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Wednesday, March 12, 2025

राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड: पत्रकारों में रोष, सुरक्षा कानून बनाने की उठी मांग

राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड: पत्रकारों में आक्रोश, सुरक्षा कानून की उठी मांग

राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड
राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड

बहराइच सीतापुर के वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड ने पूरे पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस निर्मम हत्या के बाद पत्रकारों ने सुरक्षा कानून लागू करने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाई है। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।

हत्याकांड से पत्रकारों में गुस्सा

सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई एक सक्रिय रिपोर्टर थे, जो भूमाफिया और खाद्यान्न घोटाले का पर्दाफाश कर रहे थे। हत्या से पहले उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पत्रकारों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा हैं और जल्द से जल्द पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाना चाहिए।

श्रद्धांजलि सभा में उठी न्याय की मांग

श्रद्धांजलि सभा के दौरान श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सदस्यों ने दिवंगत पत्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए कई मांगें रखीं।

मुख्य मांगें:

  1. हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी और कड़ी सजा – इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोरतम सजा दी जाए।
  2. परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी – मृतक पत्रकार के परिवार को कम से कम 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
  3. पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए – भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए।
  4. विशेष जांच दल (SIT) का गठन – मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सरकार एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करे।
  5. फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई – पत्रकारों पर होने वाले हमलों के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर शीघ्र न्याय दिलाने की व्यवस्था की जाए।
  6. पत्रकारों को आत्मरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस दिया जाए – आत्मरक्षा के लिए पत्रकारों को आसानी से शस्त्र लाइसेंस जारी किया जाए।
  7. बिना ठोस सबूत के पत्रकारों पर केस न हो – बिना किसी राजपत्रित अधिकारी की जांच और ठोस सबूत के पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज ना किया जाए

पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल

पत्रकारों का कहना है कि राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड यह साबित करता है कि पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। आए दिन होने वाले हमले यह दर्शाते हैं कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह मीडिया की स्वतंत्रता के लिए खतरा बन सकता है।

ज्ञापन सौंपने के दौरान मौजूद रहे पत्रकार

इस मौके पर श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष सत्य प्रकाश गुप्ता, महामंत्री विनोद द्विवेदी, रुद्र प्रताप, विनोद जायसवाल, शकील अंसारी, राहुल उपाध्याय, अभिलाष श्रीवास्तव, पुनीत श्रीवास्तव, भूपेंद्र पांडेय, मिर्जा आशीफ बेग समेत कई वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे।

राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड के बाद पत्रकारों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। पत्रकार समुदाय ने मांग की है कि इस घटना के दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।

और पढ़ें: कौशांबी डबल मर्डर: दोहरे हत्याकांड में लापरवाही पर दारोगा समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड, आरोपी फरार

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