वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में भागीदारी दर 42 फीसदी।
Sachin Chaudhary Uttar Pradesh के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्ग दर्शन से ग्राम्य विकास विभाग के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनाने बहुत गम्भीर व सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की आमदनी में इजाफा करने के बहुआयामी प्रयास किये जा रहे हैं। मनरेगा के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को काम देने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 2023-24 में अब तक मनरेगा योजना के तहत कुल 31.15 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए, जिनमें से 13.16 करोड़ महिलाएं हैं जो लगभग 42 प्रतिशत है। महिला मेट मनरेगा में प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए महिला श्रमिकों के लिए सहायक सिद्ध हो रही हैं।
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हो रही है। मनरेगा योजना में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी तेजी के साथ आगे बढ़ी है। ग्रामीण महिलाओं की आजीविका संवर्धन से महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं।
उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। ग्रामीण रोजगार योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी 2019-20 और 2020-21 में 34 प्रतिशत रही, वर्ष 2021-22 में 37 प्रतिशत रही, वर्ष 2022-23 में 38 प्रतिशत रही और वर्ष 2023-24 में माह अब तक बढ़कर औसतन 42 प्रतिशत हो गई है। जो अब तक का महिलाओं की मनरेगा में भागीदारी में सबसे अधिक है।
बीते वर्षों से महिला लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने में प्रदेश तेजी से जुटा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के तहत अब तक 2024 तक 31.15 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए, जिनमें से 13.16 करोड़ महिलाएं हैं जो लगभग 42 प्रतिशत है।—आयुक्त ग्राम्य विकास जी0 एस0 प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा में सक्रिय महिला श्रमिकों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से भी जोड़ा जा रहा है।