रूस का यूक्रेनी शहर पर बड़ा हमला: पहली बार इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल
Russia-Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर गुरुवार को एक बड़ा हमला किया, जिसमें उसने पहली बार अपनी शक्तिशाली और लंबी दूरी की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का इस्तेमाल किया। इस हमले के बाद से दुनिया भर में चिंता का माहौल है, क्योंकि इससे परमाणु युद्ध की आशंका और बढ़ गई है। यह हमला रूस के आस्त्रखान क्षेत्र से दागी गई RS-26 Rubezh मिसाइल के द्वारा किया गया।
रूस ने पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दागी
रूस ने 21 नवंबर को यूक्रेन पर एक बड़ा हमला किया। यूक्रेनी वायुसेना ने पुष्टि की कि इस हमले में रूस ने पहली बार अपने आस्त्रखान क्षेत्र से एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का इस्तेमाल किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस ने इस हमले में RS-26 Rubezh मिसाइल का इस्तेमाल किया, जिसकी रेंज 5,800 किलोमीटर है। इस मिसाइल के साथ, रूस ने अपनी आक्रामकता को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया है।
रूस के आस्त्रखान से दागी गई मिसाइल
यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक, रूस ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल RS-26 Rubezh को अपने आस्त्रखान क्षेत्र से दागा। यह मिसाइल यूक्रेन के निप्रो शहर पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई। मिसाइल के अलावा, रूस ने किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल और केएच-101 क्रूज मिसाइलों का भी उपयोग किया। इन हमलों ने यूक्रेन के महत्वपूर्ण ढांचों और उद्यमों को निशाना बनाया।
रूस का जवाब: यूक्रेनी हमलों के बाद इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल
इस हमले से पहले, यूक्रेन ने अमेरिका और ब्रिटेन से प्राप्त लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करके रूस के अंदर कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निशाना बनाया था। इस पर रूस ने चेतावनी दी थी कि ऐसे हमले तनाव को बढ़ा सकते हैं। इसके बाद, रूस ने अपनी आक्रामकता को बढ़ाते हुए इस युद्ध में पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया।
रूस की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की क्षमता
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) की रेंज हजारों किलोमीटर होती है और इनका मुख्य उद्देश्य परमाणु हथियारों को लंबी दूरी तक पहुंचाना है। ये मिसाइलें यूक्रेन जैसे देशों में हमला करने के लिए प्रभावी रूप से इस्तेमाल की जाती हैं। RS-26 Rubezh मिसाइल, जिसे रूस ने हाल ही में दागा, में परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार के वारहेड भेजने की क्षमता है।
रूस ने यूक्रेन के निप्रो शहर को बनाया निशाना
रूस ने निप्रो शहर में स्थित महत्वपूर्ण ढांचों को निशाना बनाया। यूक्रेनी वायुसेना ने इस हमले की पुष्टि की और बताया कि इस हमले में रूस की तरफ से RS-26 Rubezh मिसाइल और अन्य मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, हमले से होने वाले नुकसान के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
यूक्रेन ने रूस के अंदर किया हमला
इस हमले से कुछ दिन पहले, यूक्रेन ने अमेरिका और ब्रिटेन से प्राप्त लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करके रूस के अंदर कुछ लक्ष्यों को निशाना बनाया था। रूस ने इस पर प्रतिक्रिया दी और चेतावनी दी कि ऐसे हमले तनाव को और बढ़ा सकते हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध: 33 महीने का संघर्ष
यह युद्ध रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में शुरू हुआ था और अब तक 33 महीने से अधिक समय बीत चुका है। युद्ध की तीव्रता को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच स्थिति और जटिल हो सकती है।
रूस का दावा: ब्रिटिश स्टार्म शैडो मिसाइलों को मार गिराया
रूस ने दावा किया कि उसकी वायु रक्षा प्रणालियों ने यूक्रेन की तरफ से दागी गई दो ब्रिटिश स्टार्म शैडो मिसाइलों को मार गिराया। इसके अलावा, रूस ने छह रॉकेट और 67 ड्रोन भी मार गिराए। हालांकि, रूस ने यह नहीं बताया कि मिसाइलों को कब और कहां रोका गया और उनका उद्देश्य क्या था।
एटमी युद्ध का खतरा बढ़ा
रूस के इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एटमी युद्ध की संभावना को लेकर चिंता और बढ़ गई है। रूस ने इस हमले में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया, जो परमाणु हथियारों को परिवहन करने के लिए डिजाइन की गई हैं। यह हमला यूक्रेन पर बढ़ती आक्रामकता को दर्शाता है, और इसके बाद दुनिया भर में परमाणु युद्ध की चिंता बढ़ गई है।
अमेरिका और ब्रिटेन की भूमिका
हाल ही में, अमेरिका के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दी थी। इसके बाद, यूक्रेन ने रूस के खिलाफ इन मिसाइलों का इस्तेमाल किया। रूस ने इस पर प्रतिक्रिया दी और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल कर यूक्रेन को जवाब दिया।
रूस का यूक्रेन पर किया गया यह बड़ा हमला और उसकी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल एक गंभीर संकेत है कि युद्ध अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है। इस हमले से यह स्पष्ट हो गया है कि रूस अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा है। दुनिया भर के देशों को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और युद्ध के समाधान के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज करना चाहिए।
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