हर साल 28 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day ) एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो इस घातक बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। रेबीज, एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से कुत्तों के काटने से फैलती है, लेकिन इसके अन्य स्रोत भी हैं। इस दिन का उद्देश्य न केवल रेबीज के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि लोगों को इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपायों के बारे में भी जानकारी प्रदान करना है।
रेबीज का कारण
रेबीज एक वायरल संक्रमण है जो रेबिडोविरस के कारण होता है। यह वायरस संक्रमित जानवरों के थूक के माध्यम से फैलता है। कुत्ते, बिल्ली, और अन्य मांसाहारी जानवर इस वायरस के प्रमुख वाहक हैं। हालांकि, कुत्तों के काटने के अलावा, रेबीज फैलने के और भी कई तरीके हैं। जैसे:
- अन्य जानवरों के काटने: कुत्तों के अलावा, बैट्स (चमगादड़), तिलचट्टे, और अन्य जंगली जानवर भी रेबीज के वाहक हो सकते हैं। इन जानवरों के काटने से भी संक्रमण का खतरा होता है।
- थूक का संपर्क: यदि संक्रमित जानवर का थूक किसी खुले घाव या आंख, मुंह में लगता है, तो इससे भी रेबीज फैल सकता है। यह उन लोगों के लिए खतरा है जो जंगली जानवरों के संपर्क में आते हैं या जिनके पास पालतू जानवर हैं।
- संक्रमित जानवरों से निकटता: बहुत से लोग बिना सावधानी बरते जंगली जानवरों के पास जाते हैं। इन जानवरों के साथ निकटता या उन्हें छूने से भी संक्रमण हो सकता है, खासकर अगर जानवर संक्रमित है।
रेबीज के लक्षण
रेबीज के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के बाद 1 से 3 महीने में प्रकट होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह समय सीमा कम या ज्यादा भी हो सकती है। इसके प्रारंभिक लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, और मांसपेशियों में दर्द शामिल होते हैं। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ता है, अन्य लक्षण जैसे कि:
- अत्यधिक चिंता या उत्तेजना: मरीज चिड़चिड़े और चिंतित महसूस करते हैं।
- पानी का डर: एक प्रमुख लक्षण, जिसमें मरीज को पानी पीने में कठिनाई होती है, और उन्हें पानी से भय लगता है।
- अत्यधिक संवेदनशीलता: ध्वनि और प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशीलता भी हो सकती है।
- जुंबिश में कठिनाई: जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, मरीज को मांसपेशियों में जकड़न और लकवा भी हो सकता है।
रेबीज के बचाव के उपाय
रेबीज से बचाव के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उपाय इस प्रकार हैं:
- पालतू जानवरों का टीकाकरण: यदि आपके पास पालतू कुत्ते या बिल्ली है, तो उनका रेबीज के खिलाफ नियमित टीकाकरण कराना अनिवार्य है। यह न केवल आपके जानवर को सुरक्षित रखता है, बल्कि आपके परिवार और समुदाय को भी।
- संक्रमित जानवरों से दूरी: जंगली जानवरों से संपर्क से बचें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां रेबीज की महामारी हो सकती है। यदि कोई जानवर अजीब व्यवहार कर रहा है, तो उससे दूर रहें और उसे छूने की कोशिश न करें।
- बच्चों को शिक्षित करें: बच्चों को जानवरों के साथ खेलने या उन्हें छूने से पहले सावधानी बरतने के बारे में बताएं। उन्हें सिखाएं कि वे अज्ञात जानवरों के पास न जाएं।
- घाव को तुरंत धोएं: यदि आप किसी जानवर के काटने या खरोंचने के शिकार होते हैं, तो तुरंत उस स्थान को साबुन और पानी से धोएं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- आपातकालीन चिकित्सा सहायता: यदि किसी संक्रमित जानवर द्वारा काटा गया हो, तो एंटीरेबिस वैक्सीन (Post-Exposure Prophylaxis) प्राप्त करना न भूलें। यह उपचार संक्रमण से बचाने में अत्यधिक प्रभावी है।
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जागरूकता और शिक्षा
विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day ) पर जागरूकता फैलाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विभिन्न संगठन और समुदाय इस दिन को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाते हैं, जिसमें सेमिनार, कार्यशालाएं, और टीकाकरण अभियान शामिल हैं। लोगों को यह समझाना जरूरी है कि रेबीज केवल कुत्तों के काटने से नहीं फैलता, बल्कि अन्य जानवरों से भी हो सकता है।
रेबीज एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसके प्रभावी उपाय और जागरूकता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। विश्व रेबीज दिवस हमें याद दिलाता है कि सभी को रेबीज के प्रति जागरूक होना चाहिए और इससे बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। हमें अपने पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण करवाना चाहिए और जंगली जानवरों के संपर्क से दूर रहना चाहिए। अंततः, रेबीज से बचाव संभव है, बस जरूरत है सही जानकारी और जागरूकता की।