27.1 C
New Delhi
Tuesday, February 18, 2025

प्रयागराज के बमरौली की कान्हा गौशाला में काऊ सफारी का होगा निर्माण।

लायन और टाइगर सफारी की तर्ज पर काऊ सफारी का भी निर्माण करेगी योगी सरकार।

प्रयागराज के बमरौली की कान्हा गौशाला में काऊ सफारी का होगा निर्माण।

गौ सरोवर और गौ परिक्रमा पथ का होगा निर्माण।

Sachin Chaudhary प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय क्षेत्रों में निराश्रित और बेसहारा गोवंश को सुरक्षित आश्रय एवं उनके भरण-पोषण हेतु कान्हा गौशाला व पशु आश्रय स्थल का संचालन कर रही है। सरकार का मानना है कि गोवंश की पूर्ण सुरक्षा तभी संभव है जब गोवंश से मिलने वाले उत्पाद उपयोगिता और उत्पादन के आधार पर एक आर्थिक विकल्प बनेंगे। इसी उद्देश्य से प्रदेश में कान्हा गौ आश्रय स्थलों को गौ तीर्थाटन के रूप में विकसित किया जाएगा। काऊ सफारी का विकास इसी का हिस्सा है जिसे प्रयागराज के बमरौली में विकसित किया जाएगा।

बमरौली में काऊ सफारी का होगा निर्माण।

प्रयागराज में गंगा किनारे बमरौली रसूलपुर में कान्हा गौशाला के निर्माण का कार्य तकरीबन पूरा हो चुका है । इस कान्हा गौशाला को अब काऊ सफारी के रूप में भी विकसित किया जाएगा। नगर निगम प्रयागराज के पशुधन विकास एवम पशु कल्याण अधिकारी विजय अमृत राज बताते हैं कि इस कान्हा गोशाला को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का कार्य शुरू होने जा रहा है। यहां पर टाइगर सफारी की तरह ही काऊ सफारी का निर्माण किया जाएगा । उनका यह भी कहना है कि पहले इसका निर्माण शंकरगढ़ में होना था लेकिन शहरी क्षेत्र से दूर होने के चलते यहां पहुंचने वाली पर्यटकों की संख्या को देखते हुए इसका निर्माण अब शहर के अंदर बमरौली में किया जायेगा। नगर निगम के सहायक अभियंता ज्ञान चंद्र मौर्य बताते हैं कि 12,500 वर्ग मीटर में ₹325 लाख की लागत से इस कान्हा गोशाला का निर्माण हुआ है। इसमें 1000 गोवंश संरक्षित किए जाने हैं। शासन की मंशा पर अब यहां काऊ सफारी का निर्माण होगा ।

गो परिक्रमा पथ और गोदान स्थल का होगा विकास।

गो पर्यटन या गो तीर्थाटन के माध्यम से कान्हा गौशाला में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए गौशाला को छात्र/छात्राओं/गो प्रेमियों /पर्यटकों /तीर्थ यात्रियों हेतु आकर्षक बनाते हुए उसे सांस्कृतिक / शैक्षिक पर्यटन केन्द्र एवं तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। नगर निगम के पशुधन विकास एवम कल्याण अधिकारी विजय अमृत राज के मुताबिक गोशाला में गाय की सुन्दर प्रतिमा स्थापित कर उसके चारो ओर गो परिक्रमा पथ’ विकसित करने की योजना है। गो परिक्रमा पथ के समीप ही ‘गोदान स्थल’ विकसित किया जायेगा जहाँ गो प्रेमियों को गौशाला के गोवंश के गोदान हेतु आवश्यक सशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए गौशाला को गोदान केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जा सके। यहां पर विद्यार्थियों तथा गो प्रेमियों, पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों के शिशुओं के खेलने व मनोरंजन हेतु झूले और ‘बाल गोपाल उद्यान’ विकसित किया जाएगा। गौशाला में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत पेड़-पौधे लगाकर वनीकरण किया जायेगा जिसके लिए यहां ‘नवग्रह वाटिका’ एवं पंचवटी विकसित की जाएगी।गोशाला में गो-सरोवरों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें नौकायन और मत्स्य पालन भी किया जाएगा।

दिया जायेगा शैक्षिक पर्यटन का स्वरूप।

गौशाला में बायोगैस / बायो सी०एन०जी० प्लान्ट’ के संचालन, ऑर्गेनिक फार्मिंग इत्यादि के लाभ का प्रदर्शन कर गौशाला को शैक्षिक पर्यटन का केंद्र बनाए जाने की भी योजना है। गौशाला में ‘ गो लेपित ध्यान केन्द्र’ बनाया जाएगा। यहां एक छोटा ‘मीटिंग हॉल’ बनाया जायेगा जहां गौशाला में उपलब्ध संसाधनों से किये जा रहे नवाचारों इत्यादि के विषयगत 05 से 10 मिनट तक ‘डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म’ बनाकर उसका प्रदर्शन किया जायेगा। गोशाला में पर्यटकों के भ्रमण हेतु ‘गो कार्ट/बैलगाड़ी सफारी का भी प्रयोग किया जायेगा। गौशाला में पर्यटकों को सशुल्क अल्पाहार/भोजन/ हाई टी उपलब्ध कराने हेतु ‘अन्नपूर्णा भोजनालय’ को भी विकसित किया जायेगा। गौशाला में उत्पादित दूध, बछड़ों / बछियों के देख-भाल हेतु आवश्यक दूध के पश्चात बचे दूध के विक्रय से प्राप्त धनराशि का उपयोग गौशाला के संचालन एवं अनुरक्षण में भेजने की योजना है।

Related Articles

22,000FansLike
1,578FollowersFollow
160SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles