World Lung Day : “फेफड़ों की सेहत , कैंसर की रोकथाम में हम सबकी मेहनत”

हर साल 25 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व फेफड़े दिवस, फेफड़ों के स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के महत्व पर जोर देने के लिए है। यह दिन लोगों को फेफड़ों से संबंधित बीमारियों, खासकर फेफड़ों के कैंसर, के बारे में जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है। फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं और हजारों मौतें होती हैं। यह लेख फेफड़ों के कैंसर के कारणों, लक्षणों, उपचार, रोकथाम और धूम्रपान के खतरों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

फेफड़ों के स्वास्थ्य और उनकी देखभाल के महत्व

फेफड़ों के कैंसर के कारण
फेफड़ों का कैंसर कई कारकों के संयोजन से होता है, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
1. धूम्रपान: यह सबसे बड़ा जोखिम कारक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम 15 से 30 गुना अधिक होता है। सिगरेट के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से कम से कम 70 कैंसरकारी होते हैं।
2. वायु प्रदूषण: औद्योगिक कचरा, वाहन उत्सर्जन, और धुएं का संपर्क फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। उच्च प्रदूषण स्तर वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं।
3. जेनेटिक फैक्टर: पारिवारिक इतिहास वाले व्यक्तियों में फेफड़ों के कैंसर का जोखिम अधिक होता है। यदि परिवार में किसी को फेफड़ों का कैंसर है, तो अन्य सदस्यों को भी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
4. रासायनिक संपर्क: कुछ औद्योगिक रसायन, जैसे एस्बेस्टस, आर्सेनिक, और बेंजीन, कैंसर का कारण बन सकते हैं। ऐसे क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों को इन रसायनों के संपर्क से बचने के लिए विशेष सुरक्षा उपाय करने चाहिए।
5. पुरानी फेफड़ों की बीमारियाँ: जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) या पुरानी ब्रोन्काइटिस, ये स्थितियाँ फेफड़ों के कैंसर के विकास के लिए आधार तैयार कर सकती हैं।

लक्षण
फेफड़ों के कैंसर के लक्षण अक्सर प्रारंभिक चरणों में स्पष्ट नहीं होते हैं। हालांकि, जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, लक्षण बढ़ सकते हैं:
लगातार खांसी: जो समय के साथ बढ़ती है।
खांसी के साथ खून आना: यह गंभीर लक्षण है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
सांस लेने में कठिनाई: आमतौर पर हल्के से गंभीर स्तर तक।
छाती में दर्द: विशेषकर गहरी सांस लेने पर।
थकान और कमजोरी: सामान्य गतिविधियों को करने में कठिनाई।
वजन में कमी: बिना किसी स्पष्ट कारण के।

उपचार
फेफड़ों के कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कैंसर का प्रकार और चरण। मुख्य उपचार विधियाँ निम्नलिखित हैं:
1. सर्जरी: यह उपचार कैंसर प्रभावित फेफड़े के हिस्से या पूरे फेफड़े को निकालने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर प्रारंभिक चरण में उपयोग किया जाता है।
2. कीमोथेरपी: यह कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए औषधियों का उपयोग करता है। कीमोथेरपी का उपयोग सर्जरी के बाद कैंसर के पुनरावृत्ति को रोकने के लिए किया जा सकता है।
3. रेडियोथेरपी: इसमें उच्च ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह अक्सर कीमोथेरपी के साथ संयोजन में किया जाता है।
4. इम्यूनोथेरेपी: यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद करता है। यह विशेष रूप से उन मामलों में प्रभावी होता है जहां अन्य उपचार विफल हो जाते हैं।
5. लक्षित चिकित्सा: यह उपचार कैंसर की विशेष आनुवंशिक परिवर्तन को लक्षित करता है, जिससे अधिक प्रभावी और कम हानिकारक परिणाम मिलते हैं।
रोकथाम के उपाय
फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
1. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान छोड़ना सबसे प्रभावी तरीका है। यह न केवल कैंसर के खतरे को कम करता है, बल्कि कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाता है।
2. स्वास्थ्यकर जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
3. वायु गुणवत्ता पर ध्यान दें: जब भी संभव हो, प्रदूषित क्षेत्रों में रहने से बचें। वायु गुणवत्ता की नियमित जांच करें और स्वच्छता का ध्यान रखें।
4. नियमित स्वास्थ्य जांच: अगर आपके परिवार में फेफड़ों का कैंसर का इतिहास है, तो नियमित रूप से फेफड़ों की जांच कराएं।
5. रासायनिक संपर्क से बचें: यदि आप किसी औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे हैं, तो सुरक्षा उपायों का पालन करें और आवश्यक सावधानियां बरतें।

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विश्व फेफड़े दिवस पर हमें यह समझने की आवश्यकता है कि फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे हम रोकने के लिए कई कदम उठा सकते हैं। धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, और नियमित जांच करवाना आवश्यक है। यह केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र समाज के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। हम सभी को मिलकर इस बीमारी के खिलाफ एकजुट होकर प्रयास करना चाहिए और जागरूकता फैलानी चाहिए। अपने फेफड़ों की देखभाल करें और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रयासरत रहें।