20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे। वह सबसे कम उम्र वाले प्रधानमंत्री बने थे। बचपन से ही राजीव गांधी को राजनीति में रुचि थी। इस दौरान उन्होंने एयरलाइन पायलट के रूप में भी काम किया। छोटे भाई संजय गांधी की मौत के बाद 1980 में वह राजनीति में आए। और 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह प्रधानमंत्री बने। इसी बीच उनकी भी हत्या कर दी गई। आज यानी की 21 मई को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि है। तो चलिए जानते हैं राजीव गांधी की हत्या के बारे में…
कंप्यूटर क्रांति के थे जनक
राजीव गांधी एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने 40 की उम्र में ही भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री का पद संभाला। उनका दृष्टिकोण कुछ ऐसा था कि वह देश से भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहते थे। राजीव गांधी 1984 से 1990 तक प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत किया। उनके ही राज में टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में क्रांति की शुरुआत हुई। उनके कार्यकाल के दौरान बीएसएनएल, एमटीएनएल जैसी दूरसंचार कंपनियों की स्थापना हुई। राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति का जनक भी माना जाता है।
राजीव गांधी का परिवार
कामकाज के दौरान ही राजीव गांधी की शादी सोनिया गांधी से हुई जिनसे उनके मुलाकात कैंब्रिज में हुई थी। राजीव और सोनिया गांधी के दो बच्चे हैं जिनका नाम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी है। राहुल गांधी को हम सभी भली भांति जानते हैं जो वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष है जबकि प्रियंका गांधी भी एक मशहूर महिला है।
क्यों हुई थी हत्या?
राजीव गांधी की हत्या के पीछे कई कारण बताए जाते हैं जिनमें से एक यह बताया जाता है कि उनका उद्देश्य श्रीलंका में तमिलों के लिए एक अलग राज्य बनाना था। शुरुआत में उनके इस फैसले का कई लोगों ने समर्थन किया लेकिन धीरे-धीरे उनके लिए कई लोगों ने नाराजगी भी शुरू कर दी। जी हां.. शुरू में LTTE ने इसे स्वीकार कर लिया लेकिन बाद में इसे भारत का हस्तक्षेप मानकर भारतीय सेन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और इससे लोगों की नाराजगी बढ़ती गई। इसी बीच राजीव गांधी की हत्या की साजिश भी रची गई।
कैसे हुई थी हत्या?
21 में 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक रैली के दौरान आत्मघाती हमलावर 22 वर्षीय कलैवानी राजरत्नम (जिसे थेनमोझी राजरत्नम और धनु नाम से भी जाना जाता है) ने राजीव गांधी के पास आकर उनके पैर छुए और उन्हें माला पहनाई, इसी बीच उसने खुद को विस्फोट कर लिया। इस हमले में राजीव गांधी समेत करीब 14 लोग मारे गए थे। यह हमला इतना बड़ा था कि पूरे देश में अशांति का माहौल हो गया था और इस हमले ने हर किसी को झकझोर दिया था।
अब कहां है ये हत्यारें?
मीडिया रिपोर्ट की माने तो राजीव गांधी की हत्या के मामले में 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने करीब 7 लोगों को दोषी ठहराया था जिनमें से सभी को मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि समय के साथ उनकी सजा भी कम कर दी गई। इसी बीच 31 साल तक जेल में रहने के बाद साल 2022 में इन्हें रिहाई मिल गई। ए जी पेरारिवलन, नलिनी, टी सुथेंद्रराजा उर्फ संथन, वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन उर्फ रवि समेत 7 लोग शामिल थे। अच्छे आचरण और दया याचिकाओं के चलते इन्हें साल 2022 में रिहाई मिल गई।
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