भारत सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश राज्य को लगभग 740 करोड़ रूपये का अनुदान विभिन्न मदों में हुआ जारी।
अनुदान का उपभोग विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा जर्जर हो चुके पुराने भवनों को रेनोवेशन करने पर किया जायेगा।
Sachin Chaudhary Lucknow मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन तथा उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के नेतृत्व में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एम.पी. अग्रवाल द्वारा पी.एम. ऊषा की टीम के साथ मिलकर दिन-रात मेहनत के उपरान्त भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत उत्तर प्रदेश राज्य के विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव प्राप्त कर प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये, जिसके फलस्वरूप पूरे देश में उत्तर प्रदेश राज्य को सर्वाधिक अनुदान स्वीकृति किया गया।योजना भवन लखनऊ मे मंगलवार को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित समागम 2024 को सम्बोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य के विश्वविद्यालयों हेतु धनराशि स्वीकृत किये जाने हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश राज्य को लगभग धनराशि 740 करोड़ रूपये का अनुदान विभिन्न मदों में जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा स्वीकृति अनुदान का उपभोग विश्वविद्यालयों में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा जर्जर हो चुके पुराने भवनों को रेनोवेशन करने पर किया जायेगा। केन्द्रीय वित्त पोषण उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के गुणवत्ता को बढ़ाने के लिये एक बड़ा बढ़ावा होगा। राज्य का लक्ष्य अनुसंधान और नवाचार के लिये एक सक्षम वातावरण बनाना है जिससे विश्वविद्यालयों और उसके संबंध महाविद्यालयों दोनों को लाभ होगा। अनुदान का उपयोग उत्तर प्रदेश राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों हेतु निर्धारित मापदंडों और मानको का अनुपालन सुनिश्चित करके उनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिये किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के स्वीकृत धनराशि का सही सदुपयोग किया जाय। समाज, सहयोग, सुधार, सत्तता और संस्कार इन पंचसूत्र पर कार्य किया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश मे काम करने के तेवर तथा व्यवस्थाओं के कलेवर बदले है। विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के जीवन को बेहतर करने में इस तरह के समागम मील का पत्थर साबित होंगे। भौतिक विकास के साथ-साथ संस्कारों को भी महत्व देना चाहिए। विश्वविद्यालयों मे आम जनसामान्य के हितों से जुड़े हुये शोध किये जाना चाहिए जिससे प्रदेश के आम जनसामान्य के जीवन को एक नई दिशा मिल सके। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के अन्तर्गत चिन्हित न्यूनतम सकल नामांकन अनुपात के क्रम में असेवित क्षेत्रों में नये राजकीय मॉडल महाविद्यालयों हेतु अनुदान प्रदान किया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजना का उद्देश्य राज्य में उच्च शिक्षण संस्थानों को वित्त पोषण तथा सभी उच्च संस्थानों को समान विकास प्रदान कर उच्च शिक्षा प्रणाली को ठीक करना है। योजना के अन्तर्गत 2026 के अंत तक सकल नामांकन अनुपात को 35 प्रतिशत तक बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा अनुदान का उपयोग डिजिटल शिक्षा के तरीकों के लिये बुनयादी ढ़ाचे को विकसित करने के लिये किया जायेगा। जिससे राज्य के सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिये उच्च शिक्षा के विभिन्न अवसर सुनिश्चत होगें। राज्य में उच्च शिक्षा में महिलायों, अल्पसंख्यकों, एससी,एसटी, ओबीसी आदि व्यक्तियों को शामिल करने के लिये अनुदान का उपयोग किया जायेगा। बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के अन्तर्गत चिन्हित पूरे भारत देश में 26 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश राज्य के 06 विश्वविद्यालयों को 100-100 करोड़ रूपये अनुदान दिया गया है। जिसमें डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या, महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर, बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ तथा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ है।विश्वविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के अन्तर्गत चिन्हित पूरे भारत देश में 52 विश्वविद्यालयों में से उत्तर प्रदेश राज्य 08 विश्वविद्यालयों को अनुदान दिया गया है। जिसमें डा. भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर तथा महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी प्रत्येक विश्वविद्यालय को 20,00,00,000 रूपये स्वीकृत किये गये है। इसी तरह वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय जौनपुर को 19,99,99,000 रूपये, प्र. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भईया) विश्वविद्यालय प्रयागराज को 19,99,97,000 रूपये, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया को 13,38,90,000 तथा सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु को 6,53,11,262 रूपये स्वीकृत किये गये है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित समागम में राज्यमंत्री उच्च शिक्षा रजनी तिवारी, विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव, अपर सचिव, उ.प्र. राज्य उच्च शिक्षा परिषद, निदेशक उच्च शिक्षा, निदेशक, प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान तथा क्षेत्र संयोजक विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।