हरियाणा में जल्दी ही मतदान की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में वहां के तमाम नेता दल और प्रत्याशी लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी बीच विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से नाता तोड़ने वाले रणजीत सिंह चौटाला का बयान सामने आया है। दरअसल, उन्होंने बीते मंगलवार को मीडिया से बात की जिसके बाद ये अंदाजा लगाया जा रहा कि चुनाव परिणाम के बाद वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा से हाथ मिला सकते हैं। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है तो कोई नहीं जानता लेकिन हाल ही में हुए इंटरव्यू ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बारे में कुछ ऐसा कहा जिसके बाद से ही लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला..
क्या बोले रंजीत सिंह?
दरअसल, रंजीत सिंह चौटाला ने आईएएनएस से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने शब्द में कहा कि, “मैं लोगों से पूछूंगा, ये जहां कहेंगे, वहां जाएंगे। हुड्डा मेरे परम मित्र हैं, हम क्लास फेलो रहे हैं। ये पार्टियां तो कल आई हैं। मैं और हुड्डा साहब 60s से दोस्त हैं। हम चंडीगढ़ पढ़ते थे। हमारे परिवारों को बहुत पुराना प्यार है। हुड्डा साहब के फादर और मेरे पिताजी और ताऊजी ने लाहौर और मुलतान की जेलें इकट्ठा काटी हैं। ब्रिटेश टाइम से भी हमारे संबंध हैं। वो एक अलग विषय है, राजनैतिक निर्णय मैं इन लोगों (समर्थकों) से पूछकर लूंगा। इसकी बात भी मैं इनसे पूछकर करूंगा। हो सकता है उनके साथ भी चला जाऊं, मुझे जो लोग कहेंगे वो करूंगा।”
हरियाणा में सीएम पद को लेकर खलबली
वहीं हरियाणा कांग्रेस में सीएम पद को लेकर भी खलबली मची हुई है। हालाँकि मुख्यमंत्री पद का निर्णय चुनाव परिणाम के बाद राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे करने वाले हैं। ऐसे में जब रंजीत सिंह चौटाला से इसके बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि, “कौन मुख्यमंत्री बनेगा, हर आदमी की आकांक्षा है। सैलजा जी भी बनना चाहेंगे, क्यों नहीं? मेरी बड़ी बहन है, चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी भी बनना चाहेंगे। हम तीनों के अलावा कोई और साथी का भी राइट हो सकता है। यहां प्रजातंत्र है, आखिर में यह निर्णय राहुल गांधी जी और खड़गे साहब करते हैं, जो वो निर्णय करेंगे वह हम सबको स्वीकार्य होगा।”
इस दौरान रंजीत सिंह चौटाला से कुमारी सैलजा को लेकर बीजेपी के दावों से जुड़े सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा कि, “पूर्व मुख्यमंत्री मेरे लिए पिता समान हैं, उनका आदर करता हूं, उम्र की वजह से, दर्जे की वजह से, पर बचकाना बातें कर रहे हैं। सैलजा जी, कांग्रेसी थीं, हैं और रहेंगी।”
कौन है रंजीत सिंह चौटाला?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, रणजीत सिंह चौटाला पूर्व सीएम चौधरी देवीलाल के बेटे हैं। इतना ही नहीं बल्कि वह पहले इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्य थे। इसके बाद उन्होंने जनता दल और फिर कांग्रेस ज्वाइन की। साल 2019 में भी विधानसभा चुनाव बीजेपी के टिकट से उन्होंने रानिया से चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत भी मिली थी। वही मनोहर लाल खट्टर के दूसरे कार्यकाल में रणजीत सिंह चौटाला को तीन अहम मंत्रालय दिया गया था। वही साल 2005 से लेकर साल 2009 तक उन्हें हरियाणा राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष का पद संभालने का मौका मिला।
बात कीजिए उनके लोकसभा चुनाव के बारे में तो बीजेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को हिसार से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन इस दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, इस दौरान उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी से हार की चोट खाई थी। जहां जेपी ने रणजीत सिंह चौटाला को 63,381 वोट से हराया था। जेपी को 48.58 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे तो वहीं रणजीत चौटाला को केवल 43.19% वोट ही मिले थे। खैर अब हर किसी की नजर हरियाणा चुनाव पर है। ये देखना दिलचस्प होगा कि इसमें कौन बाजी मारता है?
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