महाकुंभ-2025: विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
लखनऊ! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को एक मीडिया समूह के संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने सभी को संविधान दिवस की बधाई देते कहा कि भारत का संविधान जिन तीन पिलर्स पर स्थित है उसका आधार ही संवाद है। सीएम ने यहां आगामी महाकुंभ-2025 को लेकर सरकार के कार्यों, प्रयासों की विस्तृत जानकारी देते यूपी में साढ़े सात वर्ष में हुए सकारात्मक बदलाव की भी चर्चा की। सीएम ने कहा कि स्वच्छ कुंभ के साथ डिजिटल कुंभ के भी दर्शन होंगे।
महाकुंभ-2025 की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक मीडिया कार्यक्रम में इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियों का जिक्र करते हुए कहा कि यह कुंभ स्वच्छता और तकनीकी के मामले में एक नई मिसाल पेश करेगा। इस बार श्रद्धालुओं को स्वच्छ कुंभ के साथ-साथ डिजिटल कुंभ के भी दर्शन होंगे।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ
प्रयागराज में होने वाला यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से स्नान शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा। इस दौरान शाही स्नान सहित प्रमुख स्नान पर्व आयोजित होंगे।
प्रमुख स्नान तिथियां:
- 13 जनवरी: पौष पूर्णिमा
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति (शाही स्नान)
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी
- 12 फरवरी: माघ पूर्णिमा
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि
45 दिन में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार 45 दिनों में 35-40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने प्रयागराज को फोर और सिक्स लेन सड़कों से जोड़ने की तैयारी की है। इसके साथ ही महाकुंभ का क्षेत्रफल 3200 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर किया गया है। यह आयोजन 25 सेक्टरों में विभाजित होगा।
पहले कुंभ मेले के प्रभारी मंत्री का दायित्व ऐसे लोगों को मिलता था, जिनके भीतर श्रद्धा तक नहीं थी
सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज कुंभ की बात करें तो लगता था कि हम सबने कुंभ को गंदगी, भगदड़ व अव्यवस्था का पर्याय बना दिया था। कुंभ मेले के प्रभारी मंत्री का दायित्व भी ऐसे लोगों को दिया जाता था, जिन लोगों में श्रद्धा, परंपरा, संस्कृति व विरासत के प्रति का सम्मान नहीं था, लेकिन हमने विरासत के प्रति सम्मान, श्रद्धा का भाव रखा। प्रयागराज कुंभ की व्यवस्था को देखकर पीएम मोदी जी की प्रेरणा से 2019 में यूनेस्को ने मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में कुंभ को मान्यता दी है।
45 दिन में 35-40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
सीएम ने विकास, विरासत व महाकुंभ को लेकर हो रहे मीडिया समूह के इस कार्यक्रम को सकारात्मक सोच का परिचायक बताया। सीएम ने महाकुंभ-2025 को लेकर सरकार की तैयारियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर कार्य कर रही है। 2019 कुंभ में 23-24 करोड़ श्रद्धालु आए थे। इस बार 45 दिन में 35-40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। वायु, रेल के साथ ही सड़क मार्ग के जरिए प्रयागराज फोर व सिक्स लेन से जुड़ सके। इसकी तैयारी भी युद्ध स्तर पर चल रही है। कुंभ के क्षेत्रफल में भी विस्तार किया गया है। 2019 कुंभ का क्षेत्रफल 3200 हेक्टेयर था, 2025 महाकुंभ का क्षेत्रफल 4000 हेक्टेयर में होगा। इसे 25 सेक्टर में विभाजित किया है। इसके अलावा पार्किंग की भी सुविधा होगी। सरकार इंतजाम कर रही है कि संगम तट तक पहुंचने के लिए डेढ़-दो किमी. से अधिक की यात्रा न करनी पड़े। सरकार ने अलग-अलग रूट पर 1850 हेक्टेयर से अधिक में पार्किंग स्थल चिह्नित किया है। यह स्थल संगम तट से दो से पांच किमी. के दायरे में होंगे। वहां से इलेक्ट्रॉनिक, परिवहन निगम के 7000 बस से कुंभ स्थल तक लाने की व्यवस्था होगी।
14 आरओबी का किया जा रहा निर्माण
सीएम योगी ने बताया कि 2019 कुंभ में 9 रोड फ्लाईओवर व 6 अंडरपास बनाए गए थे। इस बार 14 रोड ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है। गत कुंभ में चार पक्के घाट थे, महाकुंभ में 9 पक्के स्नान घाट बनाए जा रहे हैं। इन पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। 30 नवंबर तक इन कार्यों को संपन्न कर लिया जाएगा। रिवर फ्रंट का भी निर्माण हो रहा है। 2019 में अस्थायी घाट 8 किमी. के थे, इस बार 12 किमी. के होंगे। इस बार 550 शटल बस लगाई जाएंगी। बस स्टैंड भी सात स्थान पर बनाए गए हैं। सड़क चौड़ीकरण के दृष्दिगत सिंगल लेन को डबल लेन, टू लेन की सड़क फोर, फोर लेन को सिक्स लेन बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
स्वच्छ कुंभ के साथ होंगे डिजिटल कुंभ के दर्शन
सीएम योगी ने कहा कि 2014 के पहले गंगा की पहचान गांगेय डॉल्फिन थी, वह समाप्त हो गई थी। अब फिर से वह देखने को मिली थी। अब कोई भी ड्रेनेज, सीवर गंगा जी में नहीं जाएगा। श्रद्धालुओं को अविरल व निर्मल गंगा के दर्शन होंगे। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अस्थायी रूप से नए हॉस्पिटल का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। गवर्नमेंट हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज को विशेष रूप से तैयार किया गया है। 2019 के कुंभ में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की पुख्ता व्यवस्था की गई थी। उस समय 1.14 लाख शौचालय बनाए थे। इसकी नियमित सफाई होती थी। 2025 महाकुंभ में डेढ़ लाख शौचालय बनाए जा रहे हैं। स्वच्छ कुंभ के साथ डिजिटल कुंभ के भी दर्शन होंगे। डिजिटल स्वच्छता, सुरक्षा, डिजिटल पार्किंग व कुंभ की पूरी मैपिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कुंभ को न केवल स्वच्छ बल्कि डिजिटल अनुभव से लैस किया जाएगा। डिजिटल पार्किंग, कुंभ क्षेत्र की मैपिंग और सुरक्षा की सुविधाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी। डिजिटल तकनीक का उपयोग श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
स्वच्छता की पुख्ता व्यवस्था:
- डेढ़ लाख शौचालय बनाए जाएंगे।
- जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की पुख्ता योजना।
- नियमित सफाई के लिए विशेष टीम।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
महाकुंभ में श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार अस्थायी हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेजों को तैयार कर रही है। साथ ही, इमरजेंसी सेवाओं के लिए आधुनिक उपकरण और चिकित्सकों की टीम मौजूद रहेगी।
पर्यावरण संरक्षण के उपाय
महाकुंभ-2025 को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस आयोजन में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सौर ऊर्जा और एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल होगा।
महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कदम:
- 67000 एलईडी स्ट्रीट लाइट्स।
- 2000 सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट्स।
- 1249 किमी लंबी पेयजल पाइपलाइन।
- 200 वॉटर एटीएम और 85 नलकूप।
प्रवेश और पार्किंग की सुविधाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है। संगम तट के पास 1850 हेक्टेयर में पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जो संगम से 2-5 किमी की दूरी पर होंगे। यहां से श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रॉनिक बसों के माध्यम से कुंभ स्थल तक पहुंचाया जाएगा।
आवास और टेंट की व्यवस्था
महाकुंभ में इस बार 1.60 लाख टेंट की व्यवस्था की गई है। यह संख्या पिछले आयोजन से दोगुनी है। टेंट सिटी को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
2025 महाकुंभ में 1.60 लाख टेंट की हो रही व्यवस्था
सीएम योगी ने बताया कि गत वर्ष 80 हजार श्रद्धालुओं व संस्थाओं के लिए टेंट की व्यवस्था थी। इस बार यह बढ़कर दोगुनी यानी 1.60 लाख हो गई है। कार्बन उत्सर्जन न हो, इसकी भी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। पिछले कुंभ में 40,700 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगी थी, इस बार लगभग 67000 एलईडी, 2000 सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट व दो नए विद्युत सब स्टेशन लगाए जा रहे हैं। शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 1249 किमी. पेयजल पाइप लाइन व 200 वॉटर एटीएम व 85 नलकूप स्थापित करने की कार्रवाई चल रही है। सीएम योगी ने विश्वास जताया कि प्रयागराज महाकुंभ विरासत, विकास व भारत की सनातन धर्म की परंपरा को नई पहचान देने का नया अभियान होगा।
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