गया और जीत आरसीबी के हिस्से चली गई और उन्होंने 6 रनों से यह मैच अपने नाम का इतिहास दर्ज कर दिया।

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18 सालों की ईमानदारी लाई रंग
गौरतलब है कि, विराट कोहली एक या दो साल से नहीं बल्कि जब से उनका आईपीएल करियर शुरू हुआ था तभी से वह इस फ्रेंचाइजी के लिए खेलते आ रहे हैं। उन्होंने करीब 18 सालों से इस ट्रॉफी को अपना बनाने के लिए मेहनत की है। बता दे उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए करीब 269 मैच खेले जिसमें से वह 8661 रन बनाने में कामयाब रहे, इसमें 63 कर अर्ध शतक है जबकि आठ शतक भी शामिल है। उनका हाईएस्ट स्कोर इसमें 113 रन रहा है। वही इस सीजन की बात की जाए तो 15 मैचों में विराट कोहली ने 657 रन अपने नाम किए जबकि उनका 73 रन सबसे हाईएस्ट स्कोर रहा।

क्रिकेटर्स ने भी दी बधाई
जहां सोशल मीडिया पर फैंस की तरफ से बधाईओं का ताँता लगा हुआ तो वहीं महान खिलाडियों ने भी विराट को जीत की बधाई दी। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत की बधाई देते हुए लिखा कि “आरसीबी को उनके पहले आईपीएल खिताब पर बधाई। 18वें संस्करण में खिताब उठाने के लिए 18 नंबर की जर्सी पहनना अच्छा है। अच्छा खेल दिखाया और इसके हकदार भी हैं।” इसके अलावा सचिन ने पंजाब किंग्स की भी सराहना की। उन्होंने टीम के लिए लिखा “पंजाब किंग्स को एक बेहतरीन सीजन के लिए बधाई।”

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नीतीश-तेजस्वी या फिर चिराग? कौन बना बिहार में जनता का पसंदीदा CM फेस? पहले पायदान पर इस नेता ने मारी बाजी!

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बिहार में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही है। पिछले दिनों यह भी चर्चा हुई थी कि इस बार दो से तीन चरणों में मतदान हो सकता है। वही दिवाली और छठ त्यौहार को ध्यान में रखकर चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। ऐसे में दिन ब दिन सियासी हलचल बढ़ती जा रही है। वही सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता रेलिया को संबोधित करते हुए नजर आ रहे हैं। अब इसी बीच यह सवाल भी चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर चुनाव के बाद बिहार का सीएम किसे चुना जाएगा? जी हां.. यहां तक कई जगह तो इसका परिणाम भी सामने आ चुका है कि आखिरकार जनता ने किसको पसंद किया है। तो चलिए हम भी डिटेल में जान लेते हैं कि आखिर बिहार की जनता मुख्यमंत्री के रूप में कौन से चेहरे को पसंद कर रही है और भविष्य के लिए वह किसी नेता को सीएम के रूप में देखना चाहतीहै??

कौन है इस रेस में सबसे आगे?
दरअसल, हुआ कि पिछले दिनों बिहार चुनाव को लेकर पसंदीदा सीएम फेस का एक सर्वे हुआ था। इसमें ऐसे आंकड़े सामने आए जिसमें कई लोग हैरान भी रह गए। जहां नेता विपक्षी तेजस्वी यादव इस मामले में नीतीश कुमार से भी आगे निकल गए तो वही चिराग पासवान भी इस लाइन में दिखाई दिए। आंकड़े की माने तो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव सीएम फेस वाले सर्वे में सबसे पसंदीदा शख्स निकले। जी हाँ.. यह सामने आया है कि राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। लोगों ने उन्हें सबसे ज्यादा वोट दिया और मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में लोग उन्हें देखना पसंद कर रहे हैं।

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बता दे फरवरी 2025 में जब सर्वे हुआ था तो 40.6 फ़ीसदी लोगों ने तेजस्वी यादव को पसंद किया था, लेकिन मई और अप्रैल में उनकी पापुलैरिटी थोड़ी कम दिखाई दी और उनका सीएम फेस वाला ग्राफ भी थोड़ा कम होता गया। इस दौरान जहां अप्रैल में उन्हें 35.5 फ़ीसदी लोगों ने पसंद किया जबकि मई में उन्हें 36.9 फीसदी लोगों ने सीएम के रूप में चुना था।

कैसा रहा नितीश कुमार का ग्राफ?
यदि बात की जाए मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बारे में तो उनकी लोकप्रियता के बारे में हर कोई जानता है और हमेशा उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में लोगों ने पसंद भी किया है। फरवरी में नीतीश कुमार को करीब 18.4 फ़ीसदी लोगों ने सीएम के रूप में पसंद किया था लेकिन अप्रैल में उनका यह ग्राफ थोड़ा गिरता हुआ नजर आया। इस दौरान उन्हें केवल 15.4 फीसदी लोगों ने ही सीएम के रूप में चुना। हालांकि मई में यह ग्राफ अपने आप ऊंचा उठता गया और फरवरी की तरह ही परिणाम देखने को मिले। यानी कि इस रेस में नीतीश कुमार की लोकप्रिय भी सबसे आगे हैं।

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कितनी आगे हैं प्रशांत किशोर की रेस?
यदि बात की जाए जनसुरज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की तो वह इस रेस में थोड़े पीछे हैं। जी हां.. तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से उनकी लोकप्रियता थोड़ी कम है। एक सर्वे के मुताबिक यह बताया गया कि फरवरी में 14.9 फ़ीसदी लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया लेकिन अप्रैल में उनका ग्राफ इससे बढ़कर थोड़ा आगे निकला। जी हां अप्रैल में उन्हें 17.2 फ़ीसदी लोगों ने सीएम के रूप में पसंद किया लेकिन मई के महीने में दोबारा उनकी लोकप्रियता कम हो गई। सीएम के रूप में उनका ग्राफ गिरता गया और मई के महीने में उन्हें केवल 16.4 फ़ीसदी लोगों ने ही सीएम के रूप में पसंद किया।

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कैसा रहा चिराग पासवान का आंकड़ा?
दिलचस्प बात यह है कि सबसे पसंदीदा सीएम फेस में चिराग पासवान का नाम भी शामिल है हालांकि लोकप्रियता के मामले में वह प्रशांत किशोर, नितीश कुमार और तेजस्वी से थोड़े पीछे हैं। केंद्रीय मंत्री जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान फरवरी से मई के बीच में उनकी लोकप्रियता में अधिक इजाफा देखने को मिला था। हालांकि उन्हें सीएम के फेस के तौर पर केवल 6.6 प्रतिशत लोगों ने ही पसंद किया। खैर यह तो एक छोटा सर्वे था लेकिन देखना बहुत ही दिलचस्प रहेगा कि आखिर बिहार का अगला सीएम कौन होगा।

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कब होगा चुनाव?
वर्तमान सीएम नितेश कुमार के अगुवाई वाली बिहार सरकार का कार्यकाल इस साल यानी की 2025 में नवंबर तक है। बिहार विधानसभा का कार्यालय 25 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है उससे पहले चुनाव की सभी प्रक्रिया पूरी होना बहुत ही आवश्यक है। माना जा रहा है कि सितंबर से अक्टूबर के बीच आचार संहिता लागू हो सकती है। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग की आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस का लोगों को इंतजार है।

बता दें, साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे। पहले चरण में 71 विधानसभा सीटों पर 28 अक्टूबर 2020 को मतदान हुआ था जबकि दूसरा 3 नवंबर 2020 को 94 सीटों पर वोटिंग हुई थी। इसके बाद आखिरी चरण के लिए 7 नवंबर 2020 को चुना था जिस पर 78 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था और 10 नवंबर 2020 को पूरे वोटो की गिनती हुई थी। वही 2020 की चुनाव में एनडीए ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी।

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इंडस्ट्री की वो एक्ट्रेस जो बुर्का पहन जाती थी रेड लाइट, 4 साल के भीतर ही खत्म हुआ था करियर, जानें अब कैसे गुजर रही जिंदगी?

sonam khan

ग्लैमरस की दुनिया में हीरोइन का आना और जाना लगा रहता है। कुछ हीरोइन रातों-रात सुर्खियों में आ जाती है तो कुछ मेहनत करने के बावजूद भी वह मुकाम हासिल नहीं कर पाती जिसका वह हकदार होती है। जी हां.. इंडस्ट्री में कई ऐसी हीरोइन रही है जिन्होंने लंबे समय तक काम किया लेकिन वह पहचान के लिए मोहताज रही तो कोई एक ही फिल्म से सुपरस्टार बनकर उभरी। आज हम बात करेंगे इंडस्ट्री के एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में जिन्होंने अमिताभ बच्चन जैसे बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम किया लेकिन सिर्फ 4 साल के भीतर ही उनके करियर में रुकावट आ गई और यह इंडस्ट्री से गायब हो गई। तो चलिए जानते हैं इस हीरोइन के बारे में..

15 साल की उम्र में शुरु हुआ था करियर
दरअसल, हम बात कर रहे हैं फिल्मी दुनिया की पापुलर एक्ट्रेस सोनम खान के बारे में जिन्होंने ‘अजूबा’ और ‘त्रिदेव’ जैसी फिल्मों में काम किया। उन्होंने सिर्फ 15 साल की उम्र में इंडस्ट्री में कदम रख दिया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय पर वह 15 साल की उम्र में छिपकर रेड लाइट एरिया भी जाती थी ताकि उनको कोई पहचान ना सके। वह ऐसा क्यों करती थी? इसकी वजह क्या थी? हम आगे आपको बताएंगे।

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अमिताभ बच्चन संग किया काम
सोनम ने अपने करियर में ‘विश्वात्मा’, ‘दो मतवाले’, ‘दुश्मन देवता’, ‘अजूबा’ जैसी फिल्मों में काम किया और कम समय में इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम हासिल किया। उनकी फैन फॉलोइंग भी काफी तगड़ी थी और उन्हें लोग काफी पसंद करते थे। जब भी उनकी फिल्म में रिलीज होती थी तो उनकी तगड़ी एक्टिंग हर किसी का दिल जीत लेती थी। कहा जाता है कि उन्हें पहली नजर में ही यश चोपड़ा ने साइन कर लिया था। यूं तो सनम खान अब फिल्मों में नजर नहीं आती लेकिन सोशल मीडिया पर वह काफी एक्टिव रहती है अक्सर अपनी खूबसूरत तस्वीरें साझा करती रहती है। अब इसी बीच उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे वह 15 साल की उम्र में रेड लाइट एरिया जाने लगी थी।

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क्या थी रेड लाइट एरिया जाने की वजह?
दरअसल इसके पीछे की वजह उनकी फ़िल्म थी। उन्होंने अपनी फिल्म ‘मिट्टी और सोना’ के सेट का किस्सा साझा किया। इसमें उन्होंने एक सेक्स वर्कर लड़की का किरदार निभाया था जो उनके लिए एक चुनौती पूर्ण रोल था। हालांकि उन्होंने बहुत शानदार तरीके से इस रोल को निभाया और फिल्म हिट साबित हुई। एक्ट्रेस के साथ इस फिल्म में चंकी पांडे और प्राण अहम रोल में थे। सोनम ने बताया कि शूटिंग के दौरान दोनों ने उनकी काफी मदद की थी। अब पहली बार सोनम ने फिल्म में काम करने को लेकर भी बातचीत की।

उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि, “मिट्टी और सोना मेरे दिल के सबसे करीब की फिल्म है। इसमें मैंने एक कॉलेज की लड़की और एक सेक्स वर्कर का किरदार निभाया है। यह काफी चुनौतीपूर्ण था। मुझे एक कॉलेज की छात्रा और एक लड़की के तौर-तरीके अपनाने थे, जो सेक्स वर्कर का काम भी करती है। इस फिल्म के ज़रिए मुझे एक बात साबित करनी थी। कैसे? मुझे कुछ पता नहीं था। मुझे आमतौर पर सेक्सी सोनम के रूप में जाना जाता था, जो बेखौफ होकर बिकिनी पहनती थी।

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इस फिल्म ने मुझे मेरे 4 साल से भी छोटे लेकिन घटनापूर्ण करियर में यह साबित करने का मौका दिया कि मैं अभिनय भी कर सकती हूं और सेक्सी भी दिख सकती हूं। मैं इस रोल के लिए बुर्का पहनकर रेड लाइट एरिया जाती थी। वहां की महिलाओं के हाव-भाव देखे और मेरा दिल इमोशनली भर गया। मैंने उनमें से कुछ से बात भी की थी। मुझे उन युवा लड़कियों के प्रति गहरा दुख, डर और सुरक्षा भाव को महसूस किया।”

बता दे इन दिनों सोनम खान फिल्मी दुनिया से दूर अपनी निजी जिंदगी में खुशहाल है। वह अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी खूबसूरत तस्वीरें साझा करती रहती है। फैंस भी उन्हें काफी पसंद करते हैं।

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सेहत के लिए कितना हानिकारक और लाभदायक है तांबे का पानी? किडनी पर होता है ये असर, रोज पीने वाले जरूर जानें असलियत!

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कई लोग होते हैं जो अच्छी सेहत के लिए तांबे का पानी पीते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि तांबे का पानी पीने से उनका शरीर स्वस्थ रहता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा तांबे का पानी आपके शरीर को लाभ नहीं बल्कि नुकसान भी पहुंचा सकता है। जी हां.. नियमित रूप से तांबे का पानी पीने वाले लोगों को इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे ही खास पोस्ट है जिसमें हम बताएंगे कि आखिर तांबे का पानी शरीर के लिए कितना लाभदायक और हानिकारक हो सकता है? यदि इसका जरूरत से ज्यादा सेवन किया जा रहा है तो यह आपको कहीं ना कहीं नुकसान भी पहुंचा सकता है। तो चलिए जानते हैं तांबे का पानी पीने से शरीर पर क्या असर होता है?

तांबे के पानी से मिलते हैं ये गुण
वैसे तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद है। दरअसल तांबे के बर्तन में अच्छी मात्रा में एंटी माइक्रोबॉयल के गुण पाए जाते हैं जो आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। यह सूजन को कम करने और पाचन को दुरुस्त करने में भी साथ देता है।

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तांबे के पानी के नुकसान भी
इसका अधिक सेवन आपकी किडनी को प्रभावित कर सकता है। जी हां.. वे लोग जो जरूरत से ज्यादा ही तांबे का पानी पीते हैं, उन्हें ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। दरअसल डॉक्टर के अनुसार कभी-कभी कॉपर के पानी का सेवन किया जा सकता है लेकिन सीमित मात्रा में ही इस को पीना ठीक है। यदि कोई तांबे के बर्तन का पानी का अधिक सेवन करता है तो इससे आपकी किडनी और लीवर दोनों पर असर पड़ता है। वे व्यक्ति जो पहले से ही किडनी की समस्या से पीड़ित है और दवाइयां का सेवन करते हैं तो कॉपर मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों को तांबे का पानी पीने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए।

कितनी मात्रा में ले तांबे का पानी?
डॉक्टरों के मुताबिक, तांबे की बोतल से एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में एक या दो गिलास पानी का सेवन कर सकता है जिससे शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होगा और यह आपके शरीर के लिए बेहतर भी रहेगा। दरअसल कॉपर के अधिक होने के कारण क्रोनिक किडनी डिजीज का खतरा होता है। कॉपर से किडनी के कार्य प्रभावित होते हैं जिससे आपकी सेहत भी बिगड़ने लगती है, साथ ही आपकी किडनी को गहरा नुकसान पहुंचता है।

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विल्सन की बीमारी से ग्रसित लोग
जो व्यक्ति विल्सन की बीमारी से ग्रसित है उन्हें भी तांबे का पानी कम ही पीना चाहिए। बता दे विल्सन की बीमारी एक जेनेटिक या अनुवांशिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति के शरीर में कॉपर का स्तर बढ़ जाता है। इससे लोगों की किडनी और लीवर प्रभावित होते हैं ऐसे में आप ध्यान रखें की कॉपर के बर्तन के पानी का सेवन कम ही करें।

वही बात करें गर्भवती महिलाओं के बारे में तो वह भी तांबे के बर्तन का पानी पी सकती है। गर्भवती महिला के शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसे बेहतर होती है। मां और बच्चा दोनों के लिए यह काफी अच्छा माना जाता है। तांबे के बर्तन में रखें पानी को पीने से मस्तिष्क का विकास होता है वहीं पेट में पल रहे बच्चे का भी दिमाग तेज रहता है। लेकिन गर्भवती महिलाओं को भी तांबे के बर्तन में पानी केवल सीमित मात्रा में ही पीना चाहिए।

नोट: यहां पर बताई गई बातें आम जानकारियों पर आधारित है। यह किसी भी तरह से योग्य राय का विकल्प नहीं है। अधिक से अधिक जानकारी के लिए अपने विशेषज्ञ से परामर्श करें। ‘सम्पूर्ण न्यूज’ इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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आईपीएल 2025 दिन ब दिन रोमांचक होता जा रहा है। 3 जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स के बीच मुकाबला खेला जाना है। दिलचस्प बात यह है कि 18 साल से आईपीएल के इतिहास में दोनों ही टीम ने एक भी बार खिताब अपने नाम नहीं किया। ऐसे में फैन की नजर दोनों की टीम पर तगड़ी है, जो भी टीम इस मुकाबले में जीतेगी वह अपने आप में एक ऐतिहासिक जीत होगी। ऐसे में हर किसी की नजर दोनों के कप्तान यानी कि विराट कोहली और श्रेयस अय्यर के कैरियर पर भी रहने वाली है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर श्रेयस अय्यर और विराट कोहली का आईपीएल करियर कैसा रहा?

कैसा रहा अय्यर का आईपीएल करियर?
सबसे पहले बात करते हैं दोनों के आईपीएल करियर के बारे में। बता दे श्रेयस अय्यर ने पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स को तीसरा खिताब जिताया था। इस साल 16 मैचों में उन्होंने 603 रन बनाए जिसमें उनका बेस्ट स्कोर 97 रन रहा। इसके अलावा उन्होंने अपने पूरे आईपीएल करियर में 132 मैचो में करीब 3730 रन बनाए जिसमें 27 अर्ध शतक शामिल है। उन्होंने अपनी शानदार पारी से हर किसी का दिल जीता। जब भी श्रेयस मैदान पर उतरते हैं वह अपनी शानदार पारी से फैंस का दिल जित लेते हैं। वहीं हाल ही में टीम की मालकिन प्रीति जिंटा भी उन पर प्यार लुटाती हुई नजर आई थी।

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कैसा रहा विराट का आईपीएल करियर?
वही बात की जाए विराट कोहली के आईपीएल करियर के बारे में तो वह करीब 18 सालों से एक ही टीम के लिए आईपीएल खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं, हालांकि अभी तक आरसीबी ने एक भी ट्रॉफी अपने नाम नहीं की और इसकी वजह से वह अक्सर ट्रोलर्स के निशाने पर रहती है। हर बार फैंस को एक नई उम्मीद रहती है कि आखिरकार विराट कोहली की टीम इस साल ट्रॉफी ले ही आएगी लेकिन अंत में वह बाहर हो जाती है, लेकिन इतिहास में अब ऐसा हुआ है कि विराट कोहली की टीम ने फाइनल में दस्तक दी है।

ऐसे में उम्मीद है कि इस बार आरसीबी ट्रॉफी अपने नाम कर लेगी। बता दे विराट कोहली ने इस सीजन 14 मैचों में 614 रन अपने नाम किए हैं जबकि उनका बेस्ट स्कोर 73 रन रहा है। वहीं आईपीएल करियर की बात की जाए तो उन्होंने 266 मैचोंमें 8618 रन अपने नाम की है जिसमें से 8 शतक और 63 अर्ध शतक शामिल है।

ऑरेंज केप पर दोनों खिलाडियों की नजर
यदि बात की जाए ऑरेंज कैप की लिस्ट के बारे में तो आरसीबी और पंजाब के बीच इसकी भी एक होड़ ही रहेगी। जी हां.. विराट ने जहां 614 रन बनाए हैं तो वहीं श्रेयस अय्यर 603 रन के साथ दूसरे नंबर पर है। अब ऐसे में देखना काफी दिलचस्प होगा कि आईपीएल जीत के अलावा कौन सा खिलाड़ी ऑरेंज केप का हकदार बनता है।

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सोशल मीडिया पर फैंस की भरमार
अब बात कर ली जाए उनके सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में तो बता दे श्रेयस अय्यर और विराट कोहली दोनों ही सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। अक्सर उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती है। वहीं फैंस भी उनकी नई-नई एक्टिविटीज पर तगड़ी नजर रखे रहते हैं। श्रेयस अय्यर को सोशल मीडिया पर करीब 13.4 मिलियन लोग फॉलो करते हैं तो वहीं विराट कोहली उन्हें जबरदस्त टक्कर देते हैं।

किसको मिलेगी ऐतिहासिक जीत?
जी हां.. विराट कोहली को सोशल मीडिया पर 272 मिलियन लोग फॉलो करते हैं। यानी कि दोनों ही कप्तान अपने आप में एक धुरंधर खिलाड़ी है। अब ऐसे में देखना दिलचस्प रहेगा कि आखिर इस साल आईपीएल 2025 की ट्रॉफी कौन सी टीम अपने नाम करती है? खेर जो भी टीम अपने नाम इस ट्रॉफी को करेगी वह एक नया इतिहास रचकर जाएगी। तो हर किसी को मुकाबला का इंतजार है।

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SBI Clerk Mains Result 2025: SBI Clerk मेंस रिजल्ट जारी, इस आसान प्रक्रिया से चेक करें रिजल्ट, जानिए कैसी रहेगी चयन प्रक्रिया?

भारतीय स्टेट बैंक यानी कि SBI ने क्लर्क मेंस परीक्षा 2025 का परिणाम आधिकारिक रूप से घोषित कर दिया है। जी हां बच्चे लंबे समय से इसके परिणाम का इंतजार कर रहे थे और अब ऐसे में उनके इंतजार की घड़ी खत्म हो चुकी है। बता दे जूनियर एसोसिएट ग्राहक सहायता एवं बिक्री पदों के लिए आयोजित यह परीक्षा 10 और 12 अप्रैल 2025 को संपन्न हुई थी। रिजल्ट आने के बाद बच्चों में खुशी की लहर है, वहीं परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार अब अपना रिजल्ट एसबीआई की आधाकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं रिजल्ट चेक करने का आसान तरीका क्या है?

अब देना होगी ये परीक्षा?
सबसे पहले हम आपको यह बता दे कि एसबीआई क्लर्क स्कोरकार्ड में उम्मीदवारों का नाम रोल नंबर श्रेणी और अप श्रेणी सहित सभी विवरण शामिल होते हैं। इसमें इंग्लिश, रीजनिंग आदि प्राप्त अंक और कुल अंक दिए होते हैं। श्रेणी के अनुसार कटऑफ और आपकी चयन स्थिति स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। यदि आप एसबीआई क्लर्क मैंस की परीक्षा पास कर लेते हैं तो अब आपको भाषा प्रवणता परीक्षा में शामिल होना है। यह परीक्षा उस राज्य के स्थानीय भाषा में ली जाती है जहां से आपने आवेदन किया है। इस दौरान स्थानीय भाषा को पढ़ने लिखने और बोलने की क्षमता आपके अंदर होनी चाहिए। इसी जांच के लिए परीक्षा ली जाती है। इतना ही नहीं बल्कि यह सरकारी नौकरी पाने के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है।

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इस आसान तरीके से चेक कर सकते हैं रिजल्ट

  1. वही आसान तरीके से आप अपना रिजल्ट देख सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in पर जाना होगा।
  2. इसके बाद आपके करियर वाले ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  3. इसके बाद आपके पास करंट ओपनिंग का विकल्प आएगा जिसमें आप जूनियर एसोसिएट्स कस्टमर सपोर्ट एंड सेल्स रिटायरमेंट पर क्लिक करें।
  4. यहां पर एसबीआई क्लर्क मैन्स रिजल्ट 2025 शीर्षक वाले लिंक को खोले।
  5. इसके बाद आपको एक लॉगिन पेज दिखाई देगा जिसमें आप पंजीकरण, रोल नंबर और जन्मतिथि दर्ज करें।
  6. इसके बाद आपके सामने आपका स्कोर कार्ड स्क्रीन पर दिखने लगेगा।
  7. अब आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं, साथ ही अपने भविष्य के लिए पास रख सकते हैं।

कितने है रिक्त पद?
बता दे स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया क्लर्क की कि भर्ती अभियान में करीब 13735 रिक्त पदों को भरा जाएगा। इसमें से जनरल कैटेगरी के लिए 5870 पद है जबकि ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए 1361 पद है। इसके अलावा ओबीसी वर्ग के लिए 3001 पद है जबकि अनुसूचित जाति के लिए 2018 पद है तो वहीं अनुसूचित जाति के लिए 1385 पद आरक्षित है। इस प्रक्रिया के तहत चयन उम्मीदवारों को देशभर में पद दिए जाएंगे।

200 अंको का आया था प्रश्न पत्र
बता दे एसबीआई क्लर्क मेंस परीक्षा 10 और 12 अप्रैल को आयोजित हुई थी जिसमें वह लोग शामिल हुए थे जिन्होंने प्रिलिम्स परीक्षा को पास किया था। परीक्षा में कुल 190 प्रश्न पूछे गए थे जिनके लिए करीब 200 अंक निर्धारित किए गए थे। इस परीक्षा में अवेयरनेस जनरल, इंग्लिश, कॉम्पिटेटिव एप्टीट्यूड, रीजनिंग एबिलिटी, कंप्यूटर एप्टीट्यूड और जनरल फाइनेंस अवेयरनेस के बारे में प्रश्न आए थे।

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पीओ के लिए भी निकले थे पद
बता दे, इससे पहले एसबीआई ने पीओ के पद पर इस साल करीब 600 पदों पर भर्ती निकाली है जिनमें चयन प्रक्रिया में प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू शामिल है। जनरल के लिए जहां 240 पद है तो वही ईडब्ल्यूएस के लिए 58 पद है। इसके अलावा ओबीसी के लिए 158 तो एसटी के लिए 57 जबकि एससी के लिए 87 पद खाली है। इस परीक्षा का नोटिफिकेशन 26 दिसंबर 2024 को जारी किया गया था। आवेदन प्रक्रिया 19 जनवरी 2025 तक जारी थी। वहीं परीक्षा की बात करें तो 8 ,16 ,24 और 26 मार्च 2025 को आयोजित की गई थी। एसबीआई पीओ मुख्य परीक्षा का आयोजन 5 मई को देशभर के विभिन्न शहरों में हुई थी।

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