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Saturday, March 15, 2025

सोनिया गांधी की गलती से कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा खतरे में; जानें क्या हुआ था?

सोनिया गांधी की गलती से कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा खतरे में

कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा
कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा

2003 के विधानसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा एक गंभीर विवाद का केंद्र बन गया। यह किस्सा उस समय का है जब सोनिया गांधी की एक गलती ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया। चुनाव आयोग ने इस गलती के कारण कांग्रेस पार्टी को नोटिस भेजा, जिसके बाद पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा खतरे में पड़ गया। आइए जानते हैं इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी।

कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा क्यों हुआ खतरे में?

सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने कई राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ा था। 2003 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा खतरे में पड़ गया जब पार्टी द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। खास तौर पर छत्तीसगढ़ में यह मुद्दा गर्माया था, जहां कांग्रेस ने सरकारी विमान का चुनाव प्रचार में उपयोग किया था।

चुनाव आयोग का नोटिस

चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी के खिलाफ शिकायतों के बाद नोटिस जारी किया। यह शिकायतें विपक्षी दलों की ओर से आई थीं, जिन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया था। इसके बाद, चुनाव आयोग ने सोनिया गांधी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अजीत जोगी को दोषी ठहराया और कांग्रेस के राष्ट्रीय दर्जे पर सवाल उठाया।

सरकारी विमान का प्रचार में इस्तेमाल

चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सोनिया गांधी ने 10-11 अक्टूबर को सरकारी विमान से चुनाव प्रचार किया था। इसके बाद, आयोग ने कांग्रेस से यह पूछा कि क्यों न उसकी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता रद्द कर दी जाए। इस मुद्दे ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया, और पार्टी को स्पष्टीकरण देना पड़ा।

चुनाव आयोग की कार्रवाई

चुनाव आयोग ने कांग्रेस के खिलाफ इस शिकायत पर गंभीरता से विचार किया और नोटिस भेजा। इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। अंततः कांग्रेस ने चुनाव आयोग को संतोषजनक स्पष्टीकरण दिया, जिसके बाद पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा बचा।

क्या है चुनाव आचार संहिता?

चुनाव आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के दौरान लागू होती है, जिसका उद्देश्य निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना होता है। इस दौरान, सरकारी कर्मचारियों को चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत काम करना होता है। सरकार को कोई नई घोषणा करने या सरकारी खर्च से किसी पार्टी का प्रचार करने की अनुमति नहीं होती।

सोनिया गांधी की गलती ने 2003 के चुनाव में कांग्रेस को संकट में डाल दिया था। चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिस और आचार संहिता के उल्लंघन के कारण कांग्रेस का राष्ट्रीय दर्जा खतरे में आ गया था। हालांकि, पार्टी ने स्थिति को संभालते हुए स्पष्टीकरण देकर अपना राष्ट्रीय दर्जा बचाया।

 

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