उत्तर प्रदेश की 80 में 80 सीट जीतने में श्रमिक वर्ग की होगी विशेष भूमिका।
योगी सरकार ने योजनाओं के जरिए बेहतर किया श्रमिकों का जीवन स्तर।
करीब 38 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग का कराया गया कार्य।
Sachin Chaudhary लखनऊ। उत्तर प्रदेश का श्रमिक वर्ग अपनी मेहनत और कौशल से प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास में तो महत्वपूर्ण योगदान देता ही है साथ ही वह सरकारों के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में श्रमिक वर्ग की इसी ताकत को पहचानते हुए डबल इंजन की सरकार ने श्रमिकों के लिए अनेक योजनाएं बनाईं और हर पात्र व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाने का प्रयास किया। नतीजा, प्रदेश का श्रमिक वर्ग भाजपा की सरकार का पुरजोर समर्थक बनकर सामने आया। सीएम योगी के सात वर्षों के कार्यकाल में अब तक श्रमिक वर्ग के लिए जो कार्य किए गए हैं उसे देखते हुए माना जा रहा है कि सीएम योगी ने 80 में 80 का जो संकल्प लिया है वो श्रमिक वर्ग के समर्थन से पूरा हो सकेगा।
10.5 लाख के करीब श्रमिकों को मिला रोजगार
कोरोना काल के दौरान जब काम धंधे बंद हो गए थे तब अन्य राज्यों में काम कर रहे यूपी के श्रमिक अपने घरों को लौट आए। तब सीएम योगी ने उन श्रमिकों को न सिर्फ यूपी में ही काम दिलाने का वादा किया बल्कि उसे पूरा भी किया। करीब 38 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग का कार्य किया गया जबकि सेवायोजन पोर्टल पर प्राप्त सूचना के अनुसार कुल 10,47,522 श्रमिकों को रोजगार भी उपलब्ध कराया गया। 9,50,042 श्रमिकों व अभ्यर्थियों को रोजगार मेलों के माध्यम से निजी क्षेत्र में रोजगार प्रदान किया गया। मिशन रोजगार अभियान के अंतर्गत 1,16,28,561 श्रमिक/अभ्यर्थी लाभान्वित हुए, जबकि 58,62,55,304 मानव दिवसों का सृजन किया गया जिससे उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध हुए। यही नहीं 2023-24 में माह दिसंबर 2023 तक कुल 33,070 निर्माण स्थलों का पंजीकरण कराया गया। वहीं बीओसी बोर्ड के गठन से माह दिसम्बर 2023 तक कुल 3,66,953 निर्माण स्थलों का पंजीकरण किया गया।
बच्चों की पढ़ाई का बोझ हुआ कम
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के अंतर्गत भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर उत्तर प्रदेश में 23 जनवरी 2024 तक पंजीकृत कामगारों की संख्या 8,33,25,459 पहुंच गई है। इस मामले में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए सरकार ने अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारंभ किया है जहां पर 3 वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। जल्द ही इसका दूसरा सत्र शुरू होने जा रहा है। इससे श्रमिकों पर से बच्चों की पढ़ाई और उसके खर्च का बोझ भी सरकार ने हल्का कर दिया है। वहीं बीओसीडब्ल्यू बोर्ड से कुल 1,45,912 अभ्यर्थी लाभान्वित हुए, जिन पर 714.65 करोड़ रुपए का व्यय किया गया। इसके अतिरिक्त श्रमिकों को मुफ्त राशन का भी लाभ मिल रहा है। ये सारे फैक्टर श्रमिक वर्ग को पीएम मोदी, सीएम योगी और भाजपा सरकार के करीब लाने में अहम फैक्टर साबित हो रहे हैं।