प्रयागराज छात्र प्रदर्शन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित UPPCS और RO/ARO परीक्षाओं को लेकर प्रयागराज में छात्र विरोध तेज हो गया है। हजारों छात्र UPPSC कार्यालय के बाहर जमा हो गए हैं, जो परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि दो दिवसीय परीक्षा प्रणाली असमानता पैदा करती है, जिससे परिणामों में नॉर्मलाइजेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं और सभी छात्रों को बराबरी का अवसर नहीं मिल पाता। इस विरोध के दौरान पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा, जबकि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस और पीएसी बल को तैनात किया गया है।
दो दिवसीय परीक्षा प्रणाली पर छात्रों की आपत्ति
UPPSC ने पीसीएस-2024 और आरओ/एआरओ-2024 परीक्षाओं को दो दिनों में कराने का फैसला लिया है। इसके तहत, पीसीएस परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को, और आरओ/एआरओ परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को होगी। छात्रों का मानना है कि दो दिन में परीक्षा आयोजित करने से नॉर्मलाइजेशन की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस प्रणाली को बदलकर एकदिवसीय परीक्षा आयोजित करने की मांग की है ताकि सभी छात्रों को समान अवसर मिल सके।
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप और मांग
छात्रों का आरोप है कि पिछले दो वर्षों में UPPSC की परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी घटनाएं देखने को मिली हैं, जो आयोग की विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं। छात्रों ने फरवरी 2023 में हुई आरओ/एआरओ परीक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि पेपर लीक होने के कारण वह परीक्षा रद्द कर दी गई थी। छात्रों के अनुसार, एकदिवसीय परीक्षा प्रणाली ही इस समस्या का एकमात्र समाधान है। वे चाहते हैं कि UPPSC परीक्षा को एक दिन में आयोजित करने का नोटिस जारी करे, जिससे परीक्षा निष्पक्षता से संपन्न हो सके।
अखिलेश यादव का समर्थन और भाजपा पर निशाना
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है और इसे युवाओं के हितों के खिलाफ बताते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “युवा कहे आज का नहीं चाहिए भाजपा!” उन्होंने इसे “युवा विरोधी कदम” बताते हुए कहा कि सरकार छात्रों की मांगों को अनदेखा कर रही है। साथ ही, उन्होंने लाठीचार्ज की घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि राज्य सरकार की नीतियां युवाओं के हित में नहीं हैं और सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
पुलिस बल की तैनाती और लाठीचार्ज की घटना
प्रदर्शन के दौरान हालात काबू में रखने के लिए पुलिस बल, पीएसी, और आरएएफ के जवानों को UPPSC कार्यालय के बाहर तैनात किया गया है। जब छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसके बाद पुलिस ने सुरक्षा बनाए रखने के लिए लाठीचार्ज किया। इससे छात्रों में आक्रोश और बढ़ गया, और उन्होंने अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन को और उग्र कर दिया। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रयागराज छात्र प्रदर्शन का संकल्प और अगली रणनीति
प्रयागराज में यह छात्र प्रदर्शन प्रदेश के युवाओं के मुद्दों को एक बार फिर से सामने ला रहा है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और जब तक UPPSC परीक्षा प्रणाली में सुधार नहीं करता, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। छात्रों ने यह भी कहा कि आयोग की परीक्षा प्रणाली में सुधार होना चाहिए ताकि सभी छात्रों को एक समान अवसर मिल सके।
छात्रों का यह विरोध केवल परीक्षा तिथियों और दिनों का मुद्दा नहीं है, बल्कि उनके भविष्य की सुरक्षा का भी सवाल है। छात्र परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं, ताकि सभी को समान अवसर मिल सके। इस स्थिति में UPPSC और राज्य सरकार की अगली कार्रवाई पर नज़र रहेगी कि क्या वे छात्रों की मांगों को मानते हुए परीक्षा प्रणाली में बदलाव करेंगे या नहीं।
और पढ़ें: