यूपी में हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) को करारी हार का सामना करना पड़ा। 9 में से केवल 2 सीटों पर जीत दर्ज कर पाने वाली सपा ने अब निर्वाचन आयोग से उन 7 सीटों की सीसीटीवी फुटेज की मांग की है, जहां से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।

सपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि 7 विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग को उपलब्ध कराया जाए। सपा का कहना है कि इन रिकॉर्डिंग्स से मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। जिन सात सीटों की फुटेज मांगी गई है, वे हैं:
- कटेहरी
- कुंदरकी
- फूलपुर
- मझावां
- मीरापुर
- खैर
- गाजियाबाद
उपचुनाव में सपा को मिली केवल दो सीटों पर जीत
यूपी में हुए 9 विधानसभा उपचुनावों में सपा केवल सीसामऊ और करहल सीट पर ही जीत दर्ज कर पाई। सीसामऊ से सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने भाजपा के सुरेश अवस्थी को हराया, जबकि करहल सीट पर तेज प्रताप सिंह ने बीजेपी के अनुजेश सिंह को मात दी।
बीजेपी ने 6 सीटों पर दर्ज की जीत
उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सबसे अधिक 6 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके अलावा, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने एक सीट पर कब्जा जमाया। सपा के उम्मीदवार इन 7 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे, जहां से पार्टी अब फुटेज की मांग कर रही है।
सीसामऊ और करहल की फुटेज क्यों नहीं मांगी गई?
सपा ने स्पष्ट किया है कि सीसामऊ और करहल विधानसभा सीटों की सीसीटीवी फुटेज की मांग नहीं की गई है, क्योंकि इन दोनों सीटों पर पार्टी ने उपचुनाव जीता था। इससे साफ है कि सपा केवल उन सीटों की जांच करवाना चाहती है, जहां पार्टी हार गई।
सपा की मांग: पारदर्शिता या रणनीति?
सपा का यह कदम कई सवाल खड़े करता है। क्या यह मांग चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है, या पार्टी हार के कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए ऐसा कर रही है? विशेषज्ञों का मानना है कि हार के बाद सपा का यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
सपा की चिंताएं
- मतदान प्रक्रिया में गड़बड़ियां: सपा का दावा है कि इन सीटों पर मतदान प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं।
- चुनावी रणनीति में सुधार: फुटेज के माध्यम से पार्टी यह समझ सकती है कि कहां पर कमी रह गई।
- कार्यकर्ताओं का मनोबल: हार के बाद इस प्रकार की जांच कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने में सहायक हो सकती है।
बीजेपी का पलटवार
भाजपा ने सपा की इस मांग को खारिज करते हुए इसे हार छिपाने का बहाना बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि उपचुनाव में जनता ने सपा को नकार दिया है और हार की वजह पार्टी की अपनी गलतियां हैं।
सपा के लिए अगले कदम
सपा के सामने अब चुनौती है कि वह आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करे। 7 सीटों की हार के पीछे के कारणों को समझना और संगठन में सुधार करना पार्टी के लिए आवश्यक होगा।
उपचुनाव के नतीजे: पार्टी के लिए सबक
- ग्राउंड स्तर पर कमजोर पकड़: सपा का ग्रामीण इलाकों में जनाधार कमजोर होता दिखा।
- कार्यकर्ताओं की कमी: संगठन को मजबूत करना पार्टी के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।
- जनता से जुड़ाव: जनता के मुद्दों को समझना और उनसे जुड़ना जरूरी होगा।
सपा का भविष्य
सपा के लिए यह उपचुनाव एक बड़ा झटका है। हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि फुटेज की जांच से चुनाव प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों का पता चलेगा, जिससे भविष्य में रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
यूपी विधानसभा उपचुनाव में सपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 9 सीटों में से केवल 2 पर जीत दर्ज कर पाने वाली सपा ने अब निर्वाचन आयोग से 7 सीटों की सीसीटीवी फुटेज की मांग की है। यह कदम पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए है या पार्टी की रणनीति का हिस्सा, यह तो समय बताएगा। लेकिन सपा के लिए यह आवश्यक है कि वह हार के कारणों को समझे और आगामी चुनावों के लिए बेहतर तैयारी करे।
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