प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के दौरान सड़क निर्माण परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज, 30 नवम्बर 2024 को केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ प्रयागराज महाकुम्भ 2025 से संबंधित सड़क निर्माण परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति पर एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रयागराज के राष्ट्रीय राजमार्गों, बाईपास, इनर रिंग रोड, और सेतु निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सभी परियोजनाओं को आगामी 25 दिसम्बर 2024 तक पूरा किया जाए, ताकि महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
महाकुम्भ 2025 के लिए सड़क परियोजनाओं की समीक्षा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ 2025 भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का समागम है। इस आयोजन में देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आ सकते हैं, जिनकी सुविधाओं और सुरक्षा के लिए सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे बेहतर तरीके से तैयार किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-30 के रायबरेली से प्रयागराज खंड के 63.17 किलोमीटर चौड़ीकरण के कार्य को जल्द पूरा किया जाए। इसके अलावा, प्रयागराज इनर रिंग रोड के पहले चरण के 7.6 किलोमीटर कार्य, जसरा बाईपास के 5.10 किलोमीटर चौड़ीकरण और फाफामऊ में गंगा नदी पर नये 6-लेन पुल के निर्माण कार्य की भी समयबद्ध समीक्षा की गई।
सड़क सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की तैयारी
मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं के त्वरित समाधान के लिए सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर एम्बुलेंस, रिकवरी व्हीकल, पेट्रोलिंग वाहन और क्रेन की व्यवस्था की योजना बनाई। इसके साथ ही, उन्होंने महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त स्ट्रीट लाइट्स और शौचालयों की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुम्भ जाने वाले मार्गों पर गड्ढों को जल्द से जल्द ठीक किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
भूमि अधिग्रहण और नए सड़क प्रोजेक्ट की त्वरित कार्यवाही
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नए राजमार्गों के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने विभिन्न सड़क निर्माण परियोजनाओं के लिए एनओसी (No Objection Certificate) की कार्यवाही समय से करने का भी निर्देश दिया।
केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से यूपी में सड़क परियोजनाओं का विस्तार हो रहा है। सीएम योगी ने लखनऊ-गोरखपुर और गोरखपुर-वाराणसी मार्गों की मरम्मत की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इन मार्गों को जल्द सुदृढ़ करने के लिए एनएचएआई अधिकारियों को निर्देश दिए।
सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए समन्वित प्रयास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। इसके तहत, राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी घटनाओं के लिए त्वरित राहत प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी नजदीकी अस्पतालों की मैपिंग की जानी चाहिए ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित इलाज उपलब्ध हो सके।
उत्तर प्रदेश में नए बाईपास और सड़क परियोजनाओं का विस्तार
इस बैठक में नितिन गडकरी ने उत्तर प्रदेश में नए बाईपास और सड़क परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 53 जनपदों में बाईपास उपलब्ध हैं और आठ जनपदों में बाईपास निर्माणाधीन हैं। इसके साथ ही, अलीगढ़, देवीपाटन, मीरजापुर, और झांसी में रिंग रोड के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश में नए सड़क प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा की, जिनमें बरेली में एनएच 530बी के सुदृढ़ीकरण, प्रतापगढ़ जिले में बाईपास निर्माण और बाराबंकी-जरवल-बहराइच मार्ग (एनएच 927) के निर्माण के संबंध में डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार करने की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए गए।
नए सड़क प्रोजेक्ट्स के लिए डीपीआर और टेंडर प्रक्रिया
सीएम योगी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नई सड़क परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की। अयोध्या से प्रयागराज के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बिड आमंत्रित की गई है। इसके अलावा, गाजीपुर-जमनिया-सैयदराजा कॉरीडोर और गोरखपुर-किशनगढ़-सिलीगुड़ी कॉरीडोर के लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट किया कि प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के दौरान सड़क निर्माण और अन्य आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कोई परेशानी न हो। सड़क सुरक्षा और त्वरित राहत प्रणालियों को सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वित प्रयासों का पालन करना होगा।
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