ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में सोमवार से चल रहा है जूनियर शिक्षक संघ का आंदोलन
बहराइच। ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में चल रहा जूनियर शिक्षक संघ आंदोलन रविवार को छठवें दिन भी जारी रहा। आंदोलन के दौरान किसी भी शिक्षक कर्मचारी शिक्षामित्र अनुदेशक अनुचर ने ऑनलाइन कोई कार्य नहीं किया। इस बीच शिक्षक संकुल के इस्तीफो का दौर चालू रहा। विभिन्न विकास खंडो के शिक्षकों ने संकुल कार्य करने से मना किया और इस्तीफा दिया। फखरपुर महसी के बाद रिसिया,नवाबगंज और चित्तौरा के शिक्षकों ने संकुल कार्य से अपने को अलग कर लिया। शिक्षकों का कहना है कि अब वह शिक्षण के अतिरिक्त कोई कार्य नहीं करेंगे उनकी नियुक्ति शिक्षण के लिए हुई है।जूनियर शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष एवं शिक्षक शिक्षमित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संयोजक विद्यविलास पाठक ने बताया कि अधिकारियों द्वारा मोबाइल चेक किए जा रहे हैं उसके आधार पर निलंबन किया जा रहा है जबकि समस्त विभागीय कार्य वह अपने निजी मोबाइल से कर रहे हैं ऐसे में अपना निजी मोबाइल भी कार्रवाई का कारण बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर विभागीय अधिकारियों ने उत्पीड़न बंद न किया तो सभी शिक्षकों से अपील की जाएगी कि वह विद्यालय समय में मोबाइल न लेकर जाएं और न उसका कोई उपयोग करें। मोर्चा संयोजक श्री पाठक ने बताया कि यदि विभाग के अधिकारी उत्पीड़न की कोई कार्यवाही करें तो शिक्षक तुरंत संगठन को अवगत कराएं। कुछ अधिकारी दबाव बनाकर भय दिखाकर शिक्षकों से ऑनलाइन हाजिरी दिलाना चाहते हैं जो स्वीकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि बहराइच में बहिष्कार शत् प्रतिशत सफल है। कुछ लोग इसे तोड़ना चाहते हैं लेकिन हम सब की एकता टूटने वाली नहीं है। मोर्चा के पदाधिकारियों ने अपनी बात जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन के माध्यम से पहुंचाई है और उनसे अपेक्षा की है कि वह हम लोगों की बात मुख्यमंत्री तक प्रभावी रूप में पहुंचाएं। हमारा संघर्ष जनहित और छात्र हित में है कुछ लोग शिक्षकों को बदनाम करना चाहते हैं कि वह हाजिरी नहीं देना चाहते हम हाजिरी दे रहे हैं और आगे भी देंगे, लेकिन हम भी भारत के नागरिक हैं और सभ्य नागरिक बनाते हैं हमारा भी इस देश पर कुछ अधिकार है तानाशाही का विरोध शिक्षक नहीं करेगा तो कौन करेगा ? यह तानाशाही रवैया महानिदेशक का नहीं चलेगा जो पूर्ण रूप से नियम विरुद्ध एवं अव्यवहारिक है।