उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा टीएचआर इकाइयों समीक्षा की गई।

अनुपूरक पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों (टी एच आर प्लान्ट्स ) को बनाया जायेगा और अधिक सुदृढ व सशक्त।

टीएचआर इकाइयों के संचालन हेतु गठित की गयीं जिला स्तरीय संचालन समिति।

महिलाओं के माध्यम से पुष्टाहार उत्पादित कर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर की जाती है आपूर्ति।

Sachin Chaudhary Lucknow। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में अनुपूरक पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों (टी एच आर प्लान्ट्स )को और अधिक सुदृढ व सशक्त बनाया जाने की कार्यवाही की जा रही है। टीएचआर इकाइयों के बेहतर व सफल संचालन हेतु सम्बंधित जिले के जिला अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय संचालन समिति का गठन किया गया है। महिलाओं के माध्यम से पुष्टाहार उत्पादित कर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आपूर्ति की जाती है। गौरतलब है कि प्रदेश के 43 जनपदों में टीएचआर योजना का संचालन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत समूह की महिलाओं के माध्यम से पुष्टाहार उत्पादित कर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आपूर्ति का कार्य किया जा रहा है। 43 जनपदों में 204 टीएचआर इकाईयां स्थापित की गयी है जिनके सुचारू रूप से संचालन हेतु समय -समय पर दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा एक सुदृढ व निश्चित बाजार इन इकाईयों को प्रदान किया जाता रहा है। विभाग में नियमित लाभार्थियों की संख्या लगभग 2 करोड़ है। यह निश्चित संख्या स्वयं सहायता समूहों के द्वारा संचालित व्यवसाय का भाग है और व्यवसाय को निरंतरता तथा विस्तृत बाजार प्रदान करता है। शासन स्तर पर महसूस किया गया कि ऐसी स्थिति में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को अपने कार्य मॉडल को अधिक क्षमता के साथ विकसित करने की आवश्यकता है जिससे इकाईयां निर्धारित कास्टनॉर्म के अन्तर्गत पुष्टाहार का उत्पादन कर सके। यह भी जरूरी समझा गया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा अपनी इकाईयों को Cost – Efficient बनाने के लिए बाजार में उपलब्ध मार्केटिंग स्ट्रेटजी तथा मॉडल पर अध्ययन करते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित अनुपूरक पुष्टाहार उत्पादन इकाईयों को और सुदृढ और सशक्त बनाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जानी आवश्यक है। स्वयं के Specialization को विस्तृत करके इन स्वयं सहायता समूहों द्वारा खुले बाजार में अपने सामान की आपूर्ति की जा सकती है।यह जरूरी समझा गया है कि इस हेतु ग्राम्य विकास विभाग द्वारा किसी विषय विशेषज्ञ कन्सलटेन्ट से बिजनेस मॉडल Restructure कराये जाने सम्बन्धी अध्ययन कराया जाना होगा। राज्य की उत्पादन इकाईयों को प्रारम्भिक रूप से मजबूत तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वावलम्बी व कार्य को Sustainable बनाने की आवश्यकता के मद्देनजर इस आलोक मे टीएचआर प्लाण्ट के सुचारू रूप से संचालन हेतु जनपद स्तरीय स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी समिति के अध्यक्ष नामित किए गए हैं व मुख्य विकास अधिकारी सदस्य सचिव बनाये गये हैं।अधिशाषी अभियन्ता विद्युत, उपायुक्त स्वत: रोजगार, उपायुक्त उद्योग, जिला कार्यक्रम अधिकारी,उप-सम्भागीय विपणन अधिकारी व पी०ओ० नेडा समिति के सदस्य बनाये गये हैं।ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि समिति को शासन द्वारा जारी दिशा- निर्देशों क्रम में अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित कराने की अपेक्षा की गयी है।

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