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Saturday, March 15, 2025

योगी आदित्यनाथ का ‘बाबर’ बयान, राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया

योगी आदित्यनाथ: ‘बंटेंगे तो कंटेंगे’ के बाद योगी के तरकश में ‘बाबर’ नाम का अस्त्र पढ़ें सीएम के चर्चित बयान

योगी आदित्यनाथ का 'बाबर' बयान
योगी आदित्यनाथ का ‘बाबर’ बयान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, और हाल ही में उन्होंने एक बयान देकर राजनीति में हलचल मचा दी है। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में अपने संबोधन के दौरान कहा, “500 साल पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या में जो कृत्य किया था वही आज संभल और बांग्लादेश में हो रहा है।” इस बयान के बाद राजनीति में गहमागहमी का माहौल है, और विपक्ष ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। आइए जानते हैं योगी आदित्यनाथ के चर्चित बयानों और नारों के बारे में, जो अब राजनीतिक मैदान में ‘तरकश’ के रूप में उभर चुके हैं।

सीएम योगी का ‘बाबर’ वाला बयान और उसका राजनीतिक संदर्भ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान, जिसमें उन्होंने बाबर का नाम लिया और उसे आज के घटनाक्रम से जोड़ा, विपक्ष के लिए चुनौती बन गया है। अयोध्या में रामकथा पार्क में आयोजित रामायण मेले के उद्घाटन के दौरान उन्होंने यह बयान दिया। योगी ने कहा, “500 साल पहले बाबर के सिपहसालार ने अयोध्या में जो कृत्य किया था वही आज संभल और बांग्लादेश में हो रहा है।” उनके इस बयान से साफ होता है कि वे बाबर के शासन और उसके प्रभाव के बारे में चर्चा कर रहे थे, और इसे वर्तमान परिस्थितियों से जोड़ रहे थे।

यह बयान न केवल अयोध्या के संदर्भ में था, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी इसका असर दिखा। विपक्ष ने इसे एक विवादास्पद टिप्पणी के रूप में देखा, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने अपने इस बयान को और भी दृढ़ता से प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि यह बयान इतिहास की पुनरावृत्ति से संबंधित था, जिसे समझने की जरूरत है।

योगी के चर्चित नारे: ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहिए, नेक रहिए’

योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक जीवन हमेशा उनके नारे और बयानों के कारण चर्चित रहा है। जब भी चुनावी माहौल में कोई विवाद उठता है, योगी आदित्यनाथ अपने शक्तिशाली नारों से माहौल को अपनी ओर मोड़ने में सक्षम होते हैं। उनके सबसे चर्चित नारों में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहिए, नेक रहिए’ प्रमुख हैं।

‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का प्रभाव

यह नारा योगी आदित्यनाथ ने कई बार सांप्रदायिक राजनीति और समाज में विभाजन की संभावना को संबोधित करते हुए दिया था। उनका कहना था कि अगर समाज में बंटवारा होगा, तो वह समाज का नुकसान करेगा। इस नारे का उपयोग उन्होंने उत्तर प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों में चुनावी प्रचार के दौरान किया, और यह नारा लोगों के बीच गूंजता रहा।

‘एक रहिए, नेक रहिए’ का संदेश

इस नारे का उपयोग योगी ने विशेष रूप से झारखंड विधानसभा चुनाव में किया था, जहां उन्होंने लोगों से एकजुट रहने की अपील की थी। उनका कहना था कि यह समय बंटने का नहीं है, बल्कि एकजुट होकर अच्छे काम करने का है। यह नारा भी काफी प्रभावी साबित हुआ, और चुनावी रणनीति में इसे एक प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।

‘चुनाव के बाद गुंडों की गर्मी धीरे-धीरे शांत हो जाएगी’ – योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश

योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा चुनाव के दौरान शाहजहांपुर जिले में अपने एक बयान में कहा था कि चुनाव के समय प्रदेश में कुछ गुंडों की सक्रियता बढ़ जाती है, लेकिन चुनाव परिणामों के बाद उनकी “गर्मी” धीरे-धीरे शांत हो जाएगी। यह बयान यूपी की राजनीतिक स्थितियों को लेकर था, जहां चुनावी उथल-पुथल के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों का बोलबाला था।

इस बयान का उद्देश्य यह था कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में कानून का राज स्थापित है, और कोई भी अपराधी या गुंडा सरकार से बच नहीं सकता। यह बयान जनता के बीच योगी के कानून-व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

‘माफियाओं के खिलाफ हैं, उन्हें मिट्टी में मिला देंगे’

जब अखिलेश यादव ने विधानसभा में माफियाओं के खिलाफ सवाल उठाया था, तो योगी आदित्यनाथ ने सदन में जवाब देते हुए कहा था कि उनका प्रशासन माफियाओं के खिलाफ है, और उन्हें मिट्टी में मिला देंगे। यह बयान योगी आदित्यनाथ की सख्ती को दर्शाता है और उनके प्रशासनिक रवैये को भी उजागर करता है।

इस बयान ने यह संकेत दिया कि योगी आदित्यनाथ किसी भी प्रकार के अपराधी या माफिया के खिलाफ बिना कोई समझौता किए कार्रवाई करेंगे। यह भी दर्शाता है कि यूपी में उनके प्रशासन के तहत अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

‘पहले एकजुट होते तो न होती गुलामी’

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में एक बार यह बयान दिया था कि अगर समाज पहले एकजुट होता, तो देश को 500 साल की गुलामी का सामना नहीं करना पड़ता। उनका कहना था कि आजादी के संघर्ष में एकता की कमी के कारण हमें लंबे समय तक गुलामी का सामना करना पड़ा। इस बयान में उन्होंने समाज की एकता पर जोर दिया और इसके महत्व को समझाया।

योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है, बल्कि यह दर्शाता है कि अगर हम एकजुट हो जाते हैं तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।

योगी आदित्यनाथ के बयान और उनके प्रभाव

योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ के बयान और नारे न केवल राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा का विषय बनते हैं, बल्कि समाज में भी उनका बड़ा प्रभाव होता है। उनके बयान हमेशा समाज में एकता और ताकत के संदेश देते हैं। चाहे वह ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ हो या ‘500 साल पहले जो बाबर ने किया’, योगी आदित्यनाथ के बयान हमेशा लोगों को एकजुट रहने का संदेश देते हैं।

उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में कई बदलाव आए हैं, और इन बदलावों के साथ उनके नारे और बयान भी राजनीति की धारा को दिशा देने का काम करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि योगी आदित्यनाथ के बयान उनके नेतृत्व का प्रतीक बन गए हैं और चुनावी रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

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