अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदकों की वार्षिक आय सीमा रुपये 01 लाख रुपये) तक हुई।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभागों के रिक्त पदों को भरे जाने की आवश्यक कार्यवाही तत्काल की जाय।
पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं का चयन किया जाए।
लखनऊ। योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग कल्याण की शादी अनुदान योजना के तहत आवेदकों की आय सीमा में बड़ा बदलाव किया है। अब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदकों की वार्षिक आय सीमा रुपये 1,00,000 (एक लाख रुपये) तक बढ़ा दी गई है। प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्य मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि इस बदलाव से अधिक पिछड़े वर्ग के परिवारों को अपनी पुत्रियों की शादी के लिए सरकारी सहायता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। पहले शहरी क्षेत्रों में आवेदकों की आय सीमा रुपये 56,460 और ग्रामीण क्षेत्रों में रुपये 46,080 थी। अब इसे एक समान रूप से रुपये 1,00,000 कर दिया गया है जिससे अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
आय सीमा बढ़ने से अधिक संख्या में पिछड़े वर्ग के परिवार इस योजना का लाभ उठा सकेंगे और उनकी पुत्रियों की शादी में आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकेंगे।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री मंगलवार को विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिये कि विभागों के रिक्त पदों को भरे जाने की आवश्यक कार्यवाही तत्काल की जाय। जिन रिक्तियों की तैनाती अन्य विभागों के माध्यम से होनी है वहां पर पत्राचार कर तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विभागों में रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरे जाने के निर्देश दिये है और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि रिक्त पदों के भरे जाने से विभागों की कार्यक्षमता बढ़ेगी और लाभार्थियों को बेहतर सेवाएं प्रदान हो सकेंगी। इससे न केवल विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बैठक में बताया गया कि पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में 154 पद रिक्त है तथा 289 पद भरे हुये है।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के युवाओं के लिए संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली संस्थाओं का चयन किया जाए। इससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा और युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं द्वारा स्वरोजगार या रोजगार प्राप्त करने के आकड़े तैयार किये जाय।
उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण की वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत प्राप्त आवेदनों और भुगतान की जनपदवार स्थिति की समीक्षा की।
दिव्यांगजन मंत्री ने दिव्यांगजन के लिए संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार और बजट व्यय की समीक्षा की है। इसके अलावा उन्होंने जगतगुरू रामभद्राचार्य राज्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के संकायों में दिव्यांग और सामान्य छात्रों के प्रवेश और संकाय संचालन के लिए रिक्तियों और नियुक्तियों की स्थिति की जानकारी ली है। विश्वविद्यालय में दिव्यांगजनों के प्रवेश संख्या में वृद्धि की जाए, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा और सशक्तिकरण के अधिक अवसर प्रदान किए जा सकें।
इसके साथ ही, विभागीय निर्माण कार्यों और विद्यालयों की स्थिति की भी समीक्षा की गई है। दिव्यांगजन को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाय। जिससे दिव्यांगजन को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर मिल सकेंगे। दिव्यांगजन के लिए राज्य निधि का उपयोग करते हुए मेलों का आयोजन किया जाय। राज्य आयुक्त, दिव्यांगजन द्वारा प्राप्त मामलों की सुनवाई और निस्तारण की स्थिति की भी जानकारी ली गई है।
मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने यह भी निर्देश दिया है कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी तक पहुंचाया जाए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने में लापरवाही बरतने वालों को नोटिस जारी किए जाएं।
बैठक में प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण सुभाष चन्द्र शर्मा, राज्य आयुक्त, दिव्यांगज अजीत कुमार, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तीकरण भूपेन्द्र एस. चौधरी सहित विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहें।