संभल के लक्ष्मण गंज मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में एक जमींदोज हो चुकी प्राचीन बावड़ी की खुदाई चौथे दिन रंग लाई है। खुदाई के दौरान मिट्टी हटाने पर छिपे कमरे और सीढ़ियां स्पष्ट रूप से नजर आने लगी हैं। बुलडोजर की जगह अब फावड़ों से सावधानीपूर्वक खुदाई की जा रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि अवैध निर्माण पाए जाने पर उसे हटाया जाएगा।

खुदाई में सामने आए छिपे कमरे और सीढ़ियां
लक्ष्मण गंज क्षेत्र में 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनी प्राचीन बावड़ी को अस्तित्व में लाने का काम जारी है। चौथे दिन की खुदाई में मिट्टी में छिपे कमरे और सीढ़ियां नजर आने लगी हैं। स्थानीय प्रशासन ने फावड़ों की मदद से खुदाई का काम तेज कर दिया है।
खुदाई के इस काम में दो दर्जन मजदूर लगे हुए हैं। उम्मीद है कि अगर इसी गति से काम चलता रहा तो एक हफ्ते के भीतर पूरी बावड़ी स्पष्ट रूप से सामने आ जाएगी।
मंदिर की भूमि पर हुआ नपाई कार्य
लक्ष्मण गंज में स्थित बांके बिहारी मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायतें मिलने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह और राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर जाकर मंदिर की भूमि की नपाई की।
शिकायत के अनुसार, मंदिर के नाम लगभग 14 बीघा जमीन दर्ज है, लेकिन इसमें से कई बीघा पर अवैध निर्माण हो चुका है।
प्राचीन बावड़ी को अस्तित्व में लाने की मांग
बीते शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में हिंदू नेता कौशल किशोर वंदेमातरम ने डीएम को पत्र देकर बावड़ी और बांके बिहारी मंदिर को पुनः अस्तित्व में लाने की मांग की थी। उन्होंने शिकायत की थी कि कुछ लोगों ने मंदिर की मूर्तियों को हटा दिया है और मंदिर का ढांचा भी क्षतिग्रस्त कर दिया है।
इस शिकायत के बाद डीएम डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा और तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह को मौके पर जाकर जांच और कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
शनिवार को शुरू हुई खोदाई

शनिवार को बुलडोजर की मदद से बावड़ी की खुदाई का काम शुरू हुआ, लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण काम रोक दिया गया। इसके बाद रविवार से लगातार खुदाई और मिट्टी हटाने का काम चल रहा है। नक्शे के अनुसार, बावड़ी 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली थी, लेकिन वर्तमान में केवल 210 वर्ग मीटर जमीन पर ही इसका अस्तित्व नजर आ रहा है।
प्रशासन का कहना है कि बाकी जमीन पर आसपास के लोगों ने पक्का निर्माण कर लिया है, जिसे अवैध घोषित कर हटाया जाएगा।
डेढ़ सौ वर्ष पुराना बांके बिहारी मंदिर
लक्ष्मण गंज क्षेत्र में स्थित बांके बिहारी मंदिर को करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर के खंडहर में तब्दील हो जाने और भूमि पर कब्जे की शिकायत के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू की।
मंगलवार को तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने मंदिर स्थल का दौरा कर भूमि की नपाई कराई। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जा कर मकान बनाए गए हैं।
जिला प्रशासन की सख्ती
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बावड़ी और मंदिर की जमीन पर अवैध निर्माण पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत न केवल अवैध निर्माण हटाए जाएंगे बल्कि प्राचीन धरोहरों को भी संरक्षित किया जाएगा।
स्थानीय लोगों का समर्थन
स्थानीय लोग भी प्रशासन की इस कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं। उनका कहना है कि बावड़ी और मंदिर की खोई हुई धरोहर को पुनः अस्तित्व में लाने से क्षेत्र की पहचान मजबूत होगी।
प्राचीन धरोहरों का संरक्षण आवश्यक

बावड़ी और बांके बिहारी मंदिर जैसे प्राचीन स्थलों का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए जरूरी है बल्कि यह भावी पीढ़ियों को भी हमारे इतिहास से परिचित कराएगा।
संभल के लक्ष्मण गंज में चल रही बावड़ी की खुदाई और मंदिर भूमि की नपाई कार्य प्रशासन की सकारात्मक पहल है। यह कार्रवाई प्राचीन धरोहरों को पुनः अस्तित्व में लाने और अवैध निर्माण हटाने के उद्देश्य से की जा रही है। उम्मीद है कि यह प्रयास क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करेगा।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।