बहराइच। अपनी नौकरी पर संकट मंडराता देख चिलवरिया चीनी मिल के कर्मचारियों द्वारा शुक्रवार को शुरू किया गया कार्य बहिष्कार शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रखा गया। कर्मचारियों ने चीनी मिल परिसर के बाहर धरना- प्रदर्शन के बजाय अन्दर कार्य बहिष्कार जारी रखा। नतीजा यह रहा कि चीनी मिल का कोई कार्य नहीं हुआ और जरूरतमंद किसान इधर उधर भटकते रहे।ज्ञात हो कि चिलवरिया चीनी मिल पर करोड़ों रुपये बैंकों का बकाया है, जिसकी अदायगी समय पर न होने चलते बैंक अदालत की शरण में गए थे, जहां से उन्हें राहत मिली। संभवतः चीनी मिल का संचालन बैंकों के नियंत्रण में चले जाने की आशंका के मद्देनजर कर्मचारियों व किसानों द्वारा मिल गेट पर शुक्रवार प्रातः संयुक्त रूप से धरना- प्रदर्शन शुरू किया गया था, जो शनिवार को भी जारी रहा। कार्य बहिष्कार के चलते चीनी मिल में कोई कार्य नहीं हुआ, जिससे मिल की काफी हानि हुई। बताते चलें कि चिलवरिया चीनी मिल के कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय किसान भी उग्र होकर धरना- प्रदर्शन में शामिल हो गए और उन्होंने मिल गेट पर बैंक प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।ज्ञात हो कि चिलवरिया चीनी मिल के अधिकांश कर्मचारी स्थानीय हैं और उनमें से ज्यादातर किसान भी हैं। इसी के चलते शुक्रवार को धरना- प्रदर्शन देखते ही देखते काफी उग्र हो गया था। दूसरे दिन भी मिल प्रबन्धन द्वारा कर्मचारियों से वार्ता कर कार्य पर वापस जाने की अपील की गई, परन्तु अपील बेनतीजा रही और कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार जारी रखा। इस धरना-प्रदर्शन के कारणों के बारे में जब कर्मचारियों व किसानों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मिल संचालन बैंकों के नियंत्रण में चले जाने से कर्मचारी व किसान दोनों प्रभावित होंगे, क्योंकि कर्मचारी व किसान दोनों ही बैंकों के कर्जदार हैं और बैंक अपने कर्जे की वसूली अवश्य करेगा, ऐसे में बैंकों के इस कर्मचारी व किसान विरोधी कदम का विरोध करते हुए धरना- प्रदर्शन शुरू किया गया है, जो इस फैसले के वापस न होने तक जारी रहेगा।इस सम्बन्ध में जब चीनी मिल के सीजीएम डॉ. सुनील कुमार डींगरा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बकाया सेटलमेंट का प्रयास मिल प्रबन्धन द्वारा किया गया था, जिस पर बैंकों के असहमत होने के चलते यह स्थिति बनी है और ऐसी स्थिति में यह कदम कर्मचारियों व किसानों दोनों के हितों के विपरीत साबित होगा। उनसे जब स्थिति और स्पष्ट करने की बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय का होने के चलते इस पर और कुछ नहीं कहा जा सकता।धरना -प्रदर्शन के दौरान दिनेश प्रताप सिंह, रामेन्द्र प्रताप सिंह, अनिल सिंह, पंकज सिंह, आशीष सिंह, अनूप तिवारी, धनञ्जय मौर्य, शैलेश प्रताप सिंह, हरिहर सिंह,अनूप कुमार सिंह, विश्वरूप मिश्र, करुणाकर पाण्डेय, अनिल कुमार मिश्र, महेन्द्र प्रताप सिंह, कैलाश यादव, सिद्दार्थ पाण्डेय अनिल कुमार सिंह,जीतेन्द्र वर्मा, परशुराम सिंह व घनश्याम सिंह सहित सैकड़ों कर्मचारी व किसान मौजूद रहे।