महाराष्ट्र में महायुति का दावा: बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस होंगे मुख्यमंत्री
!['सुबह-शाम शपथ का अनुभव', अजित पवार पर शिंदे का तंज](https://sampurnhindustan.in/wp-content/uploads/2024/12/सुबह-शाम-शपथ-का-अनुभव-अजित-पवार-पर-शिंदे-का-तंज-e1733316398478-300x142.jpg)
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई हलचल मच गई है, जब महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को गुरुवार शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए चुना गया है। इसके बाद महायुति के नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें कई चौंकाने वाले बयान सामने आए।
एकनाथ शिंदे का सीएम पद पर सस्पेंस
राज्य की राजनीति में एक सबसे बड़ा सवाल था कि एकनाथ शिंदे महायुति सरकार में शामिल होंगे या नहीं। फडणवीस ने शिंदे से सरकार में शामिल होने की गुजारिश की, लेकिन शिंदे ने इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। इसका मतलब यह था कि शिंदे के निर्णय ने राजनीति में एक नया सस्पेंस पैदा कर दिया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मजाकिया माहौल
![एकनाथ शिंदे](https://sampurnhindustan.in/wp-content/uploads/2024/12/एकनाथ-शिंदे-300x169.avif)
महायुति के नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो सबसे दिलचस्प पल आया, वह था जब एक पत्रकार ने एकनाथ शिंदे से शपथ लेने के बारे में सवाल किया। शिंदे ने जवाब दिया कि इसके लिए “शाम तक इंतजार करना होगा।” इस पर एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार ने मजाकिया अंदाज में कहा, “शाम तक शिंदे का फैसला पता चलेगा, लेकिन मैं तो शपथ लेने वाला हूं।”
इसके बाद एकनाथ शिंदे ने जवाब दिया, “दादा (अजित पवार) को सुबह और शाम दोनों वक्त शपथ लेने का अनुभव है। वह दोनों वक्त शपथ लेना जानते हैं।” शिंदे का यह बयान प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी लोगों को हंसी में डाल दिया। इस मजेदार माहौल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को और भी रोचक बना दिया।
अजित पवार और शिंदे के बीच मजेदार संवाद
अजित पवार और एकनाथ शिंदे के बीच हुए इस मजाकिया संवाद ने ना केवल प्रेस कॉन्फ्रेंस को हल्का-फुल्का बना दिया, बल्कि यह सवाल भी उठाया कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ और अप्रत्याशित घटनाएं घट सकती हैं। दोनों नेताओं के बीच यह हल्का-फुल्का पल राजनीति की गंभीरता में थोड़ी राहत लेकर आया।
फडणवीस का नेतृत्व और शिंदे का भविष्य
बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद से यह साफ हो गया था कि वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, महायुति के भीतर शिंदे के भविष्य पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। शिंदे का सरकार में शामिल होना या नहीं, यह सवाल महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है।
महायुति के नेताओं के बीच राजनीतिक तकरार
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही है कि महायुति के भीतर की तकरार ने सत्ता के समीकरण को और जटिल बना दिया है। शिंदे के बयान और अजित पवार के हल्के-फुल्के रिएक्शन ने इस तकरार को और गहरा कर दिया है। हालाँकि, शिंदे के बयान ने महायुति में हलचल जरूर मचाई है, लेकिन फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया अब अपनी अंतिम अवस्था में पहुँच चुकी है।
महायुति के भविष्य की दिशा
अब सवाल यह उठता है कि महायुति सरकार को लेकर आगे क्या होगा? क्या शिंदे महायुति में रहेंगे या नई दिशा अपनाएंगे? इस सवाल का जवाब जल्द ही सामने आएगा, क्योंकि राजनीतिक फैसले और बयानों से राजनीतिक माहौल बदलता रहता है।
राज्यपाल से मुलाकात और सरकार बनाने का दावा
महायुति के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, और अब यह देखना है कि राज्यपाल इस दावे पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। इससे पहले महाराष्ट्र में कई बार सत्ता के लिए गठबंधन बने थे, और अब यह स्थिति फिर से एक नई दिशा में बढ़ रही है।
शिंदे और पवार का बयान: राजनीति में हलचल का कारण
शिंदे और अजित पवार के बयानों ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को राजनीति में हलचल का कारण बना दिया। जहां एक ओर शिंदे के बयान ने मीडिया में चर्चा पैदा की, वहीं पवार का मजाकिया अंदाज भी सुर्खियों में आया। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई।
महाराष्ट्र की राजनीति में क्या होगा अगला कदम?
महाराष्ट्र की राजनीति में आगे क्या होगा, यह भविष्य के घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। महायुति के नेताओं के बीच कोई और बयान या निर्णय अगर आता है, तो यह राजनीति में एक नई दिशा को जन्म दे सकता है। फिलहाल, फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया चल रही है, और शिंदे का भविष्य भी स्पष्ट होने की उम्मीद है।
![बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस](https://sampurnhindustan.in/wp-content/uploads/2024/12/बीजेपी-के-देवेंद्र-फडणवीस-300x169.avif)
महाराष्ट्र में महायुति के नेताओं द्वारा राज्यपाल से मुलाकात और सरकार बनाने के दावे के बाद राजनीति में जो हलचल मची है, उसमें अजित पवार और शिंदे के बयानों ने एक नया मोड़ लिया है। फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले, शिंदे का भविष्य और पवार का मजाकिया बयान राजनीति की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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