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Toggle2028 Olympics’ Qualification Journey: भारतीय महिला हॉकी टीम ने ‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028′ का किया आगाज
भारत की महिला हॉकी टीम ने 2028 ओलंपिक के लिए अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी है। ‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028’ का ऐलान करते हुए, टीम ने एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (Asian Champions Trophy) का खिताब जीतकर अपनी तैयारियों की एक मजबूत नींव रखी है। यह जीत न केवल टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाती है, बल्कि भारतीय महिला हॉकी के भविष्य को भी एक नई दिशा देती है।
भारतीय महिला हॉकी टीम का ‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028′
भारत की महिला हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में क्वालिफाई नहीं कर पाने के गम को पीछे छोड़ते हुए एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (Asian Champions Trophy) में शानदार प्रदर्शन किया। टीम ने यह खिताब चीन को 1-0 से हराकर अपने मिशन की शुरुआत की है। इस खिताबी जीत को ‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028’ का पहला कदम माना जा रहा है। भारत की पुरुष जूनियर टीम को लखनऊ में 2016 में विश्व कप जिताने वाले कोच हरेंद्र सिंह इस नई यात्रा के नेतृत्व में हैं, और उनका लक्ष्य केवल लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 के लिए क्वालिफाई करना है।
एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी की जीत: एक नई शुरुआत
भारत की महिला हॉकी टीम के लिए एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (Asian Champions Trophy) में चीन पर 1-0 से जीत, 2028 ओलंपिक के लिए संभावनाओं का रास्ता खोलती है। कोच हरेंद्र सिंह का मानना है कि इस जीत से भारतीय महिला हॉकी टीम को 2026 विश्व कप और 2028 ओलंपिक की तैयारियों में सही दिशा मिलेगी। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार था, जिसमें सभी 7 मैच जीतकर वे चैंपियंस बने।
टूर्नामेंट में सितारों का जन्म
इस टूर्नामेंट के दौरान कई युवा खिलाड़ियों ने अपनी चमक दिखाई। 20 साल की दीपिका, जिन्होंने 11 गोल किए, जिसमें 4 फील्ड गोल थे, को विशेष सराहा गया। संगीता कुमारी, प्रीति दुबे, नवनीत कौर और लालरेम्सियामी जैसे खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। 17 साल की सुनेलिता टोप्पो की ड्रिब्लिंग और फ्लैंक पर दौड़ते हुए विरोधी डिफेंस को भेदने की क्षमता ने सभी को प्रभावित किया।
भारतीय महिला हॉकी टीम की मजबूती
भारतीय महिला हॉकी टीम की ताकत सिर्फ उनके हमलावर खेल में नहीं, बल्कि उनकी रक्षापंक्ति में भी दिखाई दी। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में 29 गोल किए, जिनमें से 15 गोल फील्ड गोल थे। गोलकीपर सविता पूनिया और बिछू देवी खारीबम को अधिकतर मैचों में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी, लेकिन टीम की सबसे बड़ी चुनौती पेनल्टी कॉर्नर की थी। टीम ने हर मैच में कई पेनल्टी कॉर्नर बनाए, लेकिन उनकी तब्दीलियां कम रही। विशेष रूप से जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर बेकार हो गए, जिससे यह साबित होता है कि इस क्षेत्र में टीम को अभी और मेहनत की जरूरत है।
‘मिशन 2028’ की दिशा और उद्देश्य
‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028’ सिर्फ एक खेल अभियान नहीं है, बल्कि भारतीय महिला हॉकी टीम की सफलता की कहानी को एक नई दिशा देने का मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य न केवल 2028 ओलंपिक में क्वालिफाई करना है, बल्कि भारतीय महिला हॉकी को दुनिया में सबसे श्रेष्ठ बनाना है। इस दिशा में कोच हरेंद्र सिंह की रणनीतियां और टीम का सामूहिक प्रयास महत्वपूर्ण साबित होगा।
अगले कदम: महिला हॉकी लीग और तैयारी
अब भारतीय महिला हॉकी टीम अपनी तैयारियों को और मजबूत करने के लिए रांची में होने वाली महिला हॉकी लीग पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह लीग 12 से 26 जनवरी तक आयोजित होगी, और इसे महिला हॉकी के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। इस लीग से महिला हॉकी को और अधिक प्रचार मिलेगा, और भारतीय महिला हॉकी को एक नई पहचान मिलेगी।
भारत के भविष्य के सितारे
भारत की महिला हॉकी टीम की इस जीत से कई युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। दीपिका और सुनेलिता जैसे नए सितारे भारतीय हॉकी का भविष्य हैं। इन खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारतीय महिला हॉकी टीम के पास भविष्य में विश्व स्तरीय खिलाड़ी तैयार करने की पूरी क्षमता है।
उपसंहार
‘मिशन लॉस एंजिलिस 2028’ भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक आंदोलन है। एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी (Asian Champions Trophy) में हासिल की गई जीत इस आंदोलन की पहली सीढ़ी है, और टीम को आगे बढ़ने के लिए आवश्यक आत्मविश्वास और ऊर्जा प्रदान करती है। अब देखना होगा कि भारतीय महिला हॉकी टीम अपनी तैयारियों को किस दिशा में लेकर जाती है और क्या वे 2028 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर पाती हैं।
इस पूरी यात्रा में कोच हरेंद्र सिंह और टीम का सामूहिक प्रयास महत्वपूर्ण होगा। भारतीय महिला हॉकी की इस नई शुरुआत को न केवल देश में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जाएगा।
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