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Thursday, April 24, 2025

राज्यपाल ने 68वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का किया शुभारंभ

लखनऊ में खेल भावना का उत्सव: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की खिलाड़ियों की सराहना

राज्यपाल ने राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता की शुरुआत
राज्यपाल ने राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता की शुरुआत

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 26 से 30 नवंबर 2024 तक आयोजित 68वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया। इस ऐतिहासिक आयोजन का आयोजन गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में किया गया, जहां 17 वर्ष तक के लगभग 3960 खिलाड़ी पूरे देश से भाग ले रहे हैं। इस प्रतियोगिता का संचालन माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त प्रयासों से हो रहा है।

राज्यपाल ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया

शुभारंभ अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास का भी एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा,

“खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है और यह व्यक्ति को अनुशासन, आत्मनिर्भरता और संघर्ष की प्रेरणा देता है।”

उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक खिलाड़ी द्वारा दौड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि ऐसे प्रदर्शन अन्य खिलाड़ियों को प्रेरित करेंगे।

खेल भावना का महत्व: “खेलेंगे तभी खिलेंगे”

राज्यपाल ने खिलाड़ियों को खेल भावना बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि खेल जीवन को अनुशासन, आत्मनिर्भरता और निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा देता है। खेल का उद्देश्य केवल जीतना नहीं बल्कि खुद को निखारना और देश को गौरवान्वित करना भी है।

“खेलते रहिए, खिलते रहिए,” यह संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि खेल में निरंतर अभ्यास और दृढ़ प्रयास ही सफलता का मूलमंत्र है।

प्रधानमंत्री का सपना और खेलो इंडिया अभियान

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खेलो इंडिया अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान देश के युवाओं को खेल के प्रति जागरूक और प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने कहा,

“आज खेल केवल मनोरंजन नहीं है, यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास का माध्यम बन चुका है।”

खेलों में बढ़ते अवसर: खेलों के लिए बेहतर सुविधाएं

आनंदीबेन पटेल ने भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि अब खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध हैं। इससे उनकी प्रतिभा को निखारने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शन करने में सहायता मिल रही है।

उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले कबड्डी और खो-खो जैसे खेल ही प्रचलित थे, लेकिन अब विभिन्न खेलों में युवा सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता का निर्देश

राज्यपाल ने खिलाड़ियों के चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा,

“चयन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का पक्षपात स्वीकार नहीं किया जाएगा। केवल होनहार प्रतिभाओं को ही अवसर मिलना चाहिए।”

खेल और सामाजिक मेलजोल

राज्यपाल ने खेल प्रतियोगिता को केवल प्रतिस्पर्धा का मंच न मानते हुए इसे आपसी संवाद और मेलजोल का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन खिलाड़ियों को एक-दूसरे की जीवनशैली, संघर्षों और अनुभवों को समझने का मौका देते हैं।

“आपसी संवाद से न केवल खेल भावना बल्कि प्रेम और सहयोग की भावना का भी विकास होगा।”

खेलों का महत्व: जीवन को प्रेरित करता है

राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता
राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता

राज्यपाल ने खिलाड़ियों से कहा कि खेल जीवन के हर क्षेत्र में संघर्ष और सफलता की प्रेरणा देता है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि राष्ट्रीय विकास के लिए भी आवश्यक है।

खिलाड़ियों के माता-पिता और शिक्षकों का योगदान

राज्यपाल ने आयोजन की सफलता के लिए खिलाड़ियों के माता-पिता, शिक्षकों और आयोजनकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इनके सहयोग से इस आयोजन को सफल बनाया गया है।

प्रतिभागियों के लिए अनुशासन और प्रेरणा

इस प्रतियोगिता में पूरे भारत से आए लगभग 3960 प्रतिभागी शामिल हैं। राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन उन्हें न केवल खेल में बेहतर प्रदर्शन करने बल्कि अनुशासन और समर्पण के गुण विकसित करने में मदद करेगा।

खेल भावना का संदेश: राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता

68वीं राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता न केवल खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा बल्कि आपसी समझ, सहयोग और प्रेरणा का भी प्रतीक है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि खेल केवल एक प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता 2024 का यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए खेल भावना और अनुशासन की महत्वता पर जोर दिया।
यह आयोजन खिलाड़ियों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ भारत को खेलों में एक सशक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में एक कदम है।

“खेलते रहिए, खिलते रहिए, और जीवन में नई ऊंचाइयां छूते रहिए।”

 

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