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Toggleविद्यालय में शिक्षण सामग्री वितरण: स्वर्गीय चौधरी की पुण्यतिथि पर बच्चों को मिली शिक्षा की सौगात
बहराइच। स्वर्गीय चौधरी त्रिभुवन दत्त वर्मा की पुण्यतिथि पर विशेष आयोजन
स्वर्गीय चौधरी त्रिभुवन दत्त वर्मा की पुण्यतिथि पर उनके पौत्रों ने एक अनूठी पहल करते हुए क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण सामग्री वितरण किया। इस अवसर पर छात्रों को पेन, कॉपी, पेंसिल, रबर, कटर, टॉफी और बिस्किट जैसे आवश्यक शैक्षिक संसाधन दिए गए। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना और उनके पढ़ाई के संसाधनों में सहायता प्रदान करना था।
विद्यालय में शिक्षण सामग्री वितरण से छात्रों में उत्साह
इस कार्यक्रम का आयोजन प्राथमिक विद्यालय माधव राम पूरवा, दुर्गापुरवा, चितरहिया प्रथम द्वितीय और आंगनबाड़ी केंद्रों में किया गया। जब बच्चों को शिक्षण सामग्री वितरण किया गया तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। उन्हें पेन, कॉपी और अन्य शैक्षिक सामग्रियां पाकर पढ़ाई के प्रति नई प्रेरणा मिली।
हमें शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए – डॉ. सचिन वर्मा
इस अवसर पर स्वर्गीय चौधरी के पौत्र डॉ. सचिन वर्मा ने कहा,
“शिक्षा ही समाज की प्रगति का आधार है। हम चाहते हैं कि क्षेत्र के हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले, और इसीलिए हमने यह पहल की है।”
शिक्षण सामग्री वितरण के साथ शिक्षकों और सहयोगियों को किया सम्मानित
विद्यालयों के छात्रों के साथ-साथ अध्यापकों को डायरी और पेन भी भेंट किए गए। इस पहल का मकसद शिक्षकों को उनके योगदान के लिए प्रोत्साहित करना था। इसके अलावा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, सहायिका और रसोईया को भी वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
शिक्षा के महत्व को समझते हुए आगे भी जारी रहेगा प्रयास
स्वर्गीय चौधरी के अन्य पौत्रों – डॉ. सत्यम वर्मा, अधिवक्ता रोहित कुमार वर्मा और हेमंत कुमार वर्मा – ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि यह पहल आगे भी जारी रहेगी और हर वर्ष अधिक से अधिक जरूरतमंद छात्रों तक सहायता पहुंचाई जाएगी।
विद्यालय में शिक्षण सामग्री वितरण का सकारात्मक प्रभाव
इस पहल से छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों में भी उत्साह देखने को मिला। अध्यापकों ने इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया और उम्मीद जताई कि अन्य लोग भी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आगे आएंगे।
स्वर्गीय चौधरी त्रिभुवन दत्त वर्मा की पुण्यतिथि पर विद्यालय में शिक्षण सामग्री वितरण कर उनके पौत्रों ने एक सराहनीय कार्य किया। इससे बच्चों को न केवल पढ़ाई में मदद मिलेगी, बल्कि उनके भीतर शिक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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