उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2022: हाईकोर्ट का अहम फैसला
उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड रेडियो ऑपरेटर पद के लिए हुई भर्ती प्रक्रिया को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। लखनऊ बेंच ने इस प्रक्रिया को खारिज करते हुए री-एग्जाम का आदेश दिया है। पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा निर्धारित योग्यता में बदलाव को अदालत ने गलत ठहराया है। यह फैसला जस्टिस आलोक माथुर की सिंगल बेंच ने सुनाया।
हाईकोर्ट ने क्यों रद्द की भर्ती प्रक्रिया?
भर्ती प्रक्रिया के दौरान बोर्ड ने अचानक विज्ञापन में दिए गए मापदंडों में बदलाव कर दिया। पहले डिप्लोमा धारकों को पात्र माना गया था, लेकिन बाद में बीटेक पास उम्मीदवारों को भी शामिल कर लिया गया। इस बदलाव को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने इसे अवैध मानते हुए भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया और पूरी समीक्षा के बाद दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया।
40,000 उम्मीदवार हुए प्रभावित
इस भर्ती परीक्षा में लगभग 40,000 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। यह परीक्षा 936 पदों के लिए आयोजित की गई थी। अब हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सभी उम्मीदवारों को नई परीक्षा का इंतजार करना होगा।
याचिका में क्या था मामला?
भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलाव को लेकर कई उम्मीदवारों ने नाराजगी जताई थी। इसके चलते एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई। याचिका में बताया गया कि:
- डिप्लोमा धारकों के लिए जारी विज्ञापन में अचानक बदलाव किया गया।
- बिना सूचना के बीटेक पास उम्मीदवारों को शामिल कर लिया गया।
- यह बदलाव भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़ा करता है।
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद इस बदलाव को अवैध ठहराया और भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया।
अब क्या होगा भर्ती प्रक्रिया का भविष्य?
हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा के बाद नई परीक्षा आयोजित की जाएगी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड इस मामले में जल्द ही आधिकारिक घोषणा कर सकता है।
जनवरी में नहीं होगा पुलिस कांस्टेबल का फिजिकल एग्जाम
उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रियाओं में देरी के कारण पुलिस कांस्टेबल के लिए होने वाली शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) भी जनवरी में आयोजित नहीं होगी। इसके आयोजन की संभावित तारीख फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च में हो सकती है। बोर्ड द्वारा जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
उम्मीदवारों पर क्या पड़ेगा असर?
- समय की बर्बादी: इस प्रक्रिया में हुई देरी के कारण अभ्यर्थियों का समय बर्बाद हुआ है।
- मानसिक दबाव: लगातार बदलाव और परीक्षा रद्द होने से उम्मीदवारों पर मानसिक दबाव बढ़ा है।
- नई रणनीति की जरूरत: अब उम्मीदवारों को री-एग्जाम के लिए दोबारा तैयारी करनी होगी।
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग
इस मामले ने उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभ्यर्थी अब पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग कर रहे हैं। यह जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।
हाईकोर्ट का फैसला उम्मीदवारों के हित में
हाईकोर्ट ने यह फैसला उम्मीदवारों के हित में लिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान किए गए बदलाव से उम्मीदवारों को नुकसान नहीं होना चाहिए।
संभावित तारीखों की घोषणा जल्द
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा जल्द ही नई भर्ती परीक्षा की तारीखों की घोषणा की जाएगी। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।
उत्तर प्रदेश पुलिस हेड रेडियो ऑपरेटर भर्ती को लेकर हाईकोर्ट का फैसला न्यायपूर्ण और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाला है। अब उम्मीदवारों को नई परीक्षा का इंतजार करना होगा और इसके लिए पूरी तैयारी करनी चाहिए। भर्ती प्रक्रिया में बदलाव और परीक्षा के रद्द होने से जुड़े मामलों से यह सीख मिलती है कि प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखना कितना जरूरी है।
जानें अगली खबर के लिए जुड़े रहें और हमारे Website Sampurn Hindustan को फॉलो करें।