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Friday, January 17, 2025
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विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी आयोजित में डॉक्टर ने कहा सही समय पर स्क्रीनिंग से कैंसर को दी जा सकती है मात- डा पिंकी जोवल

लखनऊ डॉक्टर पिंकी जोवल ने कहा कैंसर, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती गंभीर और जानलेवा समस्याओं में से एक है। मेडिकल क्षेत्र में आधुनिकता और तकनीकी विकास के मद्देनजर कैंसर अब लाइलाज बीमारी तो नहीं रही है पर अब भी आम लोगों के लिए इसका इलाज काफी कठिन बना हुआ है। रोगी की सही समय पर कैंसर की जांच होने से कैंसर को उपचार से ठीक किया जा सकता है। यह उदगार आज विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय संगोष्ठी में डा0 पिंकी जोवल (आई०ए०एस०) मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ०प्र० द्वारा व्यक्त किया गया। राज्य स्तरीय संगोष्ठी में प्रदेश के गणमान्य ऑन्कोलॉजिस्ट और कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।

मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने संगोष्ठी का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया। राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मिशन निदेशक ने कहा कि आजकल स्तन और सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में अधिक पाया जा रहा है वहीं पुरुषों में ओरल कैंसर के केस बढ़ रहे हैं। जिनका समय से चिन्हीकरण कर उपचार पूर्णतः संभव है। प्रदेश में इन तीनों प्रकार के कैंसर की जांच, संदर्भन और उपचार की दिशा में समय पर स्क्रीनिंग किये जाने की जागरूकता के लिए आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है। कैंसर जैसे असाध्य रोग की समय से स्क्रीनिंग होने पर कैंसर रोग का उपचार प्रारम्भ करते हुए कैंसर को पूर्ण रूप से मात दी जा सकती है। इस प्रकार समाज में “कैंसर को हरायें स्वस्थ जीवन को अपनायें” की थीम को प्रदेश में चरितार्थ किया जा सकता है। आने वाले समय में एन.सी.डी. रोग विशेषतः कैंसर के मरीजों में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है अतः इस समस्या पर रणनीति बनाकर मिशन मोड पर कार्य करने की समुचित रूपरेखा तैयार की जा रही है। डा बृजेश राठौर, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाए, उ०प्र० ने बताया कि कैंसर के शुरुआती चरणों में लक्षण बहुत स्पष्ट नहीं होते हैं यही कारण है कि अधिकतर इसके गंभीर चरणों तक कैंसर का पता ही नहीं चल पाता है इसलिए आवश्यक है कि समय से स्क्रीनिंग कराते हुए उपचार प्रारम्भ कर दिया जाये। सर्वाइकल कैंसर की बीमारी का प्रसार होने के पूर्व स्क्रीनिंग और ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन का बालिकाओं में 9 से 14 वर्ष पर लग जाने से कैंसर की दर में गिरावट लायी जा सकती है एवं महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर जैसे रोगों से बचाया जा सकता है। सभी लोगों को इसके लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहने की सलाह दी जाती है। अपने जीवन में कभी न कभी एच.पी.वी. संक्रमण हो सकता है जिसे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इस संक्रमण को कम कर देती है। सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए अंतरिम बजट 2024-25 में भारत सरकार ने देश में सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन (एचपीवी) को जोड़ने की घोषणा भी की है। भारत सरकार की यह पहल सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित होगी। आज के कार्यक्रम के सम्बन्ध में विस्तार से बताते हुए डा लक्ष्मण सिंह, महाप्रबंधक, राष्ट्रीय कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश ने कहा कि जागरूकता के अभाव में प्रतिवर्ष लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं “सर्वाइकल कैंसर ” एवं पुरूषों में ओरल कैंसर की बीमारी अधिकांशतः पायी जाती हैं जिनमें से लगभग 28 प्रतिशत स्तन कैंसर और लगभग 17 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर का शिकार हो जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिलाओं में जागरूकता फैलाकर लक्षणों के आधार पर शीघ्र जांच कराने का अभियान चलाते हुए प्रारम्भिक अवस्था में ही चिन्हीकृत करते हुए उपचार उपलब्ध कराया जा सकता है। डिजिटल भारत के उद्देश्यों को परिलक्षित करते हुए प्रत्येक लक्षण युक्त एवं रोग ग्रसित महिला लाभार्थियों की आभा आई०डी० तैयार की जायेगी एवं उक्त नवीन व्यवस्था की सूचना प्रदेश के ई-कवच पोर्टल पर भी अवलोकित की जा सकेगी। प्रदेश में कैंसर की समय स्क्रीनिंग एवं उपचार हेतु प्रतिबद्ध है। डा नीतू शुक्ला, उपमहाप्रबंधक एन.सी.डी. ने बताया कि प्रतिवर्ष भारत में लगभग 1.25 लाख सर्वाइकल कैंसर के नये मरीज जुड जाते हैं एन.पी.सी.बी.सी.एस. कार्यक्रम के अंतर्गत जनपदों में संचालित एन.सी.डी. क्लीनिक में समय पर कैंसर स्क्रीनिंग कराये जाने से कैंसर एवं सर्वाइकल कैंसर को प्रारम्भिक अवस्था में चिन्हित कर लिया जाता है। इस प्रकार प्रारम्भिक दौर में कैंसर के चिन्हित हो जाने पर सही समय पर उपचार मिल जाने से रोगियों की जान बचायी जा सकेगी जिससे महिला अपना स्वस्थ्य जीवन जी सके एवं समाज में महिला स्वास्थ्य सशक्तीकरण की परिकल्पना पूरी हो सकेगी। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला में डा अर्चना वर्मा, महाप्रबंधक, प्रशिक्षण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एस.जी.पी.जी.आई, के.जी.एम.यू. आर. एम. एल. आई एम एस., कल्याण सिंह सुपरस्पेशियलिटी कैंसर संस्थान ईकाईयों के प्रतिनिधियों एवं प्रमुख जनपदों के नोडल एन.पी.सी.डी.सी.एस. चिकित्सकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला का संचालन कर रहे अभय द्विवेदी, मेडिकल परामर्शदाता, एन. सी.डी. ने कार्यशाला का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के माध्यम से किया।

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