विधिक सहायता शिविर में मिला निःशुल्क कानूनी परामर्श
बहराइच। विधिक सहायता शिविर का आयोजन ब्राह्मण परिवार लखनऊ/भारत (रजि) के तत्वाधान में “युवा अधिवक्ता परिवार संघ भारत” के संयोजन में किया गया। इस शिविर में अधिवक्ताओं ने लोगों की कानूनी समस्याओं को सुना और उनका तत्काल समाधान करने का प्रयास किया। इसके साथ ही विधिक जागरूकता अभियान के तहत नागरिकों को उनके अधिकारों और क़ानून की जानकारी दी गई।
विधिक सहायता शिविर का उद्देश्य
इस विधिक सहायता शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के उन लोगों तक पहुंचना था, जिन्हें कानूनी सहायता की आवश्यकता होती है, लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। शिविर में आए लोगों को मुफ्त में कानूनी परामर्श दिया गया और उनके प्रश्नों के उत्तर विशेषज्ञ अधिवक्ताओं ने दिए।
शिविर का आयोजन और प्रमुख अतिथि
शिविर का आयोजन करनैलगंज स्थित कटरा घाट पुल, सरयू नदी के तट पर हुआ। इसकी अध्यक्षता कृष्ण कुमार तिवारी (अधिवक्ता, माननीय उच्च न्यायालय) ने की। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में निम्नलिखित अधिवक्ताओं की उपस्थिति रही—
- भानु पांडेय (राष्ट्रीय अध्यक्ष)
- श्याम नारायण मिश्रा (प्रदेश अध्यक्ष)
- अभिषेक अग्निहोत्री (अधिवक्ता)
- विशाल पांडेय (अधिवक्ता)
- शिवम पांडेय, शिवम दीक्षित, राकेश पांडेय, आशीष मिश्रा, देव मिश्रा
इन अधिवक्ताओं ने विधिक सहायता शिविर में लोगों की समस्याओं को सुना और उनका निवारण किया।
कानूनी जागरूकता और समाधान
विधिक सहायता शिविर के दौरान अधिवक्ताओं ने लोगों को विभिन्न कानूनों के बारे में जागरूक किया। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की गई—
- भूमि विवाद और संपत्ति विवाद
- परिवारिक मामले एवं वैवाहिक विवाद
- श्रमिक अधिकार और सरकारी योजनाएं
- महिला सुरक्षा और घरेलू हिंसा से संबंधित कानून
अधिवक्ताओं ने बताया कि न्याय तक हर व्यक्ति की पहुंच होनी चाहिए, और यह शिविर इसी उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
शिविर में उमड़ी भारी भीड़
इस विधिक सहायता शिविर में क्षेत्र के कई गणमान्य लोग और नागरिक उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से शामिल लोगों में द्वारिका प्रसाद अवस्थी, भगवान दीन, गिरधर गोपाल अवस्थी, राजकुमार मिश्रा, दिग्विजय गुप्ता, निर्मल शुक्ला और कई अन्य समाजसेवी शामिल थे। इसके अलावा, शिविर में युवा और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने कानूनी मुद्दों पर चर्चा की।
विधिक सहायता शिविर का आयोजन उन लोगों के लिए एक बेहतरीन पहल साबित हुआ, जिन्हें कानूनी जानकारी और परामर्श की आवश्यकता थी। इस तरह के शिविर नागरिकों को सशक्त बनाते हैं और उन्हें न्याय की ओर कदम बढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं। आयोजकों ने भविष्य में भी ऐसे शिविरों के आयोजन का संकल्प लिया, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
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