भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे मेलबर्न टेस्ट में विराट कोहली को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। आईसीसी द्वारा विराट कोहली पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना और एक डिमेरिट अंक लगाए जाने के फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। जहां ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व क्रिकेटर्स ने कोहली को कम सजा देने पर सवाल उठाए, वहीं भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कोहली का समर्थन करते हुए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की जमकर आलोचना की। आइए जानते हैं पूरा मामला।

विराट कोहली पर विवाद: क्या है पूरा मामला?
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेले जा रहे चौथे टेस्ट के पहले दिन (26 दिसंबर) विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के डेब्यूटेंट बल्लेबाज सैम कोंस्टास से कंधा टकरा दिया था। इस घटना के बाद आईसीसी ने कोहली पर कार्रवाई करते हुए उनकी मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया और उन्हें एक डिमेरिट अंक दिया।
आईसीसी के इस फैसले के बाद विवाद और बढ़ गया। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व क्रिकेटर्स ने कोहली पर सख्त कार्रवाई की मांग की। हालांकि, 19 वर्षीय सैम कोंस्टास ने इस घटना को “गैर-इरादतन” बताते हुए कोहली का बचाव किया।
सुनील गावस्कर ने कोहली का समर्थन किया
इस विवाद के बीच भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने विराट कोहली का बचाव करते हुए ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और क्रिकेटरों की आलोचना की। गावस्कर ने कहा, “आप किसी की जेब काटने के लिए फांसी नहीं दे सकते। कोहली को नियमों के तहत अधिकतम सजा दी गई है। यह कहना गलत होगा कि उनके साथ किसी प्रकार की रियायत बरती गई है।” उन्होंने कहा कि आईसीसी ने कोहली पर जो कार्रवाई की, वह नियमों के तहत उचित है।
गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को टीम का 12वां खिलाड़ी करार देते हुए कहा, “ऑस्ट्रेलियाई मीडिया अपनी टीम के लिए 12वें या 13वें खिलाड़ी की तरह काम करता है। जिसे भी वह अपनी टीम के लिए खतरा मानता है, उसे निशाना बनाता है।”
पिछले मामलों का दिया हवाला

गावस्कर ने कोहली की सजा का बचाव करते हुए पिछले एक साल में हुई तीन समान घटनाओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “पिछले दिसंबर में आयरलैंड के जोश लिटिल पर बल्लेबाज के साथ शारीरिक संपर्क के लिए केवल 5 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया गया था। इंग्लैंड के खिलाफ जसप्रीत बुमराह को ओली पोप से टकराने पर केवल फटकार मिली थी।” उन्होंने यह भी कहा कि कोहली को दी गई सजा नियमों के तहत अधिकतम थी।
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व क्रिकेटर्स की प्रतिक्रिया
आईसीसी के इस फैसले से ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व खिलाड़ी खासे नाराज दिखे। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा, “यह सजा पर्याप्त नहीं है। यह क्रिकेट का सबसे बड़ा दिन था और ऐसे में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए थी।”
मार्क वॉ ने भी पोंटिंग की बात का समर्थन करते हुए कहा, “विराट कोहली भाग्यशाली हैं कि उन्हें निलंबन नहीं मिला। 20 प्रतिशत जुर्माना कुछ भी नहीं है।” वॉ ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी घटनाओं को सख्ती से नहीं निपटाया गया तो यह क्रिकेट में आम हो सकती हैं।
जस्टिन लैंगर ने मीडिया पर साधा निशाना
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जस्टिन लैंगर ने इस विवाद में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आलोचना करते हुए कहा, “मीडिया हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को निशाना बनाती है और कोहली के मामले में भी यही हो रहा है। यह मीडिया का काम करने का तरीका है।” उन्होंने कहा कि यह केवल भारत या विराट कोहली के बारे में नहीं है बल्कि मीडिया के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
विराट कोहली और सैम कोंस्टास की प्रतिक्रिया

विराट कोहली ने इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सैम कोंस्टास ने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, “यह घटना अनजाने में हुई थी। विराट कोहली ने मुझसे जानबूझकर टकराने का प्रयास नहीं किया। तनावपूर्ण परिस्थितियों में ऐसा हो सकता है।”
सीरीज का अपडेट
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में अब तक तीन मुकाबले हो चुके हैं। पहले टेस्ट में भारत ने 295 रनों से जीत दर्ज की थी, जबकि दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने 10 विकेट से जीत हासिल की थी। तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। मेलबर्न में जारी चौथे टेस्ट के बाद सिडनी में पांचवां और अंतिम टेस्ट खेला जाएगा।
विराट कोहली के मामले में भले ही विवाद गहराता जा रहा हो, लेकिन सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों का समर्थन उनके लिए राहत की बात है। क्रिकेट एक खेल है और इसमें तनावपूर्ण परिस्थितियां आम हैं। आईसीसी ने कोहली को नियमों के तहत अधिकतम सजा दी है और इस मामले को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व क्रिकेटर्स की आलोचना से यह स्पष्ट है कि कोहली का कद और उनके प्रदर्शन का असर विरोधियों पर कितना गहरा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि सीरीज के बचे हुए मुकाबलों में यह विवाद कैसे प्रभावित करता है।
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