चेन्नई का 1300 साल पुराना पार्थसारथी मंदिर: जानें ‘मूंछों वाले श्रीकृष्ण’ की अनोखी पूजा की कहानी
भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों की पूजा
सनातन धर्म में भगवान श्रीकृष्ण एक पूजनीय अवतार हैं, जिनकी पूजा दुनियाभर में विभिन्न रूपों में की जाती है। कुछ भक्त उन्हें “लड्डू गोपाल” के रूप में पूजते हैं, जो उनके बाल रूप का प्रतीक है, जबकि कुछ “राधा कृष्ण” के प्रेममयी स्वरूप की पूजा करते हैं। कहीं श्रीकृष्ण को जगत के पालनहार के रूप में भगवान जगन्नाथ के रूप में पूजा जाता है, और कहीं उन्हें द्वारका के राजा के रूप में द्वारकाधीश कहा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण के हर रूप का अपना महत्व है, विशेषकर अर्जुन को महाभारत में गीता का उपदेश देने वाले रूप का।
पार्थसारथी मंदिर की विशेषता
चेन्नई में स्थित पार्थसारथी मंदिर 1300 साल पुराना एक अनोखा मंदिर है जहाँ श्रीकृष्ण को विशेष रूप से गीता के उपदेशक के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का नाम ‘पार्थसारथी’ संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है “अर्जुन के सारथी”। इसे 8वीं शताब्दी में पल्लव राजवंश द्वारा स्थापित किया गया था और 11वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य ने इसका पुनर्निर्माण किया। यह मंदिर अपने स्थापत्य, विशाल गोपुरम, और ‘मूंछों वाले श्रीकृष्ण’ की अद्वितीय मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर के पवित्र तालाब और अनोखी मूर्ति
पार्थसारथी मंदिर के परिसर में एक पवित्र तालाब स्थित है, जिसमें पांच पवित्र कुएं हैं। ऐसा माना जाता है कि इस तालाब का पानी गंगा से भी अधिक पवित्र है। यहाँ की मुख्य मूर्ति में भगवान कृष्ण को मूंछों के साथ दिखाया गया है, जो भारत में कहीं और नहीं पाया जाता। मंदिर के आसपास भगवान विष्णु के अन्य रूपों के भी मंदिर हैं, जिनमें भगवान नरसिंह, भगवान रंगनाथ, भगवान राम और भगवान वेंकट कृष्ण के विग्रह शामिल हैं।
पार्थसारथी मंदिर की पूजा पद्धति और ऐतिहासिक महत्व
मंदिर में देवी वेदवल्ली थायर और तमिल विद्वान अंडाल की पूजा की जाती है। यह मंदिर उन भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है जो श्रीकृष्ण को अर्जुन के मार्गदर्शक के रूप में मानते हैं और उनके गीता उपदेश को समर्पित हैं। भगवान पार्थसारथी और भगवान नरसिंह के मंदिरों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं, जिससे भक्तों को उनके आराध्य तक विशेष पहुंच मिलती है।
मंदिर के सांस्कृतिक महत्व और आकर्षण
पार्थसारथी मंदिर एक अद्वितीय तीर्थ स्थल है जहाँ ‘मूंछों वाले श्रीकृष्ण’ की पूजा की जाती है। यह मंदिर चेन्नई का प्रमुख धार्मिक स्थल होने के साथ ही, तमिलनाडु की संस्कृति और वास्तुकला का प्रतीक भी है।
इस प्रकार, चेन्नई का पार्थसारथी मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के विविध रूपों में एक अनोखा स्थान है जहाँ उनके उपदेशक स्वरूप की पूजा की जाती है।
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