ट्रांसजेंडर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह-2024 में दिखी संवेदनशीलता जी झलक
समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया प्रदेश का प्रथम ट्रांसजेंडर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह।
Sachin Chaudhary Lucknow समाज की मुख्य धारा में आकर देश की प्रगति में योगदान दे रहा ट्रांसजेंडर समुदाय बयान- “योगी सरकार समाज के हर व्यक्ति को समान रूप से विकास के अवसर प्रदान कर रही है। इसी कड़ी में ट्रांसजेंडर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया गया है। हमारा प्रयास है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज में सम्मान जनक स्थान मिले एवं समाज की मुख्य धारा में आकर वह अपने एवं देश के विकास में अपनी भूमिका निभा सकें। असीम अरुण समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर प्रदेश।
लखनऊ शुक्रवार को भागीदारी भवन गोमती नगर लखनऊ के प्रेक्षागृह में भारत का प्रथम ट्रांसजेंडर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम 2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत असीम अरुण समाज कल्याण राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। कार्यक्रम के दौरान सोनम चिश्ती उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड, डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव, समाज कल्याण कुमार प्रशांत, निदेशक समाज कल्याण, महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि, देविका देवेंद्र एस मंगलामूखी , सदस्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के साथ ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रमुख हस्तियों ने प्रतिभाग किया गया। संवेदनशीलता और सम्मान के साथ मौलिक अधिकारों पर हुई चर्चा।
कार्यक्रम के दौरान महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के द्वारा लिखित पुस्तक ‘मैं हिजड़ा मैं लक्ष्मी’ पर चर्चा के दौरान कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए अच्छा काम कर रही है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और वो अपने परम्परागत आय के साधन छोड़ कर नए व्यवसाय अपना रहे हैं और समाज और देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं।
इस अवसर पर ट्रांसजेंडर पहचान प्रमाण पत्र और उसके लाभ पर चर्चा की गई। सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संचालित स्माइल योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ, गरिमा गृह, आयुष्मान प्लस कार्ड, छात्रवृत्ति इत्यादि का लाभ लेने की प्रक्रिया पर विमर्श किया गया।
कार्यक्रम के दौरान साहित्य, कला एवं संगीत के माध्यम से ट्रांसजेंडर समुदाय को मुख्य धारा पर लाने पर परिचर्चा हुई। कविता पाठ, नुक्कड़ नाटक, नृत्य नाटिका, रैंप वॉक, भावाभिव्यक्ति द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय ने अपने विचार रखते हुए कहा कि उन्हें भी समाज में समान अधिकार है और समाज को बदलने को हम भी अपना योगदान दे रहे हैं।