संभल हिंसा और बांग्लादेश घटना पर सीएम योगी का बड़ा बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अयोध्या के रामकथा पार्क में 43वें रामायण मेला के उद्घाटन के दौरान संभल हिंसा और बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने दोनों घटनाओं को एक जैसा बताते हुए कहा कि इन घटनाओं में शामिल लोगों का डीएनए एक ही है। मुख्यमंत्री के इस बयान ने समाज और राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है।
हनुमानगढ़ी और रामजन्मभूमि के दर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकथा पार्क में आयोजित चार दिवसीय रामायण मेला का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने हनुमानगढ़ी और रामजन्मभूमि जाकर दर्शन-पूजन भी किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय संस्कृति और प्रभु राम के आदर्शों पर जोर देते हुए कहा कि प्रभु राम का जीवन प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
500 साल पुरानी घटनाओं से तुलना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा की तुलना 500 साल पहले बाबर के अयोध्या कुंभ में किए गए कृत्य से की। उन्होंने कहा,
“याद कीजिए, 500 साल पहले बाबर के आदमी ने अयोध्या कुंभ में क्या किया था। संभल में भी वही हुआ और बांग्लादेश में भी यही हो रहा है। इन सभी घटनाओं की प्रकृति और डीएनए एक ही है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जो तत्व बांग्लादेश में सामाजिक एकता को तोड़ रहे हैं, वे भारत में भी सक्रिय हैं और ऐसे लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है।
समाजवादी विचारधारा पर टिप्पणी
रामकथा पार्क में दिए गए अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रसिद्ध समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया को याद किया। उन्होंने कहा,
“डॉ. लोहिया ने भारतीय संस्कृति और राम, कृष्ण एवं शिव की महत्ता को समझा और स्वीकारा था। लेकिन आज के समाजवादी परिवारवाद की राजनीति कर रहे हैं। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों को पूरी तरह भुला चुके हैं।”
योगी ने यह भी कहा कि जो राम का नहीं है, वह हमारे किसी काम का नहीं हो सकता।
सामाजिक एकता और देशभक्ति पर जोर
मुख्यमंत्री ने समाज में व्याप्त विभाजनकारी तत्वों पर चिंता जताते हुए कहा कि कुछ लोग विदेशी संपत्तियों में रुचि रखते हैं और संकट के समय देश छोड़कर भाग सकते हैं। उन्होंने कहा,
“जो लोग समाज की एकता को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे सावधान रहना जरूरी है। यदि हम प्रभु राम के आदर्शों को अपनाएंगे, तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा।”
योगी ने श्री राम और मां जानकी के प्रति श्रद्धा और समर्पण को समाज के लिए आवश्यक बताया।
रामायण मेला को वैश्विक पहचान दिलाने का संकल्प
रामकथा पार्क में आयोजित रामायण मेला को लेकर मुख्यमंत्री ने इसे वैश्विक पहचान दिलाने का संकल्प जताया। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेश आचार्य ने दीपावली को वैश्विक महापर्व के रूप में स्थापित करने की तरह रामायण मेले को भी विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने इस अपील पर हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
प्रभु राम के आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील
मुख्यमंत्री ने कहा कि रामायण न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह समाज और व्यक्ति को सही दिशा दिखाने का माध्यम भी है। उन्होंने श्री राम के जीवन को हर व्यक्ति के लिए अनुकरणीय बताया और कहा,
“पिता की आज्ञा का पालन करते हुए राज्य का परित्याग कर वन जाना प्रभु राम के आदर्शों को दर्शाता है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।”
500 साल बाद भी इतिहास का प्रभाव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में कहा कि बाबर के सैनिकों ने जो 500 साल पहले अयोध्या में किया था, वही काम आज बांग्लादेश और संभल में देखने को मिल रहा है। उन्होंने सामाजिक एकता को बनाए रखने और विभाजनकारी तत्वों से सावधान रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल संभल हिंसा और बांग्लादेश की घटनाओं पर प्रकाश डालता है, बल्कि समाज और राजनीति के लिए एक गंभीर चेतावनी भी देता है। उन्होंने रामायण मेले के माध्यम से भारतीय संस्कृति और प्रभु राम के आदर्शों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प लिया। प्रभु राम के आदर्श आज भी समाज को एकता और प्रेरणा प्रदान करते हैं, और इन्हें अपनाकर समाज को बेहतर दिशा दी जा सकती है।
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