सचिन मलिक: उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप आधी आबादी को पूरा अधिकार देने की दिशा मे डबल इंजन सरकार पूरी गम्भीरता व संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। महिलाओ को हर दृष्टि से सशक्त व सबल बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध व संकल्पबद्ध है। कहा कि विकसित भारत के निर्माण में मातृशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका। डबल इन्जन सरकार में महिलाएं बनीं सशक्त, समृद्ध व सामर्थ्यवान बन रही हैं। देश व प्रदेश विकास की नयी ऊंचाइयों को छू रहा है, इसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।वित्तीय सहायता, कौशल विकास व प्रशिक्षण देकर महिलाओं के हुनर को निखारा जा रहा है। विकसित भारत के निर्माण का आधार विकसित ग्राम है, गांवों का विकास आधी आबादी की भागीदारी के बगैर अधूरा है। महिलाओ के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।
साल 2025 में कहां तक पहुंचा विद्युत कनेक्शन?
उत्तर प्रदेश मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओ ने विभिन्न गतिविधियों व क्रियाकलापों के माध्यम से आजीविका संवर्धन के क्षेत्र मे लम्बी छलांग लगाई है। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के मार्गदर्शन में ग्राम्य विकास विभाग ने उनके क्रियाकलापो को गति देने व उन्हें प्रोत्साहित करने मे भी उल्लेखनीय कार्य किये हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के विद्युत सखी कार्यक्रम में नई व बडी उपलब्धियां हासिल की गयी हैं।
इस कार्यक्रम से जुड़े स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (विद्युत सखियों) ने वित्तीय वर्ष 24-25 में 1045 करोड रुपए का विद्युत बिल कलेक्शन किया है। वित्तीय वर्ष 25-26 मे अब तक 169 करोड का कलेक्शन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 87 करोड रुपए 2022-23 में 262 करोड रुपए और वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 466 करोड रुपए विद्युत बिल कलेक्शन हुआ। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 24 -25 में विद्युत कनेक्शन 1045 करोड रुपए पहुंच गया।
विद्युत सखियों को कमीशन के रूप में मिले इतने करोड़
योजना के प्रारंभ वर्ष 2020 से विद्युत सखियों ने विद्युत बिल वितरण कंपनियो (डिस्काम) के लिए 2000 करोड रुपए का राजस्व कलेक्शन करने में सफलता पाई है और 26.56 करोड रूपये का कमीशन अर्जित किया है। वित्तीय वर्ष 2024 25 में विद्युत सखी कार्यक्रम में एक कई उल्लेखनीय पडाव हासिल किये है। इसमें 438 विद्युत सखियों ने लखपति दीदी बनने में सफलता पाई है। इसके अलावा 2024 -25 में विद्युत सखियों को लगभग 13.4 करोड रुपए कमीशन के रूप में प्राप्त हुए हैं। इतना ही नहीं विद्युत सखियों ने ओटीएस योजना के तहत 369 करोड रुपए का विद्युत बिल कलेक्शन किया है। प्रदेश मे स्वयं सहायता समूहों की 29092 महिलायें विद्युत सखी के रूप मे पंजीकृत हैं और 14105 महिलायें विद्युत सखी के रूप मे क्रियाशील हैं।
आपको बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्र में रू 1999-00 तक उपभोक्ता द्वारा पूर्ण भुगतान करने पर रू 20-00 प्रति ट्रान्जक्शन और रू2000-00 से रू 199999-00 तक बिल जमा राशि का 01 प्रतिशत तथा उपभोक्ता द्वारा आँशिक भुगतान करने पर बिल जमा राशि का 01 प्रतिशत विद्युत सखियों को कमीशन मिलता है। यदि उपभोक्ता आंशिक भुगतान का विकल्प चुन रहा है तो न्यूनतम रू 100-00 भुगतान करना होगा।
महिलाओं को सशक्त बनाने का उद्देश्य
यूपीएसआरएलएम के इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल विद्युत सखी के रूप में रोजगार देकर महिलाओं को सशक्त बनाना है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिस्काम की विद्युत बिल कलेक्शन क्षमता में सुधार भी लाना है। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) आइसीआइसीआइ बैंक और तकनीकी सहायता एजेंसी के तौर पर काउंसिल ऑन एनर्जी एनवायरनमेंट एंड वाटर के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। विद्युत सखी कार्यक्रम ‘रोशन गांव, सशक्त नारी,- विद्युत सखी है पहचान हमारी ‘के लक्ष्य के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है।
उत्तर प्रदेश की महिलाएं बदलाव का वाहक बन रही है। विद्युत सखी कार्यक्रम अपने विस्तार के साथ इस बात का शानदार उदाहरण बनकर सामने आ रहा है कि कैसे समावेशी नीतियां और जमीनी प्रयास सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं? कैसे हमारे प्रदेश की महिलाएं सरकार के राजस्व बढोत्तरी में योगदान दे सकती हैं और हम सभी के लिए एक न्यायसंगत और सतत भविष्य का निर्माण कर सकती हैं।