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Thursday, April 24, 2025

संभल हिंसा में मिले दोधारी खंजर, उपद्रवियों ने बनाई थी खतरनाक योजना

हिंसा में इस्तेमाल किए गए खतरनाक हथियारों की खोज

संभल हिंसा
संभल हिंसा

संभल में हुई हिंसा के दौरान पुलिस को उपद्रवियों द्वारा इस्तेमाल किए गए अजीब से हथियार मिले हैं। इनमें से एक प्रमुख हथियार था ‘दोधारी खंजर’, जो दोनों ओर से धारदार था और बीच में पकड़ने के लिए मूठ बनाई गई थी। पुलिस का मानना है कि यह खंजर घर में तैयार किया गया था और इसका उद्देश्य न केवल डर फैलाना था, बल्कि लोगों की जान लेना भी था। इस लेख में हम इस घटनाक्रम को विस्तार से समझेंगे और यह भी देखेंगे कि किस तरह इस हिंसा को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया।

संभल हिंसा: एक पूर्व नियोजित हमला?

हिंसा की तैयारी में जुटे उपद्रवी
संभल में हुई हिंसा को पुलिस और प्रशासन पूर्व नियोजित मान रहे हैं। उपद्रवियों ने हिंसा के लिए न सिर्फ ईंट पत्थर इकट्ठा किए थे, बल्कि खतरनाक हथियारों का निर्माण भी किया था। खासकर, ‘दोधारी खंजर’ जैसे हथियारों का इस्तेमाल यह दिखाता है कि उपद्रवी किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे। इन हथियारों में तेज धार और मूठ (पकड़ने के लिए छोर) लगी थी, जो यह सिद्ध करती है कि ये हथियार घर में ही तैयार किए गए थे।

पुलिस की खोज में मिले अजीब से हथियार

डीआईजी का पैदल मार्च
डीआईजी का पैदल मार्च

हिंसा के दौरान खदेड़े गए उपद्रवियों के जूते चप्पल और अन्य सामान के साथ पुलिस को ऐसे हथियार मिले, जिन्हें देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। ‘दोधारी खंजर’ जैसे हथियारों का इस्तेमाल हिंसा में किया गया था। इन हथियारों के दोनों ओर तेज धार होती है और बीच में मूठ होती है, जो इन्हें बेहद खतरनाक बनाती है। कुछ लोग इसे ‘हलाड़ी खंजर’ भी मान रहे हैं, जो पुराने जमाने का एक हथियार था।

संभल हिंसा में ‘दोधारी खंजर’ का महत्व

दोधारी खंजर का ऐतिहासिक संदर्भ
‘दोधारी खंजर’ एक पुराना हथियार है, जिसका इस्तेमाल एक समय में युद्धों और साजिशों में किया जाता था। हालांकि, यह हथियार अब लुप्त हो चुका था, लेकिन हिंसा के दौरान इसे पुनः देखा गया। पुलिस का मानना है कि उपद्रवियों ने इसे घर में तैयार किया था, ताकि इसका इस्तेमाल भीड़ में किया जा सके और त्वरित रूप से घातक हमला किया जा सके। इसकी तेज धार और मजबूत मूठ इसे एक बेहद खतरनाक और असरदार हथियार बनाती है।

दोधारी खंजर: एक खतरनाक हथियार
यह खंजर दोनों ओर से धारदार होता है और बीच में मूठ होती है, जिसे पकड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस तरह के हथियारों से न केवल हमला करना आसान होता है, बल्कि यह भीड़ में आसानी से इस्तेमाल किए जा सकते हैं। यह हथियार हिंसा के दौरान उपद्रवियों के हाथों में देखा गया था, जो लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार थे।

कोर्ट की ओर से मजिस्ट्रीयल जांच

मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश
संभल हिंसा में हुई मौतों के बाद डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने मजिस्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में डिप्टी कलेक्टर दीपक चौधरी को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच में वीडियो, फोटो और अन्य सबूतों को 28 नवंबर को प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। इस जांच का उद्देश्य हिंसा के कारणों और इसकी पूर्व तैयारी की जांच करना है, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

संभल हिंसा की गंभीरता
संभल हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी, और पुलिस का मानना है कि यह पूरी तरह से एक योजनाबद्ध हमला था। उपद्रवियों के पास ऐसे हथियार थे जो किसी भी पल लोगों को घायल कर सकते थे। पुलिस की खोज में यह भी पता चला कि हिंसा के दौरान फायरिंग और पथराव किया गया था, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई थी।

पुलिस प्रशासन का कदम: शांति बनाए रखने की कोशिश

डीआईजी का पैदल मार्च और अफवाहों पर रोक
संभल हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए। डीआईजी ने पुलिस बल के साथ पैदल मार्च किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके साथ ही, अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी गई, ताकि स्थिति और न बिगड़े। इसके अलावा, त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों ने भी शहर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और लोगों को बिना डर के शांति बनाए रखने का भरोसा दिलाया।

आरएफएफ, पीएसी की तैनाती
संभल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने आरएफएफ और पीएसी जैसी अन्य सुरक्षा बलों को पहले ही तैनात कर दिया था। इन बलों का मुख्य उद्देश्य हिंसा और अशांति को रोकना था। शहर में सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए इन बलों को तैनात किया गया था, ताकि किसी भी तरह की नई हिंसा को रोका जा सके।

आगे की कार्रवाई और पुलिस प्रशासन की तैयारी

संभल
संभल

संभल हिंसा ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है, और पुलिस अब इस हिंसा के सभी पहलुओं की जांच में जुटी हुई है। ‘दोधारी खंजर’ जैसे खतरनाक हथियारों का मिलना यह साबित करता है कि उपद्रवी किसी बड़े हिंसक इरादे से जुटे थे। पुलिस का यह मानना है कि यह हमला पूर्व नियोजित था और इसके लिए उपद्रवियों ने काफी समय पहले से तैयारी की थी।

अभी पुलिस प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और अधिकारियों द्वारा जांच चल रही है। आने वाले समय में उम्मीद जताई जा रही है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी और इस तरह की हिंसा को रोका जा सकेगा।

 

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