ग्रामीण भारत में गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि गांवों का सशक्तिकरण उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की हाल ही में आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2012 में भारत में ग्रामीण गरीबी लगभग 26 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है। यह बदलाव गांवों के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का परिणाम है।
गांवों की समस्याएं जानता हूं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैंने अपना बचपन एक छोटे शहर में बिताया। इससे मुझे गांवों में मौजूद विशाल संभावनाओं और उनकी चुनौतियों को समझने का मौका मिला।” उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा देने के लिए उनकी सरकार ने कई विशेष नीतियां बनाई हैं।
ग्रामीण भारत को समृद्ध बनाने की योजनाएं
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार ने किसानों और ग्रामीण जनता की मदद के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें ‘पीएम किसान योजना’, ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’, और ‘पीएम फसल बीमा योजना’ जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पीएम-किसान योजना के तहत अब तक किसानों को 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है।
कृषि ऋण में 3.5 गुना वृद्धि
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में कृषि ऋण की राशि में 3.5 गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने गांवों में काम करने वाले पारंपरिक कलाकारों और कारीगरों की उपेक्षा की थी। लेकिन अब ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ के तहत इन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यह योजना देश के लाखों विश्वकर्मा साथियों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही है।
डीएपी की कीमत स्थिर रखी गई
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों पर डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) की कीमतों का बोझ न पड़े। “दुनिया में डीएपी के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन हमने सब्सिडी बढ़ाकर इसके दाम स्थिर रखे हैं,” उन्होंने कहा।
ग्रामीण भारत की उपेक्षा का अंत
प्रधानमंत्री ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय की अधिकांश आबादी गांवों में रहती है। पहले की सरकारों ने उनकी जरूरतों की उपेक्षा की, लेकिन अब उनकी सरकार ने गांवों को प्राथमिकता दी है। पीएम मोदी ने कहा, “जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, मैंने उन्हें पूजा।”
गांवों के विकास में महिलाओं की भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण भारत में महिलाएं बदलाव की मुख्य प्रेरणा बन रही हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूहों और अन्य योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ग्रामीण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गांवों में काम करने वाले पारंपरिक कारीगर और किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
कृषि क्षेत्र में नई संभावनाएं
प्रधानमंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र में निवेश और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो रही है।
ग्रामीण भारत महोत्सव: एक नई शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव को ग्रामीण संस्कृति, परंपरा और विकास का संगम बताया। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव गांवों के लोगों को अपनी कला और कौशल को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण भारत महोत्सव के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में ग्रामीण भारत के विकास को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि गांवों का सशक्तिकरण ही विकसित भारत के निर्माण का आधार है। उनकी योजनाएं न केवल गांवों की गरीबी को कम करने में मदद कर रही हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई पर ले जा रही हैं।
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